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CG Board assignment- 04 class- 12th History solution (download PDF) | छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट- 04 कक्षा-12वीं इतिहास पेपर सलूशन

CG Board assignment- 04 class- 12th History solution (download PDF) | छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट- 04 कक्षा-12वीं इतिहास  पेपर सलूशन

 

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CG board assignment 04 Class-12th History

CG Board Assignment- 04 Full Paper solution November

छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट- 04 सम्पूर्ण पेपर सलूशन  नवंबर

 

CG Board Assignment -04 Class-12th History Paper Full Solution

 

नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट bandanaclasses.com पर. आज की पोस्ट में हम आपको CG board assignment -04 November  month  (महीने) का सलूशन बतायेंगे. हम अपनी वेबसाइट के माध्यम से आप लोगों को November महीने के CG board assignment - 04 के सभी विषयों के उत्तर उपलब्ध करवाएंगे. आप सभी विद्यार्थीगण हमारी वेबसाइट की सहायता से CG board assignment -04 class 10th और 12th के सभी विषयों के सलूशन और उनकी pdf भी प्राप्त कर पाएंगे. आप सभी को assignment -4 November month के क्लास 10th और क्लास 12th के सभी विषयों के उत्तर उपलब्ध कराये जायेंगे. cg board assignment- 04 में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए जुड़े रहिये हमारी वेबसाइट bandanaclasses.com से. दोस्तों छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट -04 के सभी विषयों के पेपर के full solution हमारे यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) Bandana Study Classes पर भी उपलब्ध हैं.

 

असाइनमेंट -04 किसे कहते हैं ? cg board assignment -04 का क्या मतलब है ?

 

Assignment शब्द को हिंदी भाषा में अनेक नामों से जाना जाता है. उदाहरण के लिए - सत्रीय कार्य, दत्त कार्य अथवा प्रदत्त कार्य के नाम से भी जानते हैं. यह असाइनमेंट सभी विद्द्यार्थियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यदि आप cg board Assignment -3 को हल्के में ले रहे हैं तो यह गलत है क्योंकि इससे आपको बहुत ही अधिक नुकसान हो सकता है. इससे आपकी अंतिम ग्रेड भी प्रभावित होगी. cg board assignment 4 Class 10th and 12th answer pdf download आप सभी विद्द्यार्थी हमारी website की सहायता से Class -10th और Class -12th के cg board assignment 4 के सभी विषयों के उत्तर प्राप्त कर सकते हैं. यह असाइनमेंट केवल कक्षा -10वीं तथा कक्षा -12वीं के छात्रों के लिए जा रहे हैं.

 

Assignment -04में अच्छा उत्तर कैसे लिखे ?

 

यदि आप जानना चाहते हैं कि असाइनमेंट में अच्छा उत्तर कैसे लिखे ? तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़िए. यदि आप असाइनमेंट लिखने जा रहे हैं तो सर्वप्रथम आपको यह ज्ञात होना चाहिए कि असाइनमेंट लिखने के लिए आपको किन - किन चीज़ों की आवश्यकता होगी? cg board Assignment -1 and cg board Assignment -3में आपको यह ज्ञात हो गया होगा फिर भी आपकी जानकारी के लिए एक बार मैं आपको बता देता हूँ.

 

सर्वप्रथम आप बाजार से बड़े आकार के पेपर अथवा प्रोजेक्ट पेपर खरीद ले साथ ही आप एक ब्लू पेन भी खरीद ले. आप इस बात का ध्यान रखे कि आप लाल पेन का कदापि भी इस्तेमाल मत करें. असाइनमेंट लिखते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखनी चाहिए जो आपको नीचे बताई जा रही है.

 

Assignment – 04 लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखें -

 

सबसे महत्वपूर्ण सूंदर हैंडराइटिंग में ही लिखे.

 

प्रश्न क़े अनुसार ही उत्तर लिखे.

 

अनावश्यक शब्दों का प्रयोग न करें.

 

लाल पेन का इस्तेमाल न करें.

 

असाइनमेंट में दिए गए शब्द सीमा में ही सभी प्रश्नों क़े उत्तर लिखें.

 

 

Assignment -04 का प्रथम पेज कैसे बनाये?

 

असाइनमेंट क़े फर्स्ट पेज को भरते समय अधिकतर छात्र गलती कर देते हैं. असाइनमेंट क़े प्रथम पेज में जो निर्देश आपको दिए जाते हैं उसी क़े अनुसार उसे आपको भरना होता है. उदाहरण क़े लिए पाठ्यक्रम का कोड, असाइनमेंट कोड, टॉपिक का नाम, आपका नाम और आपके पिता जी का नाम भी पुछा जा सकता है. यह सभी जानकारी बहुत ही सावधानी पूर्वक भरनी चाहिए. इसके बिना आपका Assignment  स्वीकार नहीं किया जायेगा. प्रथम पेज पर सारी जानकारी भरने क़े बाद आप असाइनमेंट लिखना प्रारम्भ कर सकते हैं. असाइनमेंट लिखने क़े पहले आप यह भी जान लीजिये कि असाइनमेंट आपको अपनी हैंडराइटिंग में ही लिखना होगा. आप उसे टाइप करके नहीं लिख सकते और आप अपने घर क़े किसी सदस्य से भी assignmnet नहीं लिखवा सकते. यदि बोर्ड को यह पता चलता है कि आपने अपना असाइनमेंट अपने घर क़े किसी मेंबर अथवा दोस्त से लिखवाया है तो आपका असाइनमेंट निरस्त भी किया जा सकता है. कुछ विशेष परिस्थितियों में आपको छूट दी जा सकती है. पर असाइनमेंट आपको खुद से ही लिखना होगा. आपको प्रत्येक assignmnet  की एक अलग से फाइल बना लेनी है. अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखकर असाइनमेंट लिखना आरम्भ करते हैं तो आपका assignmnet  बहुत ही आकर्षक तथा सबसे यूनिक होगा. उपर्युक्त सभी बातों को ध्यान में रखकर ही अपना असाइनमेंट लिखना आरम्भ करें.

 

असाइनमेंट -04 को लिखते समय किन - किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

 

असाइनमेंट लिखने के पहले आप रफ़ कार्य जरूर करें

 

असाइनमेंट के हर एक प्रश्न को एक से दो बार पढ़ कर ही अपना उत्तर लिखे. और इस बात का ध्यान रखे कि प्रश्न में जो पूछा गया है उसका उत्तर सबसे पहले दे और प्रश्न की शब्द सीमा का भी ध्यान रखे.

 

प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले प्रश्न से सम्बंधित टॉपिक के बारे में अपनी किताब में पढ़े.

 

अगर हो सके तो चित्र का प्रयोग असाइनमेंट में अवश्य करे.

 

अपने उत्तर को असाइनमेंट में पॉइंट टो पॉइंट लिखे.

 

उत्तर लिखते समय इस बात का विशेष ख्याल रखे कि भाषा में त्रुटि न हो. मात्रा और व्याकरण सम्बन्धी गलतियों पर विशेष ध्यान दें.

 

असाइनमेंट में ज्यादा कलर का प्रयोग न करें.

 

 

छत्तीसगढ़ असाइनमेंट- 04 कक्षा 10वीं & 12वीं 2021 - 22 

Solution all subject download pdf

 

प्रिय छात्रों यदि आप छतीशगढ बोर्ड के विद्द्यार्थी हैं तो आप यह जानते ही होंगे कि छत्तीसगढ़ बोर्ड विगत एक दो वर्ष से ही कक्षा दसवीं और बारहवीं के असाइनमेंट ले रहा हैं. इसके पूर्व आपके असाइनमेंट -1,2 और असाइनमेंट -3लिए जा चुके हैं. और अब आपके असाइनमेंट 4होना है. असाइनमेंट 4 के कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के सभी विषय के सलूशन आपको हमारी वेबसाइट [ bandana classes.com] के माध्यम से मिल जायेंगे और आप सम्बंधित आंसर की pdf भी download कर पाएंगे.

 

[bandana classes.com ] वेबसाइट पर MP बोर्ड , UP बोर्ड ,Rajasthan बोर्ड और छत्तीसगढ़ बोर्ड से सम्बंधित सभी प्रमुख जानकारी आपको प्रदान की जाती है. इसलिए सभी प्रमुख जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट [bandana classes.com ] पर विजिट करते रहे. हमारी website पर आपको सभी विषयों से सम्बंधित पाठ्य - सामग्री भी मिल जाएगी और आपके सभी विषयों के assignment के solution भी मिल जायेंगे.  

 

 

 

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर

शैक्षणिक सत्र 2021- 22 माह नवंबर

असाइनमेंट- 04

कक्षा-  12वीं

विषय- इतिहास

 

प्रश्न-1 1857 के प्रथम शहीद मंगल पांडे की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लिखिए। (अंक -3 शब्द सीमा  50-75)

 

उत्तर- अंग्रेजो के खिलाफ सिर उठाने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिकारी के तौर पर विख्यात मंगल पांडे ने पहली बार" मारो फिरंगी "को का नारा देकर भारतीयों का हौसला बढ़ाया था। उनके विद्रोह से ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई थी।आज ( 19 जुलाई )194 जयंती है। 29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेजो के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने कलकत्ता के पास बैरकपुर परेड मैदान में रेजिमेंट के अफसर  पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। उन्हें ऐसा महसूस हुआ था कि यूरोपीय सैनिक भारतीय सैनिकों को मारने रहे हैं। उसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया था। वे ईस्ट इंडिया कंपनी में सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे। लेकिन बाद में उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के भारतीयों के ऊपर अत्याचार को देखकर अंग्रेजो के खिलाफ सिर उठाया था।

 

प्रश्न-2 सन् 1857 के विद्रोह का स्वरूप क्या था ?लिखिए। (अंक -3 शब्द सीमा 50-75)

 

उत्तर1857 के विप्लव का स्वरूप क्या था, इस प्रश्न पर विद्वान एकमत नहीं है। 1857- 58 में कुछ अंग्रेजों की यह मान्यता थी कि विप्लव जनसाधारण द्वारा असंतोष अभिव्यक्ति का एक उदाहरण था, किंतु अधिकांश ब्रिटिश लेखकों ने इसे मात्र सैनिक विद्रोह की संज्ञा दी है। ईसाई मिशनरी तथा आध्यात्मिक विचारधारा के लोग ईश्वर द्वारा भेजी गई विपत्ति समझते थे, क्योंकि कंपनी प्रशासन ने भारतीय प्रजा को ईसाई नहीं बनाया। कुछ अंग्रेज लेखकों ने इसे हिंदू मुसलमानों का ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेंकने का षड्यंत्र भी बताया था। इन विचारों के ठीक विपरीत 1909 में विनायक दामोदर सावरकर ने इसे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा। अतः इस विप्लव के स्वरूप के बारे में आज भी मतभेद विद्यमान हैं।

 

सर जॉन सीले के अनुसार 1857 की क्रांति पूर्णता राष्ट्रीय तथा स्वार्थी सैनिकों का विद्रोह था, जिसका ना कोई देसी नेतृत्व था और ना जनता का सहयोग। सर जॉन लॉरेंस ने इसे भी केवल सैनिक विद्रोह बताया है। और इसका प्रमुख कारण चर्बी वाले कारतूस बताया। पी राबर्ड्स भी एस्सेल विशुद्ध सैनिक विद्रोह मानते थे। वी स्मिथ ने लिखा है कि यह एक शुद्ध रूप से सैनिक विद्रोह था, जो संयुक्त रूप से भारतीय सैनिकों की अनुशासनहीनता और अंग्रेज सैनिक अधिकारियों की मूर्खता का परिणाम था। इस प्रकार लगभग सभी विदेशी इतिहासकार इसे एक सैनिक विद्रोह मानते हैं।

 

प्रश्न-3 1857 की क्रांति के कारणों पर विस्तृत लेख लिखिए। (अंक -6 शब्द सीमा 150-200)

 

उत्तर -   1857 की क्रांति के कारण

 

1857 की क्रांति मात्र सिपाहियों के असंतोष या चर्बीवाले कारतूसों का परिणाम नहीं था। इंग्लैंड में समकालीन रूढ़िवादी दल के प्रमुख नेता बेंजामिन डिजरायली का विचार था कि यह विद्रोह एक आकस्मिक प्रेरणा नहीं अपितु एक सचेत संयोग का परिणाम था। साम्राज्य का उत्थान पतन चर्बीवाले कारतूसो से नहीं होते। ऐसे विद्रोह उचित और पर्याप्त कारणों के एकत्रित होने से होते हैं। लार्ड सेलिसबरी ने भी हाउस ऑफ कॉमर्स में कहा था कि वह यह मानने को तैयार नहीं है कि ऐसा व्यापक और शक्तिशाली आंदोलन चर्बीवाले कारतूस को लेकर हो सकता है। वस्तुतः यह क्रांति औपनिवेशिक शासन के चरित्र उसकी नीतियों और कंपनी के शासन के प्रति जनता के संचित असंतोष और धृणा का परिणाम था। एक शताब्दी से अधिक समय तक अंग्रेज इस देश पर धीरे-धीरे अपना अधिकार बढ़ाते जा रहे थे। और इस काल में भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों में विदेशी शासन के प्रति जन असंतोष और घाना में वृद्धि होती रही। इस असंतोष और घृणा ने क्रांति के लिए विस्फोटक एकत्र कर दिया, जैसलमेर चर्बीवाले कारतूस ने चिंगारी का काम किया।

 

1- राजनीतिक कारण -

 

1857  की क्रांति होने के ज्यादातर कारण डलहौजी की साम्राज्यवादी नीति से उत्पन्न हुए थे जिसमें डलहौजी की बहुत से सिद्धांतों जैसे गोद निषेध सिद्धांत जिससे डलहौजी ने अनेक रियासतों को समाप्त कर दिया। डलहौजी द्वारा राज्यों पर कुशासन का आरोप लगातार कई लोगों का अपहरण कर लिया गया जिससे कई रियासतें समाप्त होने लगी और उन पर आश्रित रहने वाले लोगों पर इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा। मुगल सम्राट के साथ डलहौजी के दुर्व्यवहार से भी जनता बहुत क्रोधित हो गई और उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया। कुछ समय पश्चात यह अफवाह फैली कि रूस क्रीमिया युद्ध का बदला लेने के लिए भारत पर आक्रमण कर रहा है जिससे भारतीय प्रोत्साहित हुए और उन्होंने निर्धारित किया कि जब अंग्रेजी रूस के साथ युद्ध में उलझे हुए होंगे तब उनके विरुद्ध विद्रोह करने पर उन्हें  सफलता मिल सकती है।

 

2- प्रशासनिक कारण

 

लार्ड कर्नवालिश द्वारा भारतीयों को उच्च पदों से वंचित रखा गया था इसका मुख्य कारण भारतीयों पर विश्वास ना करना था। 1833 के चार्टर एक्ट एवं रंगभेद नीति समाप्त करके कंपनी की सेवा में भारतीयों को लेने की घोषणा की गई थी। परंतु एक्ट की इस धारा को कभी लागू नहीं किया गया। इसके अलावा न्यायिक  दृष्टि से अंग्रेज भारतीयों की तुलना में अधिक सर्वश्रेष्ठ समझे जाते थे इसलिए भारतीय जजों की अदालत में उनके विरुद्ध कोई मुकदमा दायर नहीं हो सकता था।

 

अंग्रेजी शासन द्वारा भारतीयों के लिए जो भी प्रणाली लागू की गई थी वह भारतीयों के लिए बिल्कुल नहीं थी जिस कारण वे उस प्रणाली को ठीक तरीके से समझ नहीं सके।

 

3- सामाजिक कारण-

 

1857 की क्रांति में कई सामाजिक कारण भी सम्मिलित थे, अंग्रेजों द्वारा भारतीय समाज का मजाक उड़ाया जाने से भारतीय समाज में इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा इसके अलावा भारतीय समाज में पश्चिमी समाज का अत्यधिक प्रभाव पड़ने के कारण भारतीयों को यह लगा कि इससे हमारे समाज का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया।

 

4- आर्थिक कारण-

 

1857 की क्रांति होने के कारणों में आर्थिक कारण भी मुख्य रुप से सम्मिलित किए जाते हैं। अंग्रेजों द्वारा देश का आर्थिक शोषण करना आरंभ किया और देश के परंपरागत ढांचे को बदलने का पूरा प्रयास किया तो ऐसे भारतीय समाज में असंतोष और क्रोध उत्पन्न हुआ इसके अलावा अंग्रेजों ने बहुत बड़ी संख्या में किसानों और दस्त कारों की स्थिति पर भी बहुत बुरा प्रभाव डाला जिसके कारण भारतीय समाज की इस स्थिति में एक राधिका रूप धारण कर लिया।

 

प्रश्न-4 1857 के विद्रोह की असफलता के प्रमुख कारणों को लिखिए। (अंक -8 शब्द सीमा 250-300)

 

उत्तर -  1857 की क्रांति होने से पहले मेरठ छावनी के सभी सैनिकों ने इस क्रांति की देशव्यापी शुरुआत करने के लिए 31 मई 1857 का दिन निर्धारित किया था। जिससे क्रांति के प्रभाव को और व्यापक रूप दिया जा सकता था परंतु सैनिकों ने आक्रोश में आकर निर्धारित समय से पहले ही 10 मई 1857 को विद्रोह करना शुरू कर दिया जिस कारण क्रांति की शुरुआत देश के सभी क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर हुई जिसका यह परिणाम सामने आया कि अंग्रेजों द्वारा क्रांतिकारियों का दमन करना बहुत सरल हो गया था।

 

यदि देश के सभी क्षेत्रों में क्रांति की शुरुआत एक साथ होती तो इसके परिणाम बहुत अच्छे हो सकते थे लेकिन सैनिकों की यह कार्रवाई 1857 क्रांति की  असफलता का सबसे बड़ा कारण बनी। इसके अलावा अन्य कारण भी थे जिससे 1857 की क्रांति असफल हुई वे कारण निम्नलिखित हैं-

 

1- क्रांति का देशव्यापी प्रसार ना होना-

 

 हालांकि 1857 की क्रांति ने बहुत कम समय में ही देश में व्यापक रूप धारण कर लिया था। परंतु फिर भी इसका देशव्यापी विस्तार नहीं हो पाया। यदि क्रांति का विस्तार संपूर्ण देश में एक साथ होता तो अंग्रेजों को अपनी सेनाओं को भारत के सभी क्षेत्रों में तैनात करना पड़ता जिससे उनकी सेना की संख्या पूरे भारत के लिए कम पड़ जाती और शायद आजादी का यह प्रथम विद्रोह सफल हो जाता। सक्रांति के असफल होने का कारण यह भी था कि क्रांति के दौरान पंजाब और संपूर्ण दक्षिण प्रांतों के अधिकांश क्षेत्रों में इस क्रांति का विस्तार ना के बराबर था और देश के एहसास को जैसे होलकर सिंधिया जोधपुर के राणा और अन्य सभी ने इस विद्रोह का समर्थन नहीं किया।

 

2- प्रभावी नेतृत्व का ना होना

 

 1857 की क्रांति की असफलता का एक कारण यह भी है कि विद्रोह का एक प्रभावशाली नेतृत्व नहीं किया गया था। इस क्रांति में विद्रोहियों के साथ मिलकर कार्य करने की शक्ति, अनुभव एवं संगठन का निर्माण नहीं किया गया किंतु फिर भी रानी लक्ष्मीबाई नानासाहेब और तात्या टोपे ने कुशल नेतृत्व की कमान संभाली हुई थी। क्रांति के विद्रोह में स्पष्ट ठोस लक्ष्य एवं विद्रोहियों के एक कदम के बाद अगला कदम क्या होगा यह भी निर्धारित नहीं किया गया था वह केवल आक्रोश की परिस्थितियों में ही आगे बढ़ रहे थे।

 

3- सैनिक संख्या में अंतर

 

1857 की क्रांति के सैनिकों की संख्या अंग्रेजों की सड़कों की अपेक्षा बहुत कम थी क्योंकि देसी रियासतों द्वारा अपने सैनिकों को अंग्रेजी सेना के सहयोग के लिए भेज दिया गया था। इन सभी परिस्थितियों के बावजूद भी भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस के साथ कई अंग्रेजी सैनिकों को मात दी परंतु फिर भी कुछ कमियों के कारण भी असफल हो गए।

 

4- संसाधनों का अभाव

 

 1857 की क्रांति में आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण क्रांतिकारी आधुनिक शास्त्रों के उपयोग से वंचित रह गए थे जो उनकी असफलता का कारण था। यीशु क्रांति में क्रांतिकारियों ने तलवारों एवं बालों का उपयोग किया था इसके विपरीत विरोधी ब्रिटिश सेना ने आधुनिक तोपों एवं बंदूकों का इस्तेमाल किया जिससे क्रांतिकारी कमजोर पड़ गए इसके अलावा 1857 की क्रांति में अंग्रेजों द्वारा डाक रेल एवं अन्य सभी संचार के सत्ताधारी साधनों का भरपूर प्रयोग किया गया और क्रांतिकारियों को यह भी सभी साधन उपलब्ध नहीं हो पाए जिनके प्रभाव से उनकी सफलता निश्चित हो गई।

 

5- आपसी फूट और बहादुर शाह के प्रति द्वेष

 

1857 की क्रांति के दौरान ब्रिटिश सरकार हिंदुओं और मुसलमानों को गुमराह करने में असफल हो गई थी परंतु वे सांप्रदायिक तौर पर सिख रेजीमेंट और मद्रास के सैनिकों को अपने पक्ष में करने में सफल हो गई। अंग्रेजों ने मराठों सीखो एवं गोरखा को बहादुर शाह के विरुद्ध खड़ा करके यह कहा कि यदि बहादुर शाह के हाथों में सत्ता द्वारा गए तो उन सभी पर अत्याचार होगा जिससे उनके मन में बहादुर शाह के प्रति द्वेष की भावना उत्पन्न हो गई। इसके अलावा और भी ऐसे कारण हैं जिनसे देशवासियों में फूट डालने और एकता को भंग करने का प्रयास किया गया था। इन कारणों से देश में सहयोग की भावना का अंत होने लगा जो शायद क्रांतिकारियों को कमजोर करने का प्रमुख कारण था।

 


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