MP Board Class 12th History Pre Board Paper Solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं इतिहास प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023
MP Board Class 12th History Pre Board Paper Solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं इतिहास (सेट-A) प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023
mp board 12th history pre board paper solution 2023
MP Board Class 12th History Pre Board Paper Solution 2023 download PDF || एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं इतिहास प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023
सत्र 2022-23 में प्रदेश के समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी विद्यालय में कक्षा 12वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा के पूर्वाभ्यास दिनांक 30 जनवरी 2023 से दिनांक 11 फरवरी 2023 तक कराए जाएं इस हेतु निर्देश जारी कर दिए गए।
मध्य प्रदेश बोर्ड में प्री बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है।
जिस तरह से विमर्श पोर्टल पर प्राचार्य लॉगिन पर दिनांक 27 एक 2023 से सन में प्रपत्र 1 में दर्शाई गई सूची अनुसार निम्नानुसार सामग्री उपलब्ध होगी जिन्हें प्राचार्य डाउनलोड कर उनके विद्यालय की छात्र संघ के अनुसार कम छात्र होने पर फोटोकॉपी तथा अधिक छात्र होने पर मुद्रित करा सकेंगे
मध्य प्रदेश बोर्ड में बोर्ड परीक्षा से पहले एक बार प्री बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। प्री बोर्ड परीक्षा 2023 की तैयारी किस प्रकार से करें इस पोस्ट में पूरी कंप्लीट जानकारी मिलने वाली ।
MP Board प्री बोर्ड परीक्षा 2023 क्या है ?
अर्धवार्षिक परीक्षा खत्म होने के बाद हर साल की तरह प्री बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस वर्ष अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं लेट से आयोजित की गई थी इस वजह से प्री बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद प्री बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन दोबारा से किया जा रहा है। छात्र बोर्ड परीक्षा से पहले अपनी परीक्षा के लिए तैयार हो पाएंगे और गुड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।
एमपी बोर्ड प्री बोर्ड कक्षा 12 इतिहास अभ्यास परीक्षा पेपर 2023
इस पोस्ट में आपको कक्षा 12वीं इतिहास प्री बोर्ड परीक्षा पेपर 2022 के अभ्यास परीक्षा पेपर का संपूर्ण हल देखने को मिलने वाला है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें। इस पोस्ट में कक्षा 12वीं इतिहास प्री बोर्ड परीक्षा 2023 के प्रश्न पत्र का सलूशन दिया गया है।
अभ्यास प्रश्न पत्र- 2023
कक्षा- 12
विषय- इतिहास
(सेट-A)
सभी प्रश्नों के उत्तर
1-सही विकल्प का चयन कीजिए।
1-हड़प्पा सभ्यता की सबसे विशिष्ट पुरावस्थू है उत्तर हड़प्पाई मोहर है
2-गांधार कला संबंधित है
उत्तर बौद्ध धर्म से
3-किस शासक ने इब्नबतूता को दिल्ली का काजी नियुक्त किया?
उत्तर मोहम्मद बिन तुगलक
4-परम सत्य के स्वरूप को समझने की मुश्किल को दर्शाने वाली रचनाएं उलट बांसी उलट कहीं उक्तिया की रचना की थी।
उत्तर कबीर दास जी ने
5-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज अथवा पूर्व स्वतंत्रता की उद्घोषणा कौन से वार्षिक अधिवेशन में की थी
उत्तर लाहौर अधिवेशन
6-यह किसने कहा था हम सिर्फ नकल करने वाले नहीं हैं भारत का शासन भारतीय जनता की इच्छा अनुसार होना चाहिए।
उत्तर जवाहरलाल नेहरू
2-रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए उत्तर
1-मोर
2-मुद्रा शास्त्र
3-वी एस सुधाकर
4-थेरीज
5- अमर नायक
6-इस्तमरारी बंदोबस्त
7-लार्ड वेलेजली
सही जोड़ी बनाइए उत्तर
नंद वंश - महापद्म
कुपवाड़ राजा - देवपुत्र
रिहला - इब्नबतूता
ट्रैवल्स इन द मुगल एंपायर -फ्रांसिस बर्नियर
मिल्कियत -व्यक्तिगत जमीन
हासिल - वसूली गई रकम
4-एक शब्द वाक्य में उत्तर लिखिए
1-हड़प्पा सभ्यता में किस पशु की पूजा की जाती थी?
उत्तर बिल्ली की और कुंवड वाला बैल
2-महात्मा बुध के पूर्व जन्मों की कथाएं किससे संकलित हैं?
उत्तर जातक कथाएं
3-जैन मान्यता के अनुसार जन्म और पुनर्जन्म का चक्र किसके द्वारा निर्धारित होता है।
उत्तर कर्मो के माध्यम से
4-अट्ठारह सौ ईसवी में हम्पी भग्रावशेष किस पूरा विद द्वारा प्रकाश में लाए गए थे?
उत्तर कर्नल कालीन मैकेंजी
5-जोरदार की जमीन पर खेती करने वाले किसान क्या कहलाती थी?
उत्तर इजारेदारी
6-संथाली द्वारा दी कुछ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता है।
उत्तर शांति से रहने वाले आदिवासियों के लिए।
7-महात्मा गांधी और भीमराव अंबेडकर के बीच 1932 में कौनसा समझौता हुआ था?
उत्तर पुना फैक्ट
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5-सत्य और असत्य लिखिए उत्तर
1-सत्य
2-सत्य
3-असत्य
4-सत्य
5-सत्य
6-सत्य
प्रश्न 6 मोहनजोदड़ो नगर की विशेषताएं लिखिए
उत्तर 1-मोहनजोदड़ो को हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा शहरी केंद्र माना जाता है।
2-इस सभ्यता की नगर योजना गृह निर्माण मुद्रा मोहरो आज की अधिकांश जानकारी मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुए।
प्रश्न 7 किताब उल हिंद में वर्णित विषयों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए
उत्तर-अरबी में लिखी गई अलबरूनी की कृति किताब और हिंदी की भाषा सरल और स्पष्ट है यह एक विस्तृत ग्रंथ है जो धर्म और दर्शन त्यौहारी खगोल विज्ञान की कीनिया रीति-रिवाजों तथा प्रथाओं, सामाजिक जीवन भारत और तथा मापन विधियों मूर्तिकला कानून माप तंत्र विज्ञान आदि विषयों के आधार पर 80 अध्यायों में विभाजित है।
प्रश्न 8 खालसा पथ पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर-खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 को वैसाखी वाले दिन आनंदपुर साहिब में की। इस दिन उन्होंने सर्वप्रथम पांच प्यारों को अमृत पान करवाकर खालसा बनाया तथा तत्पश्चात उन पांच प्यारों को हाथों से स्वयं भी अमृत पान किया। सत गुरु गोविंद सिंह ने खालसा महिमा में खालसा को काल पुरख की फौज पद से नवाजा है।
प्रश्न 9 महानवमी का डिब्बा क्या था?
उत्तर महानवमी डिब्बा से संबंध अनुष्ठान सितंबर एवं अक्टूबर की शरद महीनों में 10 दिनों तक मनाया जाने वाला हिंदू त्यौहार था। इस अनुष्ठान को उत्तर भारत में दशहरा बंगाल में दुर्गा पूजा और प्रायद्वीपीय भारत में महानवमी के नाम से निष्पादित किए जाते थे इस अवसर पर विजयनगर के शासक अपने रुतबे ताकत तथा सत्ता की शक्ति का प्रदर्शन करते थे।
प्रश्न 10 मुगलकालीन जजमानी प्रथा को समझाइए?
उत्तर जजमानी व्यवस्था परंपरागत व्यवस्थाओं पर निर्भर है इस व्यवस्था में प्रत्येक जाति की एक निश्चित व्यवस्था तय हो जाती है जो परंपरागत होता है तथा यह पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहता है।
प्रश्न 11 संथाल विद्रोह कब और किसके नेतृत्व में हुआ
उत्तर-सन 1855-56 में संथाल विद्रोह का नेतृत्व करने वाले दो भाइयों सिद्धू और कान्हू ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। अंग्रेजों ने इनके विद्रोह को ऐसे कुचला की जलियांवाला कांड भी छोटा पड़ जाता। इस विद्रोह में अंग्रेजों ने लगभग 30,000 संथालियों को गोलियों से भून डाला था।
प्रश्न -12 1857 का विद्रोह एक जन विद्रोह था कथन के पक्ष में कोई दो कारण दीजिए उत्तर-1857 ईसवी की महान क्रांति जिसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सैनिक विद्रोह हिंदू मुस्लिम संगठित षड्यंत्र आदि नामों से जाना जाता है का बिगुल सैनिकों ने बजाया और चर्बी वाले कारतूस ओं का मामला विद्रोह का तत्कालिक कारण बना किंतु शीघ्र ही यह विद्रोह जन विद्रोह बन गया विद्रोहियों का प्रमुख उद्देश्य था भारत से ब्रिटिश सत्ता को उखाड़ फेंकना।
प्रश्न 13 चरखा गांधीजी के अनुसार किस प्रकार का प्रतीक है? वह क्या दर्शाता है?
उत्तर गांधीजी का मानना था कि आधुनिक युग में मशीनों ने मानव को गुलाम बनाकर श्रम को हरा दिया है इससे गरीबों का रोजगार छिन गया है इससे आम लोग निष्क्रिय बनते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में चरखा राष्ट्र को नया जीवन प्रदान करेगा क्योंकि यह मानव श्रम तथा उसके महत्व का प्रतीक है गांधीजी चरखी को एक आदर्श समाज के प्रतीक के रूप में देखते थे। उनका मानना था कि चरखा गरीबों को पूरक आमदनी प्रदान करके उन्हें आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी बना सकता है गांधी जी ने 17 मार्च 1927 ईस्वी को यंग इंडिया में लिखा था खद्दर मशीनरी को नष्ट नहीं करना चाहता अपितु यह इसके प्रयोग को नियमित करता है और इसके विकास को नियंत्रित करता है। यह मशीनरी का प्रयोग सर्वाधिक गरीब लोगों के लिए उनकी अपनी झोपड़ियों में करता है। पहिया अपने आप में ही मशीन का एक उत्कृष्ट नमूना है प्रोग्राम इस प्रकार चरखा जन सामान्य से संबंधित था और आर्थिक प्रगति का प्रतीक था इसलिए इसे राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में चुना गया।
प्रश्न 14 संविधान सभा में प्रारूप समिति का मुख्य कार्य क्या था?
उत्तर संविधान में बनाई गई अधिनियमों पर विचार विमर्श करने के लिए प्रारूप समिति का गठन किया गया था प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के बाद 21 फरवरी 1948 को संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की। संविधान सभा के 11वीं सत्र के आखिरी दिन 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान स्वीकार किया गया।
प्रश्न 15 संविधान में वर्णित समवर्ती सूची से क्या आशय है?
उत्तर भारतीय संविधान में संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। एक सूची संघ सूची है। जिस पर केंद्र द्वारा कानून बनाए जाते हैं। दूसरी सूची राज्य सूची है। इसमें दिए गए विषयों पर साधारण परिस्थितियों में राज्य सरकार नियम बनाती है कुछ विषय ऐसे भी होते हैं जिन पर केंद्र तथा राज्य दोनों मिलकर कानून बना सकते हैं परंतु टकराव की स्थिति में केंद्र द्वारा बनाया गया कानून की प्रभावी रहता है इस तीसरी सूची को ही समवर्ती सूची कहा जाता है। इस सूची में 47 विषय हैं। इसमें विवाह तलाक दंड विधि दीवानी कानून न्याय समाचार पत्र पुस्तकें तथा छापा खाने आर्थिक सामाजिक योजना कारखाने इत्यादि आते हैं।
प्रश्न 16 महाभारत को एक प्रगतिशील ग्रंथ क्यों कहा गया है? स्पष्ट कीजिए
उत्तर महाभारत हिंदुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है जो स्मृति के इतिहास वर्ग में आता है। कभी-कभी इसे केवल भारत कहा जाता है यह काव्य ग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक पौराणिक ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। विश्व का सबसे लंबा यह साहित्य ग्रंथ और महाकाव्य हिंदू धर्म के महत्तम ग्रंथों में से एक है इस ग्रंथ को हिंदू धर्म में पंचम वेद माना जाता है। किंतु आज भी यह ग्रंथ प्रत्येक भारतीय के लिए एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति प्राचीन भारत इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिंदू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवत गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में 100000 लोग हैं जो यूनानी काव्यो इलियड और उड़ीसा से परिमाण में 10 गुना अधिक है।
प्रश्न 17 अमरावती का स्तूप क्यों नष्ट हो गया? समझाइए
उत्तर-1850 के दशक से ही अमरावती के उत्कीर्ण पत्थर अलग-अलग स्थानों पर ले जाए जाने लगी। कुछ उत्कीर्ण पत्थर कोलकाता स्थिति एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल में पहुंचा दिए गए। अमरावती अनेक मूर्तियां अंग्रेज अधिकारियों के बगीचे की शोभा बन गई क्योंकि हर कोई नया अंग्रेज अधिकारी यह कहकर मूर्तियां उठा ले जाता था की उसके पूर्व के अधिकारियों ने भी ऐसा किया था। अमरावती स्तूप की महत्वपूर्ण धरोहर नष्ट हो गई। वर्तमान में अमरावती का स्तूप केवल एक छोटा सा किला है ग्राम हम भारतीय विरासत से वंचित हो गए।
प्रश्न 18 विजयनगर साम्राज्य की अमर नायक प्रणाली को समझाइए
उत्तर अमर नायक प्रणाली विजयनगर साम्राज्य की प्रमुख राजनीतिक खोज थी। यह प्रणाली दिल्ली सल्तनत की इक्ता प्रणाली जैसी ही थी। अमर नायक सैनिक कमांडर थे। इनकी राय द्वारा प्रशासन के लिए क्षेत्र दिए जाते थे अमर नायक उन क्षेत्रों में किसानों शिल्प कर्मियों और व्यापारियों से भू राजस्व तथा अन्य कर वसूला करते थे। अमर नायक राजवंश का कुछ भाग अपने व्यक्तिगत उपयोग में तथा घोड़ों और हाथियों के दल के रखरखाव के लिए अपने पास रख लेते थे। यह दल विजयनगर शासक को एक प्रभावी सैनिक शक्ति प्रदान करने में सहायक होते थे। इनकी मदद से इन्होंने दक्षिण भारत पर नियंत्रित किया राजस्व का कुछ हिस्सा मंदिर और सिंचाई के माध्यम से रखरखाव के लिए खर्च किया जाता था।
प्रश्न 19 आवाज में विद्रोह इतना व्यापक क्यों था? किसान तालुकदार और जमीदार इस में क्यों शामिल हुए?
उत्तर-1857 के स्वतंत्रता संग्राम के अंतर्गत अवध में हुए विद्रोह का व्यापकता और किसान तालुकदार और जमीदारों कि उसमें शामिल होने के अनेक कारण थे जो इस प्रकार हैं-
1-1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अवध में विद्रोह बेहद व्यापक हो गया था और यह विद्रोह अंग्रेजी शासन के विरुद्ध जनसामान्य की अभिव्यक्ति बन गया था। इस विद्रोह में किसानों जमीदारों तालुकदारो सबने मिलकर भाग लिया। अवध में विद्रोह की शुरुआत लखनऊ से हुई थी। इसका नेतृत्व बेगम हजरत महल कर रही थी। उन्होंने अपने नाबालिक पुत्र वर्जिन कादर को अवध का नवाब घोषित करके अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष आरंभ कर दिया।
2-अवध के जमींदारों और सैनिकों ने भी बेगम की भरपूर मदद की। विद्रोहियों ने शीघ्र ही ब्रिटिश रेजिडेंस को घेर लिया और जल्दी ही पूरे अवध में विद्रोहियों के झंडे लहराने लगे अवध में विद्रोह का व्यापक प्रसार इसलिए हुआ क्योंकि इस अवध में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध सभी वर्ग के लोगों ने समान रूप से भाग लिया। इसका कारण यह था कि सभी वर्ग के लोग ब्रिटिश शासन से समान रूप से प्रताड़ित थे।
प्रश्न 20 वर्णित (उत्तर वैदिक) काल में कृषि के तौर तरीके में किस हद तक परिवर्तित हुए? उत्तर-वैदिक काल में कृषि के तौर-तरीके में निम्न परिवर्तन हुए।
1-उत्तर वैदिक काल में लौह युग का प्रारंभ हुआ जिसमें कृषि कार्य के लिए नवीन उपकरणों का निर्माण होने लगा लोहे के प्रयोग ने कृषि अर्थव्यवस्था को और विकसित करने में विशेष योगदान दिया।
2-कृषि के प्रसाद से कबायली संगठन में भी विघटन हुआ एवं छोटे-छोटे कबीले एक दूसरे में विलीन होकर बड़े क्षेत्रफल जनपदों के रूप में उभर रहे थे। कृषि लोगों का प्रमुख व्यवसाय बन चुका था और इस तरह सामान्य जीवन में स्थायित्व का विकास हुआ।
3-इस काल में स्थाई रूप से खेती करने के लिए जंगल साफ करने हेतु लोहे की कुल्हाड़ी का प्रयोग किया गया।
4-लोहे की नोक वाले हल एवं कुदाल ने कृषि यंत्रों की क्षमता को बढ़ाया जिससे कृषि कार्यों का विस्तार हुआ। तथापि उपकरणों के निर्माण में वांछित विकास अभी तक नहीं हो पाया था।
प्रश्न 21 अलवार नयनार और वीर शेवों ने किस जाति प्रथा की आलोचना प्रस्तुत की?
उत्तर अलवर तथा नयनार संतो ने जाति प्रथा का विरोध किया। कुछ इतिहासकारों का मत है कि अलवार और नयनार संतो ने जाति प्रथा तथा ब्राह्मणों को सर्वोच्च था तथा प्रभुता के विरुद्ध आवाज उठाई। उस समय समाज में ब्राह्मणों का प्रभाव था जो समाज में अपनी प्रतिष्ठा तथा सम्मान को बनाए रखने का प्रयास करते थे। किंतु अनेक विभिन्न जातियों से थे कुछ तो ऐसी जातियों से आए थे जिनको ब्राह्मणों ने अस्पश्य माना। अतः इस ब्राह्मणवादी प्रवृत्ति का संतो ने विरोध किया और समतावादी समाज के निर्माण का प्रयास किया।
वीरशैवों द्वारा जाति प्रथा विरोध
प्रश्न 22 चरखे की राष्ट्रवाद का प्रतीक क्यों चुना गया?
उत्तर गांधीजी का मानना था कि आधुनिक युग में मशीनों ने मानव को गुलाम बनाकर श्रम को हरा दिया है इससे गरीबों का रोजगार छिन गया है। इससे आम लोग निष्क्रिय बनती जा रही हैं।
ऐसी स्थिति में चरखा राष्ट्र को नया जीवन प्रदान करेगा क्योंकि यह मानव श्रम तथा उसके महत्व का प्रतीक है गांधीजी चरखी को एक आदर्श समाज के प्रतीक के रूप में देखते थे। उनका मानना था कि चरखा गरीबों को पूरक आमदनी प्रदान करके उन्हें आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी बना सकता है गांधी जी ने 17 मार्च 1927 ईस्वी को यंग इंडिया में लिखा था खद्दर मशीनरी को नष्ट नहीं करना चाहता अपितु यह इसके प्रयोग को नियमित करता है और इसके विकास को नियंत्रित करता है। यह मशीनरी का प्रयोग सर्वाधिक गरीब लोगों के लिए उनकी अपनी झोपड़ियों में करता है। पहिया अपने आप में ही मशीन का एक उत्कृष्ट नमूना है प्रोग्राम इस प्रकार चरखा जन सामान्य से संबंधित था और आर्थिक प्रगति का प्रतीक था इसलिए इसे राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में चुना गया।
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