ad13

MP Board Class 10th Hindi Pre Board Paper Solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023

MP Board Class 10th Hindi Pre Board Paper Solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023

MP Board Class 10th Hindi  Pre Board Paper Solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी (सेट-द) प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023


mp board 10th hindi pre board paper solution 2023


MP Board Class 10th Hindi Pre Board Paper Solution 2023,#10th_Hindi_Set_D_abhyas_prashn_Patra_2023_slove,#10th_Hindi_pre_board_abhyas_paper_solution_mpboard,class 12th hindi pre board paper full solution 2023,10th hindi set a pri board abhyash paper 2023 solution,अभ्यास प्रश्न पत्र 2023 class 10th ganit paper full solution,class 12th hindi pre board paper 2023,10th hindi set a pri board abhyash paper 2023,abhyas prashn paper hindi paper full solution 2023,board jankari,mp board class 10th math paper abhyash prashn patra 2023 solution,pre board 10th hindi paper solve mp board abhyash paper 2023,एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023,कक्षा दसवीं हिंदी प्री बोर्ड पेपर संपूर्ण हल,दसवीं हिंदी प्री बोर्ड अभ्यास पेपर का सलूशन 2023,प्री बोर्ड पेपर कक्षा 12 हिंदी सॉल्यूशन,कक्षा बारहवीं हिंदी प्री बोर्ड पेपर संपूर्ण हल,बारहवीं हिंदी प्री बोर्ड अभ्यास पेपर का सलूशन 2023,कक्षा 10 वी हिन्दी सेट अ सम्पूर्ण हल प्री बोर्ड अभ्यास पेपर 2023,एमपी बोर्ड अभ्यास प्रश्न पत्र कक्षा 12 हिंदी सलूशन,प्री बोर्ड पेपर कक्षा 12 प्रश्न पत्र,प्री बोर्ड परीक्षा 2023 कक्षा दसवीं हिंदी पेपर एमपी बोर्ड

MP Board Class 10th Hindi  Pre Board Paper Solution 2023 download PDF || एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023


सत्र 2022-23 में प्रदेश के समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी विद्यालय में कक्षा 10वीं एवं 10वीं की बोर्ड परीक्षा के पूर्वाभ्यास दिनांक 30 जनवरी 2023 से दिनांक 11 फरवरी 2023 तक कराए जाएं इस हेतु निर्देश जारी कर दिए गए।


मध्य प्रदेश बोर्ड में प्री बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है।


जिस तरह से विमर्श पोर्टल पर प्राचार्य लॉगिन पर दिनांक 27 एक 2023 से सन में प्रपत्र 1 में दर्शाई गई सूची अनुसार निम्नानुसार सामग्री उपलब्ध होगी जिन्हें प्राचार्य डाउनलोड कर उनके विद्यालय की छात्र संघ के अनुसार कम छात्र होने पर फोटोकॉपी तथा अधिक छात्र होने पर मुद्रित करा सकेंगे


मध्य प्रदेश बोर्ड में बोर्ड परीक्षा से पहले एक बार प्री बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। प्री बोर्ड परीक्षा 2023 की तैयारी किस प्रकार से करें इस पोस्ट में पूरी कंप्लीट जानकारी मिलने वाली ।


MP Board प्री बोर्ड परीक्षा 2023 क्या है ?


अर्धवार्षिक परीक्षा खत्म होने के बाद हर साल की तरह प्री बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस वर्ष अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं लेट से आयोजित की गई थी इस वजह से प्री बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद प्री बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन दोबारा से किया जा रहा है। छात्र बोर्ड परीक्षा से पहले अपनी परीक्षा के लिए तैयार हो पाएंगे और गुड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।


एमपी बोर्ड प्री बोर्ड कक्षा 10 हिंदी अभ्यास परीक्षा पेपर 2023


इस पोस्ट में आपको कक्षा 10वीं हिंदी प्री बोर्ड परीक्षा पेपर 2022 के अभ्यास परीक्षा पेपर का संपूर्ण हल देखने को मिलने वाला है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें। इस पोस्ट में कक्षा 10वीं हिंदी प्री बोर्ड परीक्षा 2023 के प्रश्न पत्र का सलूशन दिया गया है।

अभ्यास प्रश्न पत्र (सेट-द)-2023

कक्षा-दसवीं

विषय-हिंदी

समय-3 घंटा                               पूर्णांक-75


1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए -    1×6=6


(i)प्रयोगवाद के कवि हैं -

(अ) तुलसीदास                   (ब) अज्ञेय 

(स) महादेवी वर्मा                 (द) जयशंकर प्रसाद

उत्तर - (ब) अज्ञेय


(ii) सूरदास भक्ति काल की शाखा के कवि हैं -

(अ) ज्ञानमार्गी शाखा         (ब) रामभक्ति शाखा

(स) प्रेमभक्ति शाखा          (द) कृष्णभक्ति शाखा

उत्तर - (द) कृष्णभक्ति शाखा


(iii) दोहा छंद के द्वितीय और चतुर्थ चरण में मात्राएं होती हैं -

(अ)11-11                      (ब)12-12

(स)13-13                      (द)16-16

उत्तर - (अ)11-11


(iv) नेता जी की मूर्ति तैयार करने वाले मूर्तिकार का नाम है -

(अ) किशोरी लाल               (ब) रामलाल

(स) मोतीलाल                    (द) जयंतलाल

उत्तर - (स) मोतीलाल


(v) किसी कार्य का करने या होने का बोध कराने वाले शब्द कहलाते हैं -

(अ) विशेषण                   (ब) क्रिया

(स) सर्वनाम                    (द) संज्ञा

उत्तर - (ब) क्रिया


(vi) भोलेनाथ के पिता आटे की गोलियां गंगा जी में प्रवाहित करते थे -

(अ) हजार                         (ब) सौ

(स) तीन सौ                       (द) पांच सौ

उत्तर - (द) पांच सौ


2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए - 6


(i) विश्व के सकल जन गर्मी से व्याकुल हो रहे हैं। (भ्रमित/व्याकुल/द्रवित)

(ii) स्थायी भावों के उत्पन्न होने के कारणों को विभाव कहते हैं। (विभाव/अनुभाव/आलंबन)

(iii) कविता के रचना विधान को छंद कहते हैं। (रस/छंद/अलंकार)

(iv) 'बालगोबिन भगत' पाठ गद्य की रेखाचित्र विधा के अंतर्गत आता है। (रेखाचित्र/संस्मरण/जीवनी)

(v) जिन वाक्यों से किसी कार्य के न होने का बोध होता उसे विधान वाचक वाक्य कहते हैं। (विधानवाचक/ निषेधवाचक)

(vi) सिलीगुड़ी से ही हमारे साथ थी यह तिस्ता नदी। (ताप्ती/नेवज/तिस्ता)


Click here 👇👇👇


3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए -


खंड 'अ'                               खंड 'ब'


(i)आत्मकथ्य कविता            (क) मधु कांकरिया

(ii)16-16 मात्राएं               (ख)मृदुभाषी

(iii)उपन्यास के तत्व             (ग)मन्नू भंडारी

(iv)एक प्लेट सैलाब             (घ) जयशंकर प्रसाद

(v)जो मीठी वाणी बोलता हो   (ड़)  चौपाई छंद

(vi)साना साना हाथ जोड़ि       (च)  सात

                                        (छ) छः 

उत्तर - 


आत्मकथ्य कविता    -      जयशंकर प्रसाद

16-16 मात्राएं       -         चौपाई छंद

उपन्यास के तत्व     -           छः 

एक प्लेट सैलाब    -           मन्नू भंडारी

जो मीठी वाणी बोलता हो   -    मृदुभाषी

साना साना हाथ जोड़ि      -     मधु कांकरिया


4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए -


(i)मुख्य गायक की आवाज कैसी होती है?

उत्तर - मुख्य गायक का स्वर भारी होता है।

(ii)आलंबन के अंगो के नाम लिखिए।

उत्तर - स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव, संचारी भाव

(iii)'संस्कृत व्यक्ति' से क्या आशय है?

उत्तर - संस्कृति हमारे द्वारा सीखा हुआ व्यवहार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होता रहता है।

(iv)किस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं?

उत्तर - द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।

(v)'आम के आम गुठली के दाम' लोकोक्ति का क्या अर्थ है?

उत्तर - दोहरा लाभ उठाना।

(vi)मां ने भोलानाथ के घाव पर क्या लगाया?

उत्तर - मां ने भोलानाथ के घाव पर हल्दी पीसकर लगाई।


5. सत्य/असत्य कथन लिखिए -


(i)फसल कविता हमें कृषि संस्कृति के करीब ले जाती है।  सत्य

(ii)किसी वस्तु का बढ़ा चढ़ाकर वर्णन अन्योक्ति अलंकार में होता है।   असत्य

(iii)बिस्मिल्लाह खां बांसुरी वादन के लिए जाने जाते हैं।  असत्य

(iv)2 पदों के मेल को संधि कहते हैं।   सत्य

(v)गंतोक का अर्थ पहाड़ है।   सत्य

(vi)अज्ञेय विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं। असत्य


6. अथवा प्रगतिवादी कोई दो कवियों के नाम उनकी एक- एक रचना के साथ लिखिए।

उत्तर - 

प्रगतिवादी कवि                     रचनाएं

सुमित्रानंदन पंत                    युगवाणी

सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'        कुकुरमुत्ता


7. सूरदास के का भगत विशेषताएं लिखिए।

दो रचनाएं - सूरसागर, सूरसारावली

भाव पक्ष - सूरदास प्रेम और सौंदर्य के अमर गायक हैं। उन्होंने मुख्यत: वात्सल्य और श्रंगार का ही चित्रण किया है। बाल्य जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है जिस पर कवि की दृष्टि ना पड़ी हो। गोपियों के प्रेम और विरह का वर्णन भी बहुत आकर्षक है‌। संयोग और वियोग दोनों का मर्मस्पर्शी चित्रण सूरदास ने किया है। उनकी भक्ति मुख्यत: साख्य भाव की है परंतु उसमें विनय, वात्सल्य और माधुर्य भाव का भी मिश्रण है।


8. गोपियां द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग निहित है?

उत्तर - गोपियों के द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में व्यंग का भाव छिपा हुआ है। उद्धव तो मथुरा में श्रीकृष्ण के साथ ही रहते थे पर फिर भी उनके हृदय में पूरी तरह से प्रेमहीनता थी। वे प्रेम के बंधन से पूरी तरह मुक्त थे। उनका मन किसी के प्रेम में डूबता ही नहीं था। श्री कृष्ण के निकट रह कर भी वे प्रेम भाव से वंचित थे।


9. कविता का शीर्षक 'उत्साह' क्यों रखा गया है?

उत्तर - यह एक आह्वान गीत है जिसमें कवि ने उत्साहपूर्ण ढंग से अपने प्रगतिवादी स्वर को प्रकट किया है। वह बादलों से गरज-गरज कर सारे संसार को नया जीवन प्रदान करने की प्रेरणा देता है जिनके भीतर वज्रपात की शक्ति छिपी हुई है। वह संसार को नई प्रेरणा और जीवन प्रदान करने की क्षमता रखता है इसलिए कवि ने बादलों के विशेष गुण के आधार पर इस कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा है।


10. करुण रस की परिभाषा लिखिए।

उत्तर - किसी प्रिय व्यक्ति के पीड़ित होने पर या प्रिय वस्तु गौरव, वैभव, सम्मान, पद आदि के नष्ट हो जाने पर ह्रदय में जो क्लेश (दु:ख) का भाव उत्पन्न होता है, वही शोक कहलाता है।


11. वर्णिक छंद एवं मात्रिक छंद में कोई दो अंतर लिखिए।



मात्रिक छंद

वर्णिक छंद

1.

मात्रिक छंद में मात्रा का निर्धारण यथा विधि रहता है।

वर्णिक छंद में वर्णों का नियमन रहता है।

2.

मात्रिक छंद में लघु और गुरु मात्राओं की गणना होती है।

वर्णिक छंद में गण विधान (यगण,मगण,तगण,रगण,जगण,भगण,नगण,सगण) रहता है।


12. जीवनी और आत्मकथा में कोई दो अंतर लिखिए।

उत्तर -


जीवनी

आत्मकथा

जीवनी किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा लिखी जाती हैं।

आत्मकथा में लेखक स्वयं अपनी जीवनी प्रस्तुत करता है।

जीवनी में जहां बहुत सी बातें अनुमानित रहती हैं।

आत्मकथा में सब कुछ सत्य पर आश्रित होता है।


13. मन्नू भंडारी की साहित्यिक विशेषताएं

दो रचनाएं - एक प्लेट सैलाब, आंखों देखा झूठ।

भाषा शैली - लेखिका की कहानियां हों या उपन्यास उनमें भाषा और शिल्प की सादगी तथा प्रमाणित अनुभूति मिलती है। इनकी शैली सरल, सहज तथा भावाभिव्यक्ति में सक्षम है। संवाद तथा वाक्य छोटे-छोटे किंतु चुस्त और प्रसंगानुकूल हैं। इनकी रचनाओं में बोलचाल की हिंदी भाषा के साथ-साथ उर्दू, अंग्रेजी तथा देशज शब्दों का खूब प्रयोग हुआ है।


14. सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

उत्तर - चश्मे वाला कोई सेनानी नहीं था और ना ही वह देश की फौज में था। फिर भी लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे। इसका कारण यह रहा होगा कि चश्मे वाले में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। वही अपनी शक्ति के अनुसार देश के निर्माण में अपना पूरा योगदान देता था। कैप्टन के कस्बे में चौराहे पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगी हुई थी। मूर्तिकार उस मूर्ति का चश्मा बनाना भूल गया। कैप्टन ने जब यह देखा तो उसे बड़ा दु:ख हुआ। उसके मन में देश के नेताओं के प्रति सम्मान और आदर था। इसीलिए वह जब तक जीवित रहा उसने नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगा कर रखा था। उसकी इसी भावना के कारण लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे।


15. लेखिका मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा?

उत्तर - लेखिका के जीवन पर 2 लोगों का विशेष प्रभाव पड़ा-

पिता का प्रभाव - लेखिका के जीवन पर पिताजी का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वे हीन भावना से ग्रसित हो गई। इसी के परिणामस्वरूप उनमें आत्मविश्वास की भी कमी हो गई थी। पिता जी के द्वारा ही उनमें देश-प्रेम की भावना का भी निर्माण हुआ था।

शिक्षिका शीला अग्रवाल का प्रभाव - शीला अग्रवाल की जोशीली बातों ने एक ओर लेखिका के खोए आत्मविश्वास को पुनः लौटाया तो दूसरी ओर देश प्रेम की अंकुरित भावना को उचित माहौल प्रदान किया। जिसके फलस्वरूप लेखिका खुलकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने लगी।


16. संधि और समास में दो अंतर लिखिए।


संधि

समास

संधि में दो वर्णों का योग होता है।

समास में 2 पदों का योग होता है।

संधि को तोड़ना विच्छेद कहलाता है।

समास को तोड़ना विग्रह कहलाता है।


17. बच्चे माता पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं? लिखिए।

उत्तर - बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम की अभिव्यक्ति कई तरह से करते हैं -

1.माता-पिता को अपने दोस्तों के बारे में बताकर या किसी रिश्तेदार के बारे में पूछकर।

2. माता-पिता के साथ नाना प्रकार के खेल खेलकर।

3. माता-पिता को कहानी सुनाने या कहीं घुमाने ले जाने की या अपने साथ खेलने को कहकर।

4. माता पिता के साथ विभिन्न प्रकार की बातें करके अपना प्यार व्यक्त करते हैं।

5. वे अपने माता-पिता से रो-धोकर या जिद करके कुछ मांगते हैं फिर बाद में अपना प्रेम अलग अलग तरीके से प्रकाशित करते हैं।

6. माता-पिता के साथ रहकर उनसे अपना प्यार व्यक्त करते हैं।


18. अथवा का उत्तर


प्रसंग - प्रस्तुत कविता फसल हमारी पाठ्य पुस्तक 'क्षितिज' भाग 2 में संकलित की गई है जिसके रचयिता श्री नागार्जुन जी हैं। कवि ने स्पष्ट किया है कि फसल उत्पन्न करने के लिए मनुष्य और प्रकृति मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते हैं।

व्याख्या - कवि कहता है कि फसल को उत्पन्न करने के लिए एक दो नहीं बल्कि अनेक नदियों से प्राप्त होने वाला पानी अपना जादुई प्रभाव दिखाता है। उसी पानी के कारण यह पनपती है, बढ़ती है। इसे उगाने के लिए किसी एक व्यक्ति के नहीं, दो के नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों हाथों के द्वारा छूने की गरिमा छिपी हुई है। यही लाखों-करोड़ों इंसानों के परिश्रम का कारण है। इसमें 1-2 खेतों की मिट्टी नहीं प्रयुक्त हुई। इसमें तो हजारों खेतों की उपजाऊ मिट्टी की विशेषताएं छिपी हुई है। मिट्टी का गुणधर्म इसमें छिपा हुआ है। फसल क्या है? यह तो नदियों के द्वारा लाए गए पानी का जादू है जिससे इसे उपजाने में सहायता दी। इसमें ना जाने कितने लोगों के हाथों का परिश्रम छिपा है। यह उन हाथों की महिमा का परिणाम है। भूरी-काली, संदली मिट्टी की विशेषताएं इसमें विद्यमान हैं। यह सूर्य की किरणों का फसल के रूप में परिवर्तन है। सूर्य ने अपनी किरणों से उसे बढ़ाया है। जीवन दिया है। हवा ने इसे थिरकने और इधर-उधर डोलने का गुण प्रदान किया है। भाव यह है कि फसल प्रकृति और मनुष्य के सामूहिक प्रयत्नों का परिणाम है।


19. अथवा का उत्तर


संदर्भ - यह गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के 'संस्कृति' पाठ से अवतरित है। इसके लेखक भदंत आनंद कौसल्यायन हैं।

प्रसंग - इसमें बताया गया है कि कौन व्यक्ति संस्कृत होगा और कौन सभ्य।

व्याख्या - लेखक कहते हैं कि अपनी बुद्धि या विवेक द्वारा किसी नए तथ्य का दर्शन करने वाला तथा नया अविष्कार करने वाला व्यक्ति ही संस्कृत व्यक्ति होता है। जिस संतान को बिना किसी प्रयत्न के जो चीज़ खोज करने वाले से मिल गई है वह संस्कृत नहीं कहा जा सकता है। संतान को पूर्वज की तरह सभ्य तो कह सकते हैं किंतु उसे संस्कृत नहीं कहा जा सकता है।


20. 'परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं' विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।

  • परोपकार मानवता का दूसरा नाम है और हमें बढ़-चढ़कर इस क्रिया में भाग लेना चाहिए।

  • परोपकार शब्द 'पर' और 'उपकार' शब्दों से मिलकर बना है।

  • जिसका अर्थ है दूसरों पर किया जाने वाला उपकार।

  • जिसमें कोई अपना स्वार्थ ना हो उसे परोपकार कहते हैं।

  • परोपकार को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है।

  • हमें बच्चों को शुरू से यह सिखाना चाहिए।

परोपकार एक ऐसी भावना होती है जो हर किसी को अपने अंदर रखनी चाहिए।

  • इसे हर व्यक्ति को अपनी आदत के रूप में विकसित भी करनी चाहिए।


21. अथवा का उत्तर


1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

उत्तर - 

2. प्रकृति के नियम तोड़ने से क्या होगा?

उत्तर -

3. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।

उत्तर -


22. अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी से अवगत कराते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए।

उत्तर - 


220, टी.टी. नगर, भोपाल

दिनांक:20 फरवरी 2022


आदरणीय पिता जी,

सादर चरण स्पर्श,

मैं यहां कुशलतापूर्वक हूं और आशा करता हूं कि आप लोग भी कुशलता से होंगे। मेरा वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम प्रकाशित हो चुका है। परीक्षाएं 5 मार्च से प्रारंभ होंगी। इस वर्ष मेरी बोर्ड की परीक्षा है। इस कारण मैं बहुत मेहनत कर रहा हूं। मैं अच्छे अंक लाने का प्रयास कर रहा हूं। अंग्रेजी और गणित में थोड़ी कठिनाई आती है। इन विषयों के लिए मैंने कोचिंग लगा ली है। वैसे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना आप लोगों के आशीर्वाद से मेरे लिए कोई कठिन कार्य नहीं है। आगामी पत्र परीक्षा के बाद लिखूंगा।

आदरणीय पिता जी को प्रणाम ।

आपका बेटा

शशि वर्मा


23. का उत्तर


स्वच्छ भारत अभियान


प्रस्तावना - स्वच्छता क्या है? यदि इस विषय पर विचार किया जाए तो हम पाते हैं कि निरंतर प्रयोग में आने से वातावरण के प्रभाव से अथवा स्थान मलिन होता रहता है। धूल, पानी, धूप, कूड़ा करकट की पर्त साफ करना,धोना, मैला और गंदगी को हटाना ही स्वच्छता कही जाती है। अपने शरीर, वस्त्रों, घरों, गलियों, नालियों और यहां तक कि अपने मोहल्लों तथा ग्राम नगरों को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है। स्वच्छता ना केवल हमारे घर, सड़क तक के लिए ही जरूरी नहीं होती है। यह देश और राष्ट्र की आवश्यकता होती है इससे ना केवल हमारा घर आंगन ही स्वच्छ रहेगा पूरा देश भी स्वच्छ रहेगा। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान जो कि हमारे देश के प्रत्येक गांव और शहर में प्रारंभ की गई है।


स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ है लक्ष्य - 'स्वच्छ भारत अभियान' एक राष्ट्रीय स्तरीय अभियान है। राष्ट्रीय पिता गांधी जी हमेशा स्वच्छ भारत का सपना देखते थे, वह चाहते थे कि हमारा देश भी साफ सुथरा रहे। गांधी जी की 145वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान के आरंभ की घोषणा की, तथा प्रधानमंत्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई।

इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर इस अभियान की शुरुआत की और सभी राष्ट्रपतियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की, इस अवसर पर उन्होंने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था। 'क्लीन इंडिया, क्लीन इंडिया'।

आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने 'क्विट इंडिया' कैसा सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका 'क्लीन इंडिया' का सपना अधूरा ही है। अब समय आ गया है कि हम सवा सौ करोड़ भारतीय अपनी मातृभूमि को स्वच्छ बनाने का प्रण करें। इस अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है।


वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति - 


केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत अभियान' या 'गंदगी मुक्त भारत' की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, पहले पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है।

कुछ वर्ष पहले ही हमारे पड़ोसी देश चीन के कई ब्लॉगों पर गंगा में तैरती लाशों और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर सारी तस्वीर चाहिए, आज भारत के कई बड़े-बड़े शहर स्वच्छता में ऐसे हो गए हैं कि जहां आपको ढूंढने पर भी कचरा या गंदगी नहीं मिलेगी। इसका उदाहरण है भारत के मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर इंदौर जो कि लगातार पांच वर्षों से स्वच्छ भारत का खिताब जीत रहा है।


स्वच्छता का महत्व - यह सभी बातें और तथ्य हमें यहां सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम भारतीयों साफ-सफाई के मामले में भी पिछड़े हुए क्यों हैं? बल्कि हम उस समृद्धि और गौरवशाली भारतीय संस्कृति के अनुयाई हैं इसका मुख्य उद्देश्य सदा 'पवित्रता' और 'शुद्धि' रहा है, यह सही है कि चरित्र की शुद्धि और पवित्रता बहुत आवश्यक है लेकिन बाहर की सफाई भी उतनी ही आवश्यक है।

जिस प्रकार स्वच्छ परिवेश का प्रतिकूल प्रभाव हमारे मन मस्तिष्क पर पड़ता है, इसी प्रकार एक स्वच्छ और सुंदर व्यक्तित्व का विकास भी स्वच्छ और पवित्र परिवेश में ही संभव है। अतः अंतःकरण की शक्ति का मार्ग बाहरी जगत की शुद्धि और स्वच्छता से होकर ही गुजरता है।


स्वच्छता के प्रकार - स्वच्छता को मोटे रूप से दो प्रकार से देखा जा सकता है- व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता। व्यक्तिगत स्वच्छता में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाड़ू पोछा करना, स्नान ग्रह और शौचालय को विसंक्रामक पदार्थों के द्वारा स्वच्छ रखना। घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई, ये सभी व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है, जो प्रायः नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर करती है। सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती।


स्वच्छता से लाभ - कहा गया है कि स्वच्छता ईश्वर को भी प्रिय है। ईश्वर का कृपा पात्र बनने की दृष्टि से ही नहीं, अपितु अपने मानव-जीवन को सुखी, सुरक्षित और तनाव-मुक्त बनाए रखने के लिए भी स्वच्छता आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है। मलिनता अथवा गंदगी ना केवल आंखों को बुरा लगती है अपितु इसका हमारे स्वास्थ्य से भी सीधा संबंध है। गंदगी रोगों को जन्म देती है, प्रदूषण की जननी है और हमारी असभ्यता की निशानी है। अतः व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने में योगदान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

  स्वच्छता के उपयुक्त प्रत्याक्ष लाभों के अतिरिक्त इसके कुछ अप्रत्यक्ष और दूरगामी लाभ भी हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से व्यक्ति और शासन दोनों लाभान्वित होते हैं। बीमारियां ना होने से खर्चे में कमी आती है तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय होने वाले सरकारी खर्च में भी कमी आती है। इस बचत को अन्य सेवाओं में उपयोग किया जा सकता है।


स्वच्छता : हमारा योगदान - स्वच्छता केवल प्रशासनिक उपायों के बलबूते नहीं चल सकती। इसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी परम आवश्यक होती है। हम अनेक प्रकार से स्वेच्छा से स्वच्छता में योगदान कर सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं–


घर का कूड़ा-करकट गली अथवा सड़क पर ना फेंके। उस सफाई कर्मी के आने पर उसकी ठेला या वाहन में ही डालें। कूड़े-कचरे को नालियों में ना बहाएं। इससे नालियां अवरुद्ध हो जाती हैं। गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है।

पॉलीथिन का प्रयोग बिल्कुल ना करें, ये गंदगी बढ़ाने वाली वस्तु तो है ही, पशुओं के लिए भी बहुत घातक है। घरों के शौचालयों की गंदगी नालियों में ना बहाएं। खुले में शौच ना करें तथा बच्चों को नालियों या गलियों में शौच न कराएं।

नगर पालिका के सफाई कर्मियों का सहयोग करें।


उपसंहार - प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है। इसका प्रचार-प्रसार मीडिया के माध्यम से निरंतर किया जा रहा है। अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, सेलेब्रिटीज (प्रसिद्ध लोग) इसमें भाग ले रहे हैं। जनता को इसमें अपने स्तर पर सहयोग देना चाहिए। इसके साथ गांव में खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को घरों में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। इन अभियानों में समाज के प्रत्येक वर्ग को पूरा सहयोग करना चाहिए।


लोगों द्वारा पूछे गए अन्य प्रश्न —


1. स्वच्छ भारत अभियान निबंध को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

स्वच्छ भारत अभियान का अर्थ है स्वच्छ भारत मिशन। यह अभियान भारत के सभी शहरों और कस्बों को स्वच्छ बनाने के लिए तैयार किया गया था। यह अभियान भारत सरकार द्वारा प्रशासित किया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किया गया था।


2. स्वच्छता पर निबंध कैसे लिखें?

स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित सबकी सफाई करते हैं। हमें सदैव साफ, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहनना चाहिए। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है।


3. स्वच्छ भारत अभियान से क्या आशय है?

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परंतु 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ।


4. स्वच्छता निष्कर्ष क्या है?

सफाई अगली भक्ति है। स्वच्छ वातावरण हमें स्वस्थ और स्वच्छ रहने में मदद करता है। पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखना हमारा सबसे पहला कर्तव्य है। स्वच्छ भारत अभियान जैसे अभियानों में भाग लेकर हम ऐसा कर सकते हैं।


5. स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?

स्वच्छ भारत अभियान के निम्न कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य। भारत में खुले में मलत्याग की व्यवस्था का जड़ से उन्मूलन। अस्वास्थ्यकर शौचालयों को बहाने वाले शौचालयों में बदलना। हाथों से मल की सफाई करने की व्यवस्था को हटाना।


6. स्वच्छ भारत अभियान का क्या लाभ है?

जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा मिला। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता फैली। स्वच्छ भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार होगा।


7. स्वच्छता का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

स्वच्छता एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते हैं। हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है, अपने आसपास के क्षेत्रों और पर्यावरण की सफाई सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।


8. भारत को स्वच्छ बनाने का सपना किसका था?

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि साफ- सफाई, ईश्वर भक्ति के बराबर है और इसलिए उन्होंने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा दी थी और देश को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था।


9. स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कैसे हुई?

श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरुआत करते हुए कहा था कि, "एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं"। 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देशभर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था।


10. स्वच्छता दिवस कब मनाया जाता है?

हर वर्ष 5 मई को विश्व हाथ स्वच्छता दिवस या वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे मनाया जाता है।


Click here 👇👇👇


Post a Comment

Previous Post Next Post

Top Post Ad

Below Post Ad