MP Pre Board 12th Business Study paper 2022 (download pdf) / एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-12वीं व्यवसाय अध्ययन पेपर full solution
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MP Pre Board 12th Business Study paper 2022 full solution
एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-12वीं व्यवसाय अध्ययन पेपर फुल सलूशन download PDF
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Bandana classes.com पर। दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश में जो आपकी एमपी प्री बोर्ड ओपन बुक (open book) पद्धति से प्री बोर्ड एग्जाम (pre board exam) 2022 लिए जा रहे हैं, तो कक्षा 12वीं के व्यवसाय अध्ययन विषय का पूरा फुल सलूशन इस पोस्ट में है। इस पोस्ट को आप को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमशः दिए गए हैं। यदि आपको इसकी पीडीएफ (pdf) चाहिए तो आपको टेलीग्राम ग्रुप के लिंक दी गई है ज्वाइन करें, वहां पर आपको पीडीएफ मिल जाएगी। दोस्तों इसके साथ ही हमारे यूट्यूब चैनल (YouTube channel) Bandana study classes को भी Subscribe कर लीजिए जहां पर आपको MP Pre Board 2022 के सभी विषयों के पेपर सलूशन वीडियो में मिल जाएंगे।
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दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आपके एमपी प्री बोर्ड परीक्षाएं जोकि जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है, उनकी बेहतर तैयारी के लिए जुड़े रहिए हमारी वेबसाइट से। हमारी वेबसाइट पर आपको MP Pre Board Exam 2022 के सभी विषयों के पेपर एवं सलूशन उपलब्ध करवाए जाएंगे। दोस्तों हमारी वेबसाइट के माध्यम से आप लोगों को एमपी प्री बोर्ड एग्जाम 2022 से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए कक्षा दसवीं व्यवसाय अध्ययन का मॉडल पेपर लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आप अपनी अच्छे तरीके से तैयारी कर सकें। दोस्तों अगर आप चाहते हैं कि आप के प्री बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर आए तो आप लोग हमारी साइट bandana classes.comपर विजिट करते रहिए।
MP pre board exam 2022
जो छात्र इस साल 2022 में प्री बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं तो उनके लिए हम एक मॉडल पेपर लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप अच्छे से अच्छी तैयारी कर पाएंगे। यह प्री बोर्ड पेपर आपका 2019 में हुआ है। दोस्तों इस पेपर को देखने के बाद आपको पता चलेगा कि पेपर का पैटर्न कैसे तैयार किया जाता है और पेपर में कितने क्वेश्चन पूछे जाते हैं। यह सब जानकारी आपको हमारी इस पोस्ट में देखने को मिलेगी।
12th Business Study pre board paper 2022
कक्षा दसवीं प्री बोर्ड पेपर 2022 में जो छात्र कक्षा दसवीं के पेपर देना चाहते हैं उनके लिए यह पोस्ट बहुत ही उपयोगी साबित होने वाली है क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको प्री बोर्ड में हुए कुछ पुराने पेपर लेकर आए हैं। किसी भी परीक्षा में अच्छे अंक लाने का बेहतर और आसान तरीका होता है कि पिछले सालों में आए पेपर को देखें और उनसे तैयारी करें। क्योंकि अगर आप पिछले 5 सालों के पेपर को देखेंगे तो आपको यहां पर repeated question देखने को मिल जाते हैं। और अक्सर देखा गया कि पिछले question paper से 40% तक आपका new question paper बनाया जाता है।
MP प्री बोर्ड परीक्षा 2022 की तैयारी कैसे करे?
MP प्री बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करने के लिए नीचे कुछ Tips बताए गए हैं जिन्हें follow करके आप एग्जाम में अच्छे नंबर ला सकते हैं-
1. सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि प्री बोर्ड परीक्षा का सिलेबस कितना आने वाला है।
2. इसका सबसे बेहतरीन तरीका है कि आपने इससे पहले त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा दी है।
3. अर्धवार्षिक परीक्षा तक आपका half syllabus पूछा जा चुका होता है अब बारी आती है आपकी प्री बोर्ड परीक्षा की इसमें आपका पूरा सिलेबस पूछा जाएगा।
4. आप पूरा सिलेबस अच्छी तरीके से तैयार करें।
5. पिछले साल के प्री बोर्ड पेपर को हल करें।
6. एग्जाम के दिन से पहले अपनी तैयारी को पूरा करें।
आप इन सभी टिप्स को फॉलो करके परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकते हैं।
हायर सेकेंडरी परीक्षा-2022
कक्षा-12वीं
विषय-व्यवसायिक अध्ययन
Time 3:00 hours Marks-80
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनिए-
1. प्रबंध का पहला कार्य है-
नियुक्ति करण
नियोजन
समन्वय
नियंत्रण
2. भारत में नवीन आर्थिक नीति लागू की गई थी-
सन 1998 में
सन 1991 में
सन 1994 में
सन 1996 में
3. अधिकार अंतरण नहीं किया जा सकता है-
दैनिक कार्य का
सामान्य कार्य का
सरल कार्य का
गोपनीय कार्य का
4. प्रशिक्षण में बल दिया जाता है-
सैद्धांतिक ज्ञान पर
सर्वागीण ज्ञान पर
सामान्य ज्ञान पर
व्यावहारिक ज्ञान पर
5. संप्रेषण अंगूरलता के समान माना जाता है-
औपचारिक संप्रेषण
अनौपचारिक संप्रेषण
सांकेतिक संप्रेक्षण
लिखित संप्रेषण
6. विपणन का कार्य नहीं है-
विज्ञापन
परिवहन
संग्रहण
अभिप्रेरण
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
1. नियोजन…भविष्य…. भविष्य के बारे में सोचने की प्रक्रिया है।
2. विकेंद्रीकरण… भारार्पण... का ही एक विकसित रूप है।
3. चयन एक साध्य है…प्रारंभ…. नहीं।
4. अभिप्रेरणा…दो…. प्रकार की होती है।
5. वित्तीय प्रबंध, सामान्य प्रबंध की …शाखा…. है।
6…ब्रांड…द्वारा वस्तु की पहचान स्थापित की जाती है।
7. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम …1986… में बनाया गया था।
प्रश्न 3. सही जोड़ियां बनाइए-
मुख्य कार्यकारी अधिकारी-उच्च स्तरीय प्रबंध
हेनरी फयोल-अनुशासन का सिद्धांत
f.w. टेलर-प्रयोग का सिद्धांत
अनौपचारिक संगठन-सामाजिक संबंध
आंतरिक स्रोत-पदोन्नति
बाह्य स्रोत-परिसर भर्ती
प्रश्न 4. एक वाक्य में उत्तर दीजिए-
1. अधिकार अंतरण के कितने तत्व होते हैं।
उत्तर- अधिकार, उत्तरदायित्व और जवाबदेही।
2. वेतन कौन सी अभिप्रेरणा है।
उत्तर- वित्तीय अभिप्रेरणा
3. वास्तविक कार्य प्रगति और प्रमाप के अंतर को क्या कहते हैं।
उत्तर- नियंत्रण
4. कच्चे माल की पूर्ति को बनाए रखना कौन सा नियंत्रण है।
उत्तर- सामग्री नियंत्रण
5. वित्तीय नियोजन कितने प्रकार का होता है।
उत्तर- अल्पकालीन, मध्यकालीन, दीर्घकालीन
6. मुद्रा बाजार का नियंत्रण किस संस्था द्वारा किया जाता है।
उत्तर- केंद्रीय बैंक
7. देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज कौन सा है।
उत्तर- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
प्रश्न 5. सत्य/असत्य में उत्तर लिखिए।
1. बजट भावी अनुमानों पर आधारित होते हैं। सत्य
2. संप्रेषण सदैव लिखित में होते हैं। असत्य
3. नेतृत्व, निर्देशन का एक अंग है। सत्य
4. विचलन सदैव ऋणात्मक होता है। असत्य
5. पूंजी व्यवसाय का जीवन रक्त है। सत्य
6. पूंजी बाजार संगठित बाजार है। सत्य
प्रश्न 6. प्रबंध एक गतिशील प्रक्रिया है स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नए प्रवर्तन से क्या आशय है?
उत्तर- प्रबंधन एक गतिशील प्रक्रिया है क्योंकि यह पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के साथ बदलती रहती है। यह निरंतर प्रक्रिया है क्योंकि यह उपलब्ध संसाधनों का कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से उपयोग करके वांछित लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लोगों के प्रयासों के समन्वय का कार्य है। यह तब तक जारी रहता है जब तक संगठन द्वारा लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जाता है।
प्रश्न 7. प्रबंध के दो प्रमुख कार्य लिखिए?
अथवा
प्रबंध की कोई दो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- प्रबंध की दो विशेषताएं-
1. प्रबंध एक सतत क्रिया है- व्यवसाय में निरंतर समस्याओं का समाधान व सुधार करने की आवश्यकता रहती है। इसी कारण प्रबंध को एक सतत क्रिया कहा जाता है। व्यवसायिक इकाइयों के आकार तथा परिस्थितियों की गतिशीलता के कारण यह क्रिया निरंतर जटिल होती जा रही है।
2. प्रबंध अधिकारों की श्रंखला है- एक संगठन में प्रबंध के विभिन्न स्तर पाए जाते हैं। प्रत्येक निम्न स्तर उच्च स्तर से अधिकार प्राप्त करता है एवं उसके प्रति जवाबदेह होता है। परिणाम स्वरूप प्रबंध का एक ढांचा तैयार हो जाता है।
प्रश्न 8. वैश्वीकरण से क्या आशय है?
अथवा
उदारीकरण से क्या आशय है?
उत्तर- वैश्वीकरण- वैश्वीकरण में संपूर्ण विश्व को एक बाजार का रूप प्रदान किया जाता है। वैश्वीकरण से आशय विश्व अर्थव्यवस्था में आए खुले पन, बढ़ती हुई अंतर निर्भरता (पारस्परिक निर्भरता) तथा आर्थिक एकीकरण के फैलाव से है। इसके अंतर्गत विश्व बाजारों के मध्य पारस्परिक निर्भरता उत्पन्न होती है तथा व्यवसाय देश की सीमाओं को पार करके विश्वव्यापी रूप धारण कर लेता है। वैश्वीकरण के द्वारा ऐसे प्रयास किए जाते हैं कि विश्व के सभी देश व्यवसाय एवं उद्योग के क्षेत्र में एक दूसरे के साथ सहयोग एवं समन्वय स्थापित करें।
प्रश्न 9. व्यावसायिक पर्यावरण से क्या आशय है?
अथवा
निजीकरण के कोई दो लाभ लिखिए?
उत्तर- निजीकरण के कोई दो लाभ-
1. आकर्षक निवेश- उचित संरचना और उत्तम साधनों के चलते निवेशक निजी क्षेत्र की कंपनियों पर अधिक भरोसा करते हैं। इसलिए सार्वजनिक क्षेत्र के मुकाबले निजी क्षेत्र की कंपनियों में बढ़िया निवेश पाया जाता है।
2. राजनीतिक हस्तक्षेप में कमी- निजी क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप कम होता है या बिल्कुल भी नहीं होता। बाजार में मांग और आपूर्ति के अनुसार कंपनियां नीतिगत फैसले करती हैं। मूल्यों में कमी और पदार्थों में गुणवत्ता इसका परिणाम है।
प्रश्न 10. नियोजन के कोई दो उद्देश्य लिखिए।
अथवा
व्यूह रचना या राजनीति किसे कहते हैं?
उत्तर- नियोजन के कोई दो उद्देश्य-
1. भावी कार्य योजना तैयार करना- नियोजन का आशय है भविष्य के गर्त को देखना अर्थात भविष्य में क्या, कहां, कैसे, किससे व कौन कार्य करेगा। इसकी रूपरेखा तैयार करना ही नियोजन का उद्देश्य होता है।
2. भावी गतिविधियों में निश्चितता लाना- कार्य योजना सुनिश्चित ना होने से कौन सा कार्य कब, कहां, कैसे व कौन करेगा। यह अनिश्चित रहता है, जबकि इसका पूर्व निर्धारण कर लेने से भविष्य के कार्यों में निश्चितता आती है। अतः नियोजन भविष्य के कार्य में निश्चिंतता व स्थिरता प्रदान करता है।
प्रश्न 11. अधिकार अंतरण से क्या आशय है?
अथवा
विकेंद्रीकरण से क्या आशय है?
उत्तर- विकेंद्रीकरण- विकेंद्रीकरण भारार्पण का ही एक विकसित रूप है। जब किसी उच्च अधिकारी द्वारा अधिनस्थ कर्मचारी को अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में अधिकारों का भारार्पण किया जाता है तो वह विकेंद्रीकरण कहलाता है। इस प्रकार विकेंद्रीकरण एक प्रकार से प्रेरणा तथा उत्तरदायित्वों का वितरण है जिसके अंतर्गत निम्नतर स्तरों को लगभग समस्त अधिकार व्यवस्थित रूप से सौंप दिए जाते हैं। अतः विकेंद्रीकरण का क्षेत्र भारार्पण की तुलना में अधिक व्यापक होता है।
प्रश्न 12. औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में दो अंतर लिखिए?
अथवा
संगठन के कोई दो उद्देश्य लिखिए?
उत्तर-
औपचारिक संगठन-
इसका निर्माण किसी योजना को पूरा करने के लिए विचार-विमर्श करके किया जाता है।
इसे किसी तकनीकी उद्देश्य को पूरा करने के आदेश से बनाया जाता है।
अनौपचारिक संगठन
इसका निर्माण स्वतः ही सामाजिक संबंधों द्वारा होता है।
इसका निर्माण सामाजिक संतोष प्राप्त करने के लिए होता है।
प्रश्न 13. विपणन से क्या आशय है?
अथवा
जनसंपर्क क्या है?
उत्तर- जनसंपर्क- जनसंपर्क एक प्रबंधन कार्य है जो सार्वजनिक दृष्टिकोण का मूल्यांकन करता है, एक संगठन की नीतियों और प्रक्रियाओं को सार्वजनिक हित और एक संगठन को जनता के हित के साथ पहचानता है और सार्वजनिक समझ और स्वीकृति अर्जित करने के लिए कार्यवाही और संचार के एक कार्यक्रम को निष्पादित करता है।
प्रश्न 14. "इको-मार्क" स्कीम क्या है?
अथवा
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के कोई दो उद्देश्य लिखिए?
उत्तर- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के मुख्य उद्देश्य हैं-
उपभोक्ता को बेहतर और सर्वांगीण सुरक्षा प्रदान करना।
शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए मशीनरी प्रदान करना।
उपभोक्ताओं को अधिकार प्रदान करना।
उपभोक्ताओं के निवारण के लिए ढांचा तैयार करना।
उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना।
प्रश्न 15. उपभोक्ता की कोई दो समस्याओं का वर्णन कीजिए?
अथवा
उपभोक्ता के किन्हीं दो अधिकारों को लिखिए?
उत्तर- उपभोक्ता के कोई दो अधिकार निम्नलिखित हैं-
1. चुनाव का अधिकार - उपभोक्ता को क्या खरीदा जाए और क्या नहीं खरीदा जाए, इस विषय में चुनाव करने का अधिकार है। कभी-कभी, जब आप कोई सेवा प्राप्त करते हो या वस्तु खरीदते हो तो आप ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि आपको उन वस्तुओं का क्रय करने के लिए बाध्य किया जाता है जिन्हें आप खरीदना नहीं चाहते। दुकानदार शर्त रख देता है और आपके पास चुनाव की गुंजाइश नहीं रहती है। आप, उपभोक्ता के रूप में अपना चुनाव अधिकार खो देते हैं।
2. सुरक्षा का अधिकार - यह अधिकार, ऐसी वस्तुओं के विक्रय के संबंध में संरक्षण उपलब्ध कराता है जो स्वास्थ्य और जीवन के लिए असुरक्षित है।
प्रश्न 16. वित्तीय और गैर वित्तीय अभिप्रेरणा से क्या आशय है?
अथवा
निर्देशन के कोई तीन सिद्धांतों का वर्णन कीजिए?
उत्तर- वित्तीय अभिप्रेरणा - सामान्य शब्दों में वित्तीय अभिप्रेरणा दो अलग-अलग अक्षरों से मिलकर बना हुआ है। वित्त यानी कि धन पैसा एवं अभिप्रेरण यानी कि उत्साहित करना। वित्तीय अभिप्रेरण कर्मचारियों की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक मानी जाती है।
कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय अभिप्रेरणा को ही अपनाया जाता है। यह अभिप्रेरणा का सबसे लोकप्रिय तरीका है। वित्तीय अभिप्रेरणा में उच्च वेतन, वेतन वृद्धि, बोनस, लाभों की हिस्सेदारी, पेंशन, ग्रेच्युटी, बीमा, भविष्य निधि, अंशदान, विशेष वेतन वृद्धि आदि को सम्मिलित किया जाता है।
गैर वित्तीय अभिप्रेरणा - यह वित्तीय अभिप्रेरण के ठीक विपरीत होता है। अवित्तीय अभिप्रेरण दैनिक की अभिप्रेरण होती है जो श्रमिकों की आवश्यकताओं को संतुष्ट करता है।अवित्तीय अभिप्रेरणाओं का मूल यह है कि इसमें कर्मचारियों को अभिप्रेरणा पैसा ना देकर अन्य किसी रूप में दिए जाते हैं।
इस अभिप्रेरण के निम्नलिखित प्रारूप है जैसे- अच्छा नेतृत्व, नौकरी की सुरक्षा, अधिकारों का प्रत्यायोजन, मान्यता, कार्य में गर्व महसूस करना।
प्रश्न 17. नियंत्रण के कोई तीन उद्देश्य लिखिए?
अथवा
प्रभावशाली नियंत्रण प्रणाली के कोई तीन आवश्यक तत्व लिखिए।
उत्तर- नियंत्रण के तीन उद्देश्य-
नियंत्रण का मुख्य उद्देश्य यह जांचना और सुनिश्चित करना है कि कार्य का निष्पादन योजनाओं के अनुसार हो।
योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रबंधकों को प्रगति को मापने के लिए ठीक से योजना बनानी होगी और उन्हें कार्य को प्रभावी ढंग से करने के लिए निर्देशित करने के लिए प्रतिक्रिया प्राप्त करनी होगी।
संगठनों को प्रभावी बनाने के लिए किसी भी संगठन को अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नियंत्रण की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 18. वित्तीय नियोजन की तीन सीमाएं लिखिए।
अथवा
वित्तीय नियोजन के महत्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर- वित्तीय नियोजन की तीन सीमाएं निम्नलिखित हैं-
1. समन्वय का अभाव - वित्तीय नियोजन में संस्था के वित्तीय और गैर वित्तीय अधिकारियों के बीच सही तालमेल का होना आवश्यक होता है। ऐसा नहीं होने पर नियोजन असफल हो सकता है।
2. समयानुसार परिवर्तन का अभाव - वित्तीय योजना का निर्माण कुछ मान्यताओं तथा पूर्व अनुमानों के आधार पर होता है। अगर परिस्थितियां बदल जाए, तो इन मान्यताओं में आ जाता है जिससे वित्तीय योजना में परिवर्तन करना जरूरी होता है, नहीं तो नियोजन असफल सिद्ध होता है।
3. पूर्वानुमान पर आधारित - वित्तीय नियोजन भविष्य से संबंधित होते हैं। भविष्य अनिश्चित होता है, इसलिए पूर्वानुमान के आधार पर होता है। अगर पूर्वानुमान भ्रामक हो, तो उसके प्रभाव भी बुरे पड़ते हैं।
प्रश्न 19. वित्तीय बाजार के तीन कार्य लिखिए।
अथवा
पूंजी बाजार व मुद्रा बाजार में तीन अंतर लिखिए।
उत्तर- वित्तीय बाजार के 3 कार्य-
1. बचतों को गतिशील बनाना तथा उन्हें उत्पादक उपयोग में सरणित करना- वित्तीय बाजार बचतों को बचतकर्ता से निवेशकों तक अंतरित करने को सुविधा पूर्ण बनाता है। अतः यह अधिशेष निधियों को सर्वाधिक उत्पादक उपयोग में सरणित करने में मदद करते हैं।
2. कीमत निर्धारण में सहायक- वित्तीय बाजार बचतकर्ता तथा निवेशकों को मिलता है। बचतकर्ता कोषों की पूर्ति करता है जबकि कोषों की मांग करते हैं जिसके आधार पर वित्तीय संपत्तियों की कीमत का निर्धारण होता है।
3. वित्तीय संपत्तियों को तरलता प्रदान करना- वित्तीय बाजार द्वारा वित्तीय संपत्तियों के क्रय विक्रय को सरल बनाया जाता है। इसके माध्यम से वित्तीय संपत्तियों को कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है।
प्रश्न 20. हेनरी फयोल द्वारा प्रतिपादित प्रबंध के चार सिद्धांतों को लिखिए।
अथवा
वैज्ञानिक प्रबंध की कोई चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- प्रबंध के जनक हेनरी फयोल द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत-
1. कार्य का विभाजन- हेनरी फयोल के अनुसार विशिष्टीकरण एवं प्रमापीकरण का लाभ प्राप्त करने के लिए समस्त कार्यों का निष्पादन कार्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करके करना चाहिए। श्रमिकों या प्रबंधकों की कार्य कुशलता में वृद्धि करने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को योग्यता, दक्षता तथा रूचि के अनुसार कार्य सौंपना चाहिए। इससे कार्य का निष्पादन न्यूनतम लागत पर संभव होता है।
2. अधिकार एवं उत्तरदायित्व-
अधिकार एवं उत्तरदायित्व एक दूसरे के पूरक होते हैं। अधिकार का आशय है आदेश देने का अधिकार एवं आज्ञा पालन करवाने की शक्ति तथा उत्तरदायित्व से आशय सौंपे गए कार्य को जिम्मेदारी पूर्वक ढंग से संपन्न करना।
अधिकार एवं उत्तरदायित्व की अपेक्षा अधिक अधिकार देने से अधिकारों का दुरुपयोग होने का भय रहता है तथा पर्याप्त अधिकारों के अभाव में दायित्व निर्वाह में कठिनाई आती है।
3. अनुशासन-
जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता होती है। व्यवसायिक उपक्रमों में जहां अधिक संख्या में लोग मिलकर कार्य करते हैं। शासन की विशेष आवश्यकता होती है।
मूल रूप से अनुशासन अधिकारियों एवं अधीनस्थों के आपसी संबंध का परिचायक होता है। फेयोल के मतानुसार अनुशासन अधिकारियों के अच्छे नेतृत्व से स्थापित होता है। एक उपक्रम में प्रभावशाली नेतृत्व, स्पष्ट एवं निष्पक्ष समझौता तथा दंड व्यवस्था के न्याय पूर्ण क्रियान्वयन के माध्यम से अनुशासन स्थापित करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
4. आदेश की एकता
आदेश की एकता का सिद्धांत इस बात पर बल देता है कि कर्मचारी को कार्य के संबंध में एक ही अधिकारी से आदेश प्राप्त होने चाहिए।
फेयोल के शब्दों में- "मानवीय संगठनों में, सेना, घर, राज्य आदि में दोहरे आदेश सदैव परस्पर विरोध के कारण रहे हैं, अतः देश की एकता का सिद्धांत महत्वपूर्ण सिद्धांत है।
यदि एक कर्मचारी को एक से अधिक अधिकारियों से आदेश प्राप्त होंगे तो वह भ्रमित होगा तथा अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह ठीक प्रकार से नहीं कर सकेगा।
प्रश्न 21. उद्देश्य एवं नीति में चार अंतर लिखिए।
अथवा
नियोजन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर- उद्देश्य एवं नीति में चार अंतर-
1. परिभाषा- उद्देश्य किसी भी संगठन या व्यक्ति के लिए वांछित गंतव्य को प्राप्त करने के लिए पूर्व निर्धारित विचारों या लक्ष्यों का समूह है।
नीतियां विभिन्न दिशा निर्देशों और नियमों के सेट को बता कर वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने का साधन है।
2. आवश्यकता- यह व्यक्ति और संगठनों के लिए प्राथमिक और अत्यंत महत्वपूर्ण है।
संगठन के अस्तित्व के लिए नीतियां बुनियादी महत्व की नहीं है।
3. महत्व- किसी भी संगठन को दिशाहीन करने के लिए उसके बेहतर कामकाज के लिए उद्देश्यों की आवश्यकता होती है।
जो वांछित है उसे प्राप्त करने का एक संगठित तरीका प्रदान करने के लिए नीतियों की आवश्यकता होती है।
4. उद्देश्य- उद्देश्य का उद्देश्य कंपनी की योजनाओं को सटीक तरीके से सारांशित करना है।
नीतियों का मुख्य उद्देश्य उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता करना है ।
प्रश्न 22. भर्ती एवं चयन में कोई चार अंतर लिखिए।
अथवा
भर्ती के चार बाह्य स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- भर्ती के चार स्रोत-
1. पूर्व कर्मचारियों की पुननियुक्ति- ऐसे कर्मचारी जो उपक्रम में पूर्व में कार्य कर चुके हैं तथा सेवानिवृत्त हो चुके हैं या सेवानिवृत्ति के पूर्व ही किसी कारण से सेवा छोड़ चुके हैं, ये कर्मचारी अनुभवी व कार्य कुशल होने पर इनकी पुननियुक्ति उपक्रम में कर दी जाती है। सरकारों द्वारा भी सेवानिवृत्ति अधिकारियों को नियुक्ति कर उनकी सेवाएं ली जा रही हैं। ये कर्मचारी विश्वास पात्र एवं अनुभवी होने के कारण इन पर प्रशिक्षण व्यय कम होता है।
2. मित्र या रिश्तेदार- सामान्यता संस्था प्रमुख विशेषज्ञ के रूप में अपने मित्र या रिश्तेदारों को भर्ती हेतु आमंत्रित करते हैं। जिससे निष्पक्ष और अच्छे कर्मचारी चुनने का अवसर मिलता है।
3. श्रम संघों द्वारा भर्ती- ऐसे क्षेत्रों में जहां श्रम संघों का काफी प्रभाव होता है वहां वे अपने संपर्क से श्रम की भर्ती उचित समझते हैं। किंतु इस विधि द्वारा भर्ती करने का यह ध्यान देना आवश्यक है कि यह देख ले अयोग्य व अकुशल व्यक्ति को चयन करने के लिए दबाव ना डालें।
4. विज्ञापन एवं मीडिया द्वारा- दैनिक समाचार पत्र, पत्रिकाओं रोजगार समाचार, रोजगार नियोजन आदि में नौकरी का स्वरूप, प्रकृति, आवश्यक योग्यताएं, आवेदन के तरीके आदि का विवरण का विज्ञापन देकर भर्ती की जाती है। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे टेलीविजन और इंटरनेट पर विज्ञापनों के प्रत्युत्तर में बड़ी संख्या में भावी उम्मीदवारों को आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 23. विक्रय संवर्धन की किन्हीं चार विधियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
एक अच्छे ब्रांड की चार विशेषताएं लिखिए।
उत्तर- विक्रय संवर्धन की चार विधियां-
1. मुफ्त नमूने बांटना- दुकानों से सामान खरीदते समय आपने शैंपू, कपड़े धोने का साबुन, कॉफी पाउडर आदि वस्तुओं के मुफ्त नमूने अवश्य ही प्राप्त किए होंगे। कुछ व्यवसाई उत्पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए नमूनों का मुफ्त वितरण करते हैं, उदाहरण के लिए दबाव का मुफ्त वितरण केवल चिकित्सकों को तथा पाठ्य पुस्तकों का नमूना-प्रतियों का वितरण केवल अध्यापकों के बीच ही किया जाता है।
2. उपहार देना- नैस्केपेफ के साथ एक मिल्क शेकर, बोर्नविटा के साथ एक मग, 200 ग्राम टूथपेस्ट के साथ एक टूथब्रश, 1 किलो के पैकेट में 30% अतिरिक्त आदि, एक उत्पाद की खरीद पर पुरस्कार मुफ्त मिलने वाली वस्तुओं के कुछ उदाहरण है।
3. पुरानी वस्तु देकर नई वस्तु- पुरानी वस्तु देकर नई वस्तु को वास्तविक मूल्य से कम मूल्य पर प्राप्त करने की योजना से है। ग्राहकों का ध्यान वस्तु के नए स्वरूप की ओर आकर्षित करने के लिए भी यह योजना बहुत उपयोगी है। अपना पुराना मिक्सर-सह-जूसर लाइए और केवल ₹500 के भुगतान पर नया मिक्सर-सह-जूसर प्राप्त कीजिए।
4. मूल्य में कमी- उत्पाद को उसके वास्तविक मूल्य से कम मूल्य पर बेचा जाता है। एक लाइफबॉय की टिकिया खरीदने पर ₹2 की छूट, ताजमहल चाय के 250 ग्राम पैकेट पर ₹15 की छूट, कूलरों पर ₹1000 की छूट आदि कुछ सामान्य योजनाएं हैं।
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