CG Board assignment 3 class 12th Hindi solution (download PDF) | छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट 3 कक्षा-12वीं हिन्दी सलूशन
CG Board Assignment 3 solution October
छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट 3 सलूशन अक्टूबर
नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट bandanaclasses.com पर. आज की पोस्ट में हम आपको CG board assignment -3 Class-12th Hindi Subject का सलूशन बतायेंगे. हम अपनी वेबसाइट के माध्यम से आप लोगों को October महीने के CG board assignment 3 के सभी विषयों के उत्तर उपलब्ध करवाएंगे. आप सभी विद्यार्थीगण हमारी वेबसाइट की सहायता से CG board assignment -3 class 10th और 12th के सभी विषयों के सलूशन और उनकी pdf भी प्राप्त कर पाएंगे. आप सभी को assignment -3 October month के क्लास 10th और क्लास 12th के सभी विषयों के उत्तर उपलब्ध कराये जायेंगे. cg board assignment 3 में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए जुड़े रहिये हमारी वेबसाइट से.
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर
शैक्षणिक सत्र 2021- 22 माह अक्टूबर
असाइनमेंट- 03
कक्षा -बारहवीं
विषय -हिंदी
प्रश्न-1 "जूझ" कहानी में पिता को मनाने के लिए मां और दत्ता जी राव की सहायता से एक चाल चली गई है। क्या ऐसा कहना ठीक है क्यों?
उत्तर- लेखक पाठशाला जाने के लिए तड़पता है। उसके पिता ने उसे स्कूल जाने से रोक दिया है पिता को मनाने में लेखक और उसकी मां सफल नहीं हो पाते हैं। गांव के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति दत्ता जी राव अंतिम उपाय थे। लेखक और उसकी मां उसके पास जाते हैं। उनसे दबाव डलवाने के लिए उन्हें एक झूठ का सहारा लेना पड़ता है। इसके बाद दत्ता जी राव के कहने पर लेखक के पिता उसको पढ़ाने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेखक पाठशाला जाना शुरु कर देता है। वहां दूसरे लड़कों से उसकी दोस्ती होती है। वह पढ़ने के लिए हर तरह का प्रयास करता है। मराठी के एक बहुत अच्छे अध्यापक के प्रभाव में वह कविता भी रचने लगता है। अगर वह झूठ न बोलता तो यह सारे घटनाक्रम घटित नहीं होते ।
झूठ ना बोलने से दत्ता जी राव उसके पिता के ऊपर दबाव नहीं दे पाते। उसके पिता अपनी तरह से लेखक के जीवन को डालता है। लेखक का संबंध पढ़ाई लिखाई से नहीं हो पाता। उसके संघर्ष की कहानी ही नहीं बन पाती। आज जो कहानी हमें जूझने की प्रेरणा देती है, वह आज हमारे सामने नहीं होती। इस तरह झूठ का सहारा लेने से जीवन और सपनों का विकास होता है जिसके आधार पर लेखक अपनी आत्मकथा लिख पाता है।
प्रश्न-2 ढोलक की आवाज का पूरे गांव पर क्या असर होता था?
उत्तर- ढोलक की आवाज ही रात्रि की विभीषिका को चुनौती देती सी जान पड़ती थी। पहलवान संध्या से सुबह तक चाहे जिस ख्याल से ढोलक बजाता हो पर ढोलक की आवाज गांव के अर्धमृत औषधि उपचार पथ्य वहीं प्राणियों में संजीवनी शक्ति भरने का काम करती थी ढोलक की आवाज सुनते ही बूढ़े बच्चे जवानों की कमजोर आंखों के सामने दंगल का दृश्य नाचने लगता था तब उन लोगों के बेजान अंगों में भी बिजली दौड़ जाती थी ।यह ठीक है कि ढोलक की आवाज में बुखार को दूर करने की ताकत ना थी और ना महामारी को रोकने की शक्ति थी ।
प्रश्न- 3 "संघर्ष स्वीकारा है "कविता किसको व क्यों स्वीकारने की प्रेरणा देती है लिखिए।
उत्तर- मुक्तिबोध की यह कविता अपनी सुख-दुख की अनुभूतियों गरबीली गरीबी प्राण विचार व्यक्तिगत दृढ़ता जीवन के खट्टे मीठे अनुभव प्रेमिका का प्रेम व नूतन भावनाओं के वैभव को संघर्ष स्वीकार करने की प्रेरणा देती है।
1-कविता में जीवन के सुख-दुख संघर्ष अवसाद उठापटक को समान रूप से स्वीकार करने की बात कही गई है।
2-इसने है कि रगड़ता अपनी चरम सीमा पर पहुंच कर वियोग की कल्पना मात्र से त्रस्त हो उठती है।
3-प्रेम आलंबन अर्थात प्रिय जन पर भावपूर्ण निर्भरता कवि के मन में विस्मृति की उत्पन्न करती हैं। वह अपने प्रिय को पूर्णता भूल जाना चाहता है।
4-वस्तुतः विस्मृति की चाबी स्मृति का ही रूप है यह विस्मृति भी स्मृतियों के धुंधले से अछूती नहीं है। प्रिय की याद किसी ना किसी रूप में बनी ही रहती है।
5-परंतु कभी दोनों ही परिस्थितियों को उस परम सत्ता की परछाई मानता है इस परिस्थिति को खुशी-खुशी स्वीकार करता है। दुख सुख संघर्ष अवसाद उठापटक मिलन विच्छेद को समान भाव से स्वीकार करता है। प्रिय के सामने ना होने पर भी उसके आसपास होने का एहसास बना रहता है।
प्रश्न-4 निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
उत्तर-
क- कस्टम वाले की किताब पर क्या लिखा था?
उत्तर- कस्टम वाले की किताब पर समसलुईसलाम की तरफ से सुनील दास गुप्त को प्यार के साथ ढाका 1946 ।
ख- कस्टम वाला कहां का था वह भारत कब आया था?
उत्तर- कस्टम वाला ढाका का था। जब डिवीजन हुआ तभी आए ।
ग- कस्टम वाले को यह किताब किसने और कब दी थी?
उत्तर- समसुलईसलाम की तरफ से सोने की सालगिरह पर दी गई थी।
प्रश्न-5 कहानी लेखन में चरित्र चित्रण की क्या भूमिका होती है लिखिए।
उत्तर- पात्र का चरित्र चित्रण- आधुनिक कहानी में यथार्थ को मनोविज्ञान पर बल दिया जाने लगा है हम तो उसमें चरित्र चित्रण को अधिक महत्व दिया गया है। अब घटना और कार्य व्यापार के स्थान पर पत्र और उसका संघर्ष ही कहानी की मूल धुरी बन गए हैं।
कहानी के छोटे आकार तथा तीव्र प्रभाव के कारण सीमित होती हैं और दूसरे पात्र के सबसे अधिक प्रभावपूर्ण पक्ष की उसके व्यक्तित्व के केवल सर्वाधिक पुष्टि तत्व की झलक को प्रस्तुत की जाती है।
प्रज्ञा की शत्रु कहानी में एक ही मुख्य पात्र है जैनेंद्र के खेल कहानी में चरित्र चित्रण में मनोविज्ञान के आधार ग्रहण किए गए हैं। अतः कहानी के पात्र वास्तविक सजीव स्वाभाविक तथा विश्वसनीय लगते हैं। पात्रों का चरित्र आकलन लेखक प्राया दो प्रकार से करता है प्रत्यक्ष या वर्णनात्मक शैली द्वारा इस समय लेखक स्वयं पात्र के चरित्र में प्रकाश डालता है।
पारो छाया नाटक शैली में पात्र स्वयं अपने वार्तालाप और क्रियाकलापों द्वारा अपने गुण दोषों का संकेत देते हैं। इन दोनों कहानीकार को दूसरी पद्धति अपनाने चाहिए इससे कहानी में विश्वसनीयता एवं स्वाभाविक था आ जाती है।
यह भी पढ़ें 👇👇👇
👉CG Board assignment 3 कक्षा-10वीं एवं कक्षा-12वीं के सभी पेपर का full solution
Post a Comment