MP Pre Board 10th Hindi paper 2022 (download pdf) / एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-10वीं हिंदी पेपर फुल सलूशन
MP Pre Board 10th Hindi paper 2022 full solution
एमपी प्री बोर्ड 2022 कक्षा-10वीं हिंदी पेपर फुल सलूशन download PDF
MP pre board exam 2022 class 10th Hindi, real paper solution class 10th Hindi open book, open book exam class 10th Hindi full solution MP Board, कक्षा 10वीं ओपन बुक पद्धति हिंदी फुल सॉल्यूशन, ओपन बुक एग्जाम क्लास 10th हिंदी सॉल्यूशन, एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं ओपन बुक एग्जाम
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Bandana classes.com पर। दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश में जो आपकी एमपी प्री बोर्ड ओपन बुक (open book) पद्धति से प्री बोर्ड एग्जाम (pre board exam) 2022 लिए जा रहे हैं, तो कक्षा 10वीं के हिंदी विषय का पूरा फुल सलूशन इस पोस्ट में है। इस पोस्ट को आप को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमशः दिए गए हैं। यदि आपको इसकी पीडीएफ (pdf) चाहिए तो आपको टेलीग्राम ग्रुप के लिंक दी गई है ज्वाइन करें, वहां पर आपको पीडीएफ मिल जाएगी। दोस्तों इसके साथ ही हमारे यूट्यूब चैनल (YouTube channel) Bandana study classes को भी Subscribe कर लीजिए जहां पर आपको MP Pre Board 2022 के सभी विषयों के पेपर सलूशन वीडियो में मिल जाएंगे।
👉Subscribe my YouTube channel👈
दोस्तो जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आपके एमपी प्री बोर्ड परीक्षाएं जोकि जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है, उनकी बेहतर तैयारी के लिए जुड़े रहिए हमारी वेबसाइट से। हमारी वेबसाइट पर आपको MP Pre Board Exam 2022 के सभी विषयों के पेपर एवं सलूशन उपलब्ध करवाए जाएंगे। दोस्तों हमारी वेबसाइट के माध्यम से आप लोगों को एमपी प्री बोर्ड एग्जाम 2022 से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए कक्षा दसवीं हिंदी का मॉडल पेपर लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आप अपनी अच्छे तरीके से तैयारी कर सकें। दोस्तों अगर आप चाहते हैं कि आप के प्री बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर आए तो आप लोग हमारी साइट bandana classes.comपर विजिट करते रहिए।
MP pre board exam 2022:- जो छात्र इस साल 2022 में प्री बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं तो उनके लिए हम एक मॉडल पेपर लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप अच्छे से अच्छी तैयारी कर पाएंगे। यह प्री बोर्ड पेपर आपका 2019 में हुआ है। दोस्तों इस पेपर को देखने के बाद आपको पता चलेगा कि पेपर का पैटर्न कैसे तैयार किया जाता है और पेपर में कितने क्वेश्चन पूछे जाते हैं। यह सब जानकारी आपको हमारी इस पोस्ट में देखने को मिलेगी।
10th Hindi pre board paper 2022:- कक्षा दसवीं प्री बोर्ड पेपर 2022 में जो छात्र कक्षा दसवीं के पेपर देना चाहते हैं उनके लिए यह पोस्ट बहुत ही उपयोगी साबित होने वाली है क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको प्री बोर्ड में हुए कुछ पुराने पेपर लेकर आए हैं। किसी भी परीक्षा में अच्छे अंक लाने का बेहतर और आसान तरीका होता है कि पिछले सालों में आए पेपर को देखें और उनसे तैयारी करें। क्योंकि अगर आप पिछले 5 सालों के पेपर को देखेंगे तो आपको यहां पर repeated question देखने को मिल जाते हैं। और अक्सर देखा गया कि पिछले question paper से 40% तक आपका new question paper बनाया जाता है।
MP प्री बोर्ड परीक्षा 2022 की तैयारी कैसे करे?
MP प्री बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करने के लिए नीचे कुछ Tips बताए गए हैं जिन्हें follow करके आप एग्जाम में अच्छे नंबर ला सकते हैं-
1. सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि प्री बोर्ड परीक्षा का सिलेबस कितना आने वाला है।
2. इसका सबसे बेहतरीन तरीका है कि आपने इससे पहले त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा दी है।
3. अर्धवार्षिक परीक्षा तक आपका half syllabus पूछा जा चुका होता है अब बारी आती है आपकी प्री बोर्ड परीक्षा की इसमें आपका पूरा सिलेबस पूछा जाएगा।
4. आप पूरा सिलेबस अच्छी तरीके से तैयार करें।
5. पिछले साल के प्री बोर्ड पेपर को हल करें।
6. एग्जाम के दिन से पहले अपनी तैयारी को पूरा करें।
आप इन सभी टिप्स को फॉलो करके परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकते हैं।
प्री-बोर्ड परीक्षा 2021-22
कक्षा-10 वीं
विषय-हिन्दी
समय-3 घण्टा पूर्णांक 80
निर्देश 1. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके लिए 1x32 = 32 अंक निर्धारित हैं।
3. प्रश्न क्र. 06 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा 30 शब्द है।
4. प्रश्न क्र. 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा 75 शब्द है।
5. प्रश्न क्र. 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा 120 शब्द है।
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
प्रश्न1- भक्ति काल की समय सीमा है।
(अ) संवत 1050 संवत 1375
(ब) संवत 1700 से संवत 1900
(स) संवत 1375 से संवाद 1700
(द) संवत 1900 से अब तक
उत्तर- 1375 से संवत 1700
प्रश्न 2-रामचरितमानस की भाषा है-
(अ) ब्रज
(ब) अवधि
(स) बुंदेली
(द) मालवीय
उत्तर -अवधि
प्रश्न 3-रौद्र रस का स्थाई भाव होगा?
(अ) उत्साह
(ब) क्रोध
(स) हंसी
(द) विस्मय
उत्तर -क्रोध
प्रश्न 4- नेता जी की मूर्ति लगवाई गई थी।
(अ) वन विभाग द्वारा
(ब) नगर निगम द्वारा
(स) नगर पालिका द्वारा
(द) शिक्षा विभाग द्वारा
उत्तर -नगर पालिका द्वारा
प्रश्न 5- चिकित्सालय का समास विग्रह होगा?
(अ) चिकित्सा पर आलस
(ब) चिकित्सा के लिए आलय
(स) चिकित्सा का आलय
(द) चिकित्सा से आलय
उत्तर -(ब) चिकित्सा के लिए आलय
प्रश्न 6- सांप निकलने पर डरकर भागे भोलेनाथ आकर छिपे।
(अ) घर के कमरे में
(ब) बैठक के कोने में
(स) पिताजी की गोद में
(द) मैया के आंचल में
उत्तर -मैया के आंचल में
प्रश्न 2- रिक्त स्थान में सही विकल्प चुनकर लिखिए।
1. विदा के समय मां को अपनी बेटी--------- पूजे प्रतीत हो रही थी।
उत्तर- अंतिम
2.काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्म--------- कहलाते हैं
उत्तर -अलंकार
3.रमणीयार्थ प्रतिपाद्क: काव्यम्र---------- शब्द काव्यम की परिभाषा है।
उत्तर -आचार्य विश्वनाथ
4.आत्मकथा में लेखक-------- के जीवन का वर्णन करता है।
उत्तर -स्वयं
5.यथा शक्ति में-------- समास होता है।
उत्तर -अव्यईभाव
6.कभी-कभी---------- हमसे कुश्ती भी लड़ते।
उत्तर -बाबूजी
7.हिरोशिमा------- में है।
उत्तर- जापान
प्रश्न 3- सही जोड़ी बनाइए।
खंड (अ)
1.'छाया मत छूना
2."पृथ्वीराज रासो
3.'एक कहानी यह भी
4.ईश्वर करे तुम पास हो जाओ
5.नौ दो ग्यारह होना
6.माता का आंचल
उत्तर खंड -(ब)
गिरजा कुमार माथुर
महाकाव्य।
मन्नू भंडारी।
इच्छा वाचक वाक्य
बिना मेहनत के लाभ प्राप्त करना
शिवपूजन सहाय
प्रश्न 4- एक वाक्य में उत्तर लिखिए।
1.विश्व के सकल जन कैसे हो रहे हैं।
उत्तर -विश्व के शक्ल जन गर्मी से परेशान हो रहे हैं।
2. तृत धरा का संकेतिक अर्थ क्या है।
उत्तर- दुखों से पीड़ित धरती।
3. वर्ण, मात्रा, यति ,आदि से नियोजित शब्द रचना को क्या कहते हैं।
उत्तर- छद।
4. चौपाई छंद में कुल कितनी मात्राएं होती हैं।
उत्तर -प्रत्येक 4 चरणों में 16-16 मात्राएं
5. नेता जी की मूर्ति कितनी ऊंची थी।
उत्तर -2 फुट।
6. उपासना करने वाला क्या कहलाता है।
उत्तर- उपासक
7. हिंदी का पहला आंचलिक उपन्यास कौन सा माना जाता है।
उत्तर -मैला आंचल।
प्रश्न 5- सत्य/ असत्य लिखिए।
1.राजा का धर्म है कि प्रजा को ना सताए। ( सत्य)
2.तृप्त धरा का संकेत अर्थ क्या है। (असत्य)
3.कहानी उपन्यास की अपेक्षा छोटी होती है। ( सत्य)
4.प्राचीन भारत में स्त्रियां अत्यंत विदुशी थी।( सत्य)
5.सिद्धार्थ स्वस्थ है विधि वाचक वाक्य है।( सत्य)
6.तारकेश्वर नाथ ही भोलनाथ थे।( सत्य)
प्रश्न 6-छायावाद की दो विशेषताएं लिखिए।
अथवा
भक्तिकालीन की दो विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-भक्ति काल की दो विशेषताएं।
1.भक्ति भाव की प्रधानता।
2.राज्यायश्रय त्याग
3. श्रंगार व शांत रस की प्रधानता।
प्रश्न 7- गोस्वामी तुलसीदास की दो रचनाओं के नाम एवं काव्यगत विशेषताएं।
उत्तर -दो रचनाएं-रामचरितमानस, विनय पत्रिका आदि
काव्यगत विशेषताएं-
1. तुलसीदास जी ने बृजवा अवधि दोनों भाषाओं में काव्य रचना की है।
2. उनके काम में चौपाई, दोहा ,सोरठा ,हरि गीतिका,कविता पद, आदि उनके छंदों का प्रयोग हुआ है।
प्रश्न 8 -आग से रोटियां सेकने के लिए मां ने बेटी को सचेत करना क्यों जरूरी समझा।
उत्तर-मां ने बेटी को सचेत करना इसलिए जरूरी समझा क्योंकि उसकी बेटी इन सब बातों से अनजान थी। वह अत्यंत भोली व सरल थी। उसने घर में केवल सुख ही देखा था। वह जीवन के दुखों से अपरिचित थी। मां को यह डर था कि उसकी भोली -भाली बेटी समाज- व्यवस्था के अनुरूप आदर्श रूपी बंधन को स्वीकार कर सामाजिक भेदभाव का शिकार हो जाएगी। वह समाज के प्रतिमान के अनुरूप स्वयं को अबला मान लेगी। मां नहीं चाहती थी कि उसकी बेटी की यह पीड़ा भोगनी पड़े। इसी कारण वह अनुचित बंधुओं को प्रतिकार करने के लिए उसे संकेत करती है।
प्रश्न 9- छंद किसे कहते हैं? छंद के प्रकार लिखिए।
उत्तर - छंद :- जब वर्णों की संख्या क्रम मात्रा गणना तथा यदि गति आदि नियमों को ध्यान में रखकर पद रचना की जाती है छंद कहलाता है।
छंद के प्रकार -
वर्णिक छंद।
मात्रिक छंद।
मुक्तक छंद।
प्रश्न 10- आख्यानक गतियां से क्या तात्पर्य है उदाहरण सहित समझाइए
उत्तर -अखियांनक गतियां -
महाकाव्य और खंडकाव्य से पद गध कहानी का नाम आख्या नक गीत है इसमें ,वीरता, साहस, पराक्रम ,बलिदान ,प्रेम करुणा ,आदि के प्रेरक घटना चित्रों से कथा श्री कृष्ण जयंती में कृष्ण के जन्म की रात का वर्णन है।
उदाहरण- रामचंद्र जी का गंगवतरण राम का धनु रिया….
प्रश्न 11 -कोई दो उपन्यास के नाम एवं उनके लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर - उपन्यासकार -उपन्यास
प्रेमचंद्र- गोदान, गवन
शिवपूजन सहाय - देहाती दुनिया।
प्रश्न 12 -मन्नू भंडारी के साहित्य की प्रमुख विशेषताएं।
उत्तर - मन्नू भंडारी के साहित्य की विशेषताएं -
1.मन्नू भंडारी की कहानियों और उपन्यासों में स्त्री मन से जुड़ी अनुभूतियों के चित्रण की प्रधानता है।
2.उनकी रचनाओं में भारतीय नारी के जीवन और उसकी विशेषताओं का प्रभावशाली वर्णन हुआ है।
3.उन्होंने स्त्री स्वतंत्र व्यक्तित्व का आकलन भी अपनी रचनाओं में प्रस्तुत किया है।
प्रश्न 13- वास्तविक अर्थों में संस्कृत 'व्यक्ति किसे कहा जाता है।
उत्तर -वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' उसे कहा जाता है जो अपनी बुद्धि अथवा विवेक के द्वारा किसी भी नए तथ्य, को दर्शन करता है अर्थात जिसने अपनी योग्यता के बल पर किसी नई चीज का आविष्कार किया हो, वही वास्तविक अर्थों में संस्कृत कहलाने के योग्य है।
प्रश्न 14- समास की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर -
समास -दो या दो से अधिक शब्दों का योग समास कहलाता है।
उदाहरण राजा का पुत्र - राजपूत्र।
प्रश्न 15 -जॉर्ज पंचम की लाट की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार बार चुप क्यों थे?
उत्तर -1. जिस दिन जॉर्ज पंचम की नाक लगनी थी उस दिन सभी अखबार चुप थे कहीं कोई सम्मेलन का जिक्र नहीं था, क्योंकि अपनी व्याख्या के दोष के कारण सरकार कुछ बताना ही नहीं चाहती थी।
2. क्योंकि जिंदा नाक लगाने की बात थी यदि यह बात आम जनता तक चली जाती तो हंगामा हो जाता। इसी भय के कारण अखबार चुप।
प्रश्न 16-मात्रिक छंद एवं वर्णिक छंद में अंतर लिखिए।
उत्तर - मात्रिक छंद
1. मात्रिक छंदों के सभी चरणों में संख्या मात्राओं की तो समान होती है लेकिन क्रम लघु गुरु समान नहीं होते।
2. इनमें मात्राओं की गिनती निश्चित रहती है।
3. मात्रिक छंद के उदाहरण -दोहा, रोला आदि
वर्णिक छंद-
1. वर्ण छंदों के सभी चरणों की संख्या वर्णों की और क्रम लघु गुरु का दोनों समान होती है।
2. इन में वर्णों की संख्या एवं रूप निश्चित रहता है मात्राएं नहीं।
3 वणिक छंद के उदाहरण- सवैया ,मंनदकानता कांता आदि
प्रश्न 17- लोकोक्ति और मुहावरे में कोई तीन अंतर लिखिए।
उत्तर - लोकोक्ति
1.लोकोक्ति किसी कहानी अथवा चिर सत्य के आधार पर बने हुए पूरे वाक्य के रूप में होती है।
2.लोकोक्ति का प्रयोग पूर्णतया स्वतंत्र रूप से किया जाता है।
3. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता, अंधों में काना राजा।
मुहावरे
1. मुहावरे वास्तव में शब्दों के लक्षण प्रयोग होते हैं।
2. मुहावरों का प्रयोग वाक्यों के अंतर्गत हो सकता है।
3. आंखों का तारा होना।
प्रश्न 18 -उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर - गद्यांश का शीर्षक - देश प्रेम।
2. देश के प्रति समर्पण का भाव कब जागृत होता है।
उत्तर -जब व्यक्ति देश को अपना आराध्य बना लेता है तब उसमें देश प्रेम का भाव जागृत होता है।
3. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
उत्तर- सारांश- देश प्रेम में देश की रक्षा और देश के विकास को महत्व दिए जाने के साथ देश की प्रति पूज्य भाव का संचार भी सम्मिलित होता है व्यक्ति देश को अपना आराध्य बना लेता है, तब उसमें देश प्रेम का भाव जागृत होता है।
प्रश्न 19- आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर- हमारे विद्यालय में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को सांस्कृतिक समारोह मनाया जाता है परंतु इस वर्ष महामारी की स्थिति के चलते इस सांस्कृतिक समारोह को मिलकर प्रसारित करना संभव नहीं है। हर वर्ष हम इसे हर्षो उल्लास के साथ मनाते हैं। साथ ही इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे - नृत्य, गायन ,नाटक, प्रतिस्पर्धा, रैलियां आदि गतिविधियां आयोजित की जाती है वह भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाया जाता है।
प्रश्न 20- छाया गत ---------------------- जीवित क्षण
उत्तर- संदर्भ - प्रस्तुत पद्यांश भाषा भारती के क्षितिज कृतिका से लिया गया है "छाया मत छूना' कवि गिरिजाकुमार माथुर की रचना है।
प्रसंग - प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने बीत गए सुखद क्षणों को याद ना करने को कहा है।
भावार्थ - कवि कहता है कि यह मन। छाया को मत छूना अर्थात बीत गए सुखद क्षणों को याद मत करना नहीं तो दुख दुगना हो जाएगा जीवन में बहुत सा रंग बिरंगी सुंदर यादें हैं सुंदर चित्र की स्मृति के साथ उसके आसपास मन को भाने वाली गंदगी फैली हुई है। तारों भरी चांदनी रात बीत चुकी है, अब तो देह की सुगंध ही शेष रह गई है। बालों में लगे फूलों की याद चांदनी बन गई है। अर्थात सुखद समय बीत चुका है अब तो उसकी चांदनी जैसी मधुर यादें ही बाकी रहे गई हैं। उन सुखद क्षणों को भूल कर भी किया गया एक स्पर्श हर क्षण को पुनः जीवित कर देता है, अर्थात यदि विगत सुखों को थोड़ा सा भी याद करने का प्रयास किया गया तो पुरानी सारी यादें सजीव हो उठेंगे इसलिए ए मन बीते हुए सुखद क्षणों को याद ना करना वरना दुख दुगना हो जाएगा भाव यह है कि विगत के सुखों को याद करने से वर्तमान का दुख और गहरा हो जाता है।
प्रश्न 21- मूर्ति संगमरमर---------------- प्रयास था।
संदर्भ -प्रस्तुत गंदा सवारी पाठ्यपुस्तक क्षितिज कृतिका से लिया गया है कहानी नेताजी का चश्मा के कहानीकार स्वयं प्रकाश सिंह है।
प्रसंग - प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने मूर्ति लगाने को सफल और सराहनीय प्रयास बनाया -
व्याख्या - यानी चश्मा तो था, लेकिन संगमरमर का नहीं था एक सामान्य और सचमुच के चश्मे का चौड़ा काला प्रेम मूर्ति को पहना दिया गया था हालदार साहब जब पहली बार कस्बे में गुजरे और चौराहे पर पान खाने रुके तभी उन्होंने लक्षित किया और उनके चेहरे पर मुस्कान फैल गई मूर्ति पत्थर की लेकिन चश्मा रियल।
प्रश्न 22- सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को कक्षा 10वीं की अंकसूची की द्वितीय प्रति मंगवाने हेतु आवेदन पत्र लिखिए
उत्तर- प्रति
श्रीमान सचिव महोदय,
माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल मध्य प्रदेश
विषय - अंकसूची की द्वितीय प्रति मंगवाने हेतु।
महोदय,
सविनय नम्र निवेदन है कि मेरी कक्षा दसवीं बोर्ड परीक्षा की अंकसूची खो गई है। मैंने यह परीक्षा सन 2019 में दी थी मुझे अंकसूची की द्वितीय प्रति भेजने का कष्ट करें इसलिए निर्धारित शुल्क ₹150 का बैंक ड्राफ्ट
आपके नाम से भेज रही हूं
मुझ से संबंधित जानकारी निर्धा अनुसार है-
नाम-
पिता का नाम-
परीक्षा-
परीक्षा केंद्र-
अनुक्रमांक-
नियमित-
प्रश्न 23- निम्नलिखित मे से किसी एक विषय पर निबंध।
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-
प्रस्तावना: विज्ञान के युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले हैं, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप है जो विज्ञान की कोख में से जन्मा है और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है।
प्रदूषण का अर्थ -प्रदूषण का अर्थ है-प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। ना शुद्ध वायु मिलना, ना शुद्ध जल मिलना, ना शुद्ध खाद मिलना, न शांत वातावरण मिलना।
पर्यावरण का अर्थ- पर्यावरण प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरूरी है कि पर्यावरण क्या है, और हमें कैसे प्रभावित करता है। हर्सकोविट्स के शब्दों में -
"पर्यावरण संपूर्ण वह परिस्थितियों एवं प्रभावों का जीव धारियों पर पड़ने वाला संपूर्ण प्रभाव है जो उनके जीवन विकास एवं कार्य को प्रभावित करता है।
पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे ग्रह पर मान्यता और अन्य जीवन रूपों को सामना करने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। पर्यावरण प्रदूषण को पृथ्वी/ वायु मंडल प्रभाली के भौतिक और जैविक घटकों के संदूषण के रूप में परिभाषित किया जाता है। सामान पर्यायवाची प्रक्रियाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती हैं प्रदूषक प्राकृतिक रूप से पदार्थ या ऊर्जा हो सकते हैं लेकिन अधिक मात्रा में होने पर उन्हें दूषित माना जाता है प्राकृतिक संसाधनों की किसी भी कदर का उपयोग प्राकृतिक द्वारा स्वयं को पुनः स्थापित करने की क्षमता से अधिक होने पर वायु जल और भूमि के प्रदूषण का परिणाम हो सकता है।
पर्यावरण प्रदूषण के कारण और स्त्रोत
औद्योगिक गतिविधि;
दुनिया भर के उद्योग भले ही वे संपन्नता और इस मृदुल आई है लेकिन पारिस्थितिक संतुलन को लगातार बिगड़ रहे हैं और जीवमंडल का नाश कर रहे हैं , वैज्ञानिक प्रयोगों का प्रक्षेपण, धुअ का गुबार, औद्योगिक अपशिष्ट और विषैली गैस से पानी और हवा दोनों को दूषित करते हैं। औद्योगिक की कचरे का अनुच्छेद निपटान जल और मृदा प्रदूषण दोनों का स्त्रोत बन गया है। विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक कचरे से नदियों झीलों समुद्रों और धमाके छोड़ो जाने के माध्यम से मिट्टी और हवा में प्रदूषण फैल रहा है।
वाहन:
डीजल और पेट्रोल का उपयोग करने वाले वाहन विषैली गैसों को वायुमंडल में लीन करते हैं और कोयले को पकाने से जो दूंगा निकलता है वह भी सीधे हमारे पर्यावरण में जाकर उसको प्रदूषित करता है सड़कों पर वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि ने केवल हुए के उत्सर्जन को सहायता नहीं दी है बल्कि उस हवा को भी प्रदूषित किया है जिसमें हम सांस लेते हैं इन विभिन्न वाहनों का धुआं काफी हानिकारक है और वायु प्रदूषण का प्राथमिक कारण है यह वाहन वायु प्रदूषण तो करते ही हैं साथ ही ध्वनि प्रदूषण के भी मुख्य कारण हैं
तीव्र औद्योगिकीकरण और शहरीकरण:
शहरीकरण की तेजी और औद्योगिकीकरण की व्यापकता भी पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारण है क्योंकि वे पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे सामूहिक रूप से जानवरों मनुष्य और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंच रहा है।
जनसंख्या अतिवृद्धि:
विकासशील देशों में देरी से जनसंख्या में वृद्धि हुई है बुनियादी भोजन और आश्रय की मांग बढ़ रही है, उच्च मांग के कारण जनसंख्या की बढ़ती संख्या और मांग को पूरा करने के लिए वनों की कटाई तेज हो गई है।
जीवाश्म ईंधन और दहन:
जीवाश्म के ईधनो का लगातार बहन कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी विषैली गैसों के माध्यम से मिट्टी हवा और पानी के प्रदूषण का स्त्रोत है
प्रदूषण के प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण है वायु- प्रदूषण ,जल प्रदूषण ,ध्वनि-
प्रदूषण।
वायु प्रदूषण - महानगरों में है प्रदूषण अधिक फैला है। वह 24 घंटे कल -कारखानों का धुआं मोटर- वाहनों का काला दूंगा इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छात्र से उतारने जाते हैं तो उन पर काले काले कण जमे हुए पाती हैं। यह कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं यह समस्या वहां अधिक होती है जहां सघन आबादी होती है वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।
जल प्रदूषण - कल कारखानों को दूषित जल नदी नालों में मिलकर भयंकर जल प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गधित्य जल सब नाली- नालों में घुल मिल जाता है। किस के अनेक बीमारियां पैदा होते हैं।
ध्वनि प्रदूषण - मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परंतु आजकल कल -कारखानों का शोर , यातायात का शोर, मोटर- गाड़ियों की आवाज लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि धोनी ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।
मृदा प्रदूषण (soil pollution)
खेती में अत्यधिक मात्रा में उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण होता है। साथ ही प्रदूषित मिट्टी में उपजे अन्य खाकर मनुष्यों एवं अन्य जीव-जंतुओं के सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसकी सतह पर रहने वाले जल में भी है, प्रदूषण फैल जाता है।
प्रदूषण के दुष्परिणाम : उपर्युक्त बस दूसरों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लंबी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करते हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण- प्रदूषण के कारण ना समय पर वर्षा आती है, ना सर्दी गर्मी का चक्र ठीक चलता है सूखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोप का कारण भी प्रदूषण है।
प्रदूषण के कारण - प्रदूषण को बढ़ाने में कल कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग फ्रिज कूलर वातनूकूलर, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी है प्राकृतिक संतुलन का विवरण अभी मुख्य कारण है वृक्षों को अंधाधुन काटने से मौसम का चक्कर बिगड़ा है घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली ना होने से भी प्रदूषण बड़ा है।
सुधार के उपाय - विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हो । आबादी वाले क्षेत्र खुले हो, हवादार हो, हरियाली से ओतप्रोत हो। कल कारखानों को आबादी से दूर रहना चाहिए और उन से निकले प्रदूषित वायु को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।
उपसंहार
पर्यावरण वह प्रवेश है जिसमें हम रहते हैं। लेकिन प्रदूषण द्वारा हमारे पर्यावरण का प्रदूषित होना पर्यावरण प्रदूषण है। पृथ्वी का वर्तमान चरण जो हम देख रहे हैं। वह पृथ्वी और उसके संसाधनों के सदियों के शोषण का परिणाम है।
इसके अलावा पर्यावरण प्रदूषण के कारण पृथ्वी अपना संतुलन खो सकती है, मानव बल ने पृथ्वी पर जीवन का निर्माण और विनाश किया है। मानव पर्यावरण के शरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पीने के लिए उपयोग की जाने वाली पानी भोजन उगाने के लिए उपयोग की जाने वाली मिट्टी और सांस लेने के लिए हवा का उपयोग किया जाता है यह तीनों के दूषित तत्व मानव के शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं और पढ़ रामस्वरूप रोग पैदा होते हैं।
प्रदूषण को रोकना बहुत अहम है पर्यावरण प्रदूषण आज की बहुत बड़ी समस्या है, इसे यदि वक्त पर नहीं रोका गया तो हमारा समूल नाश होने से कोई नहीं बचा सकता पृथ्वी पर उपस्थित कोई भी प्राणी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रह सकता। पेड़ -पौधों, पशु -पक्षी आदि सभी का जीवन हमारे कारण खतरे में पड़ा है। इनके जीवन की रक्षा भी हमें ही करनी है इनके अस्तित्व से ही हमारा अस्तित्व संभव है
Post a Comment