MP board class 11th biology trimasik paper 2021 full solution/कक्षा ग्यारहवीं बायोलॉजी त्रैमासिक पेपर 2021
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MP board trimasik exam 2021 |
MP board class 11th biology solutions chapter 8: कोशिका जीवन की इकाई
कोशिका: जीवन की इकाई
एनसीईआरटी प्रश्न उत्तर-
प्रश्न -1 इनमें कौन सा सही नहीं है-
(a)कोशिका की खोज राबर्ट ब्राउन ने की थी।
(b)श्लीडेन व श्वान ने कोशिका का सिद्धांत प्रतिपादित किया था।
(c)वर्चीव के अनुसार कोशिका पूर्व स्थित कोशिका से बनती है।
(d)एक कोशिकीय जीव अपने जीवन के कार्य एक कोशिका के भीतर करते हैं।
उत्तर-(a) कोशिका की खोज रॉबर्ट ब्राउन ने की थी।
प्रश्न -2 नई कोशिका का निर्माण होता है-
(a)जीवाणु किण्वन से
(b)पुरानी कोशिकाओं के पुनरुत्पादन से
(c)पूर्व स्थित कोशिकाओं से
(d)अजैविक पदार्थों से
उत्तर-(c) पूर्व स्थित कोशिकाओं से
प्रश्न-3 'क' और 'ख' में मिलान कीजिए-
1.क्रिस्टी (a) पीठिका में चपटे
कलामय झिल्ली
2.कुंडिका (b) सूत्रकणिका में
अंतर्वलन
3.थाईलेकाइड (c)गाल्जी उपकरण बिंब
आकार की थैली।
उत्तर- 1.(b)सूत्र कणिका में अंतर्वलन
2.(c) गाल्जी उपकरण बिंब आकार की
थैली
3. (a) पीठिका में चपटे कलामय
झिल्ली
प्रश्न-4 इनमें से कौन- सा सही है-
(a)सभी जीव कोशिकाओं में केंद्रक मिलता है।
(b)दोनों जंतु और पादप कोशिका में स्पष्ट कोशिका भित्ति होती है।
(c)प्रोकैरियोटिक कोशिका की झिल्ली में आवरित अंगक मिलते हैं।
(d)कोशिका का निर्माण अजैविक पदार्थों से नए सिरे से होता है।
उत्तर- (a) सभी जीव कोशिकाओं में केंद्रक मिलता है।
प्रश्न-5 प्रोकैरियोटिक कोशिका में मीसोसोम क्या होता है? इसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर- प्रोकैरियोटिक कोशिका में एक विशिष्ट झिल्ली मीसोसोम पाई जाती है। इस दिल्ली का निर्माण प्लाज्मा झिल्ली के वृद्धि से होता है।
मीसोसोम के कार्य:
•कोशिका भित्ति का निर्माण
•डीएनए प्रतिकृति करण एवं पुत्री कोशिकाओं का वितरण करना
•कोशिकीय श्वसन ,स्त्रावण आदि कार्यों में सहायता करना आदि है।
प्रश्न-6 कैसे उदासीन विलेय जीवद्रव झिल्ली से होकर गति करते हैं ?क्या ध्रुवीय अणु उसी प्रकार से होकर गति करते हैं? यदि नहीं तो इनका जीवद्रव झिल्ली से होकर परिवहन कैसा होता है?
उत्तर- उदासीन विलेय सांद्रता प्रवणता के अनुसार जैसे- उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर साधारण विसरण द्वारा इस झिल्ली से बाहर होकर जाते हैं ।ध्रुवीय अणु उदासीन विलेय की तरह जीवद्रव झिल्ली से होकर गति नहीं करते चूंकि ध्रुवीय अणु जो अध्रुवीय लिपिड की व्दि-सतह से होकर नहीं जा सकते उन्हें दिल्ली से होकर परिवहन के लिए झिल्ली की वाहक प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
प्रश्न-7 दो कोशिकीय अंगको के नाम बताइए जो द्विकला से घिरे होते हैं ।इन दो अंगको की क्या विशेषताएं हैं ?इनका कार्य व रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर- द्विकला (double membrane) से घिरे हुए दो कोशिकीय अंगको के नाम है-
1.गाल्जीकाय
2.अंतः प्रद्रव्यी जालिका
गाल्जीकाय की संरचना-
आर.बी.सी .को छोड़कर शेष सभी कोशिकाओं में 3 से 20 तक इकाई झिल्लियों के गुच्छे पाए जाते हैं, जिन्हें गाल्जीकाय या डिक्टीयोसोम कहते हैं। यह इकाई झिल्ली के दोहरे आवरण के बने चपटे सिस्टर्नी (cisternae) ,आशय (vesicle) एवं रिक्तिकाओं (vacuoles) के बने होते हैं। नई बनी कोशिकाओं में यह काफी विकसित होते हैं लेकिन धीरे-धीरे ह्रासित होते हुए पुराने कोशिकाओं में पूर्णत: समाप्त हो जाते हैं। इनकी उत्पत्ति केंद्रकीय झिल्ली से होती है।
गाल्जीकाय के कार्य-
•विभिन्न स्थानों पर निर्मित पदार्थों जैसे- एंजाइम ,हार्मोन व कुछ लवणों का सांद्रण तथा स्त्रावण कोशिकाओं में गाल्जी उपकरण द्वारा होता है।
•शर्करा के सरल अणुओं से कार्बोहाइड्रेट के जटिल अणुओं का निर्माण होता है।
•यह समसूत्री विभाजन की अवस्था में थैलियों का निर्माण करती हैं, जो मिलकर कोशिकापट्ट बनाती हैं।
•लाइसोसोम का निर्माण भी करती हैं और रूपांतरित होकर शुक्राणुओं का एक्रोसोम भी बनाती हैं।
•यह कार्बोहाइड्रेट्स व प्रोटीन का संयोजन कर ग्लाइकोप्रोटीन बनाती हैं।
•कोशिकाभित्ति निर्माण के लिए आवश्यक प्रोटीन का भी संश्लेषण करती हैं।
•अंतः स्रावी कोशिकाओं में यह हार्मोंस के स्त्रावण में मदद करतीं हैं।
•ATP उत्पन्न करने के लिए माइट्रोकांड्रिया को प्रेरित करती हैं।
अंतः प्रद्रव्यी जालिका की संरचना-
कोशिका के कोशिकाद्रव्य में महीन, शाखित , सूक्ष्म नलिकाओं अथवा रिक्तिकाओं का समूह पाया जाता है ,जिन्हें अंतः प्रद्रव्यी जालिकाएं (Endoplasmic Reticulum) कहते हैं। जब इनकी वाह्य सतह पर राइबोसोम्स चिपक जाते हैं, तब इन्हें खुरदरी अंतः प्रद्रव्यी जालिकाएं अन्यथा चिकनी अंतः प्रद्रव्यी जालिकाएं कहते हैं। इसकी खोज गार्नियर ने सन 1897 में की थी। गाल्जीकाय की रिक्तिकाएं इकाई झिल्ली से घिरी रहती हैं। तथा लंबे ,चटपटे, कोष अंडाकार ,वृत्ताकार आशय एवं नलिकाओं की बनी होती है ।यह सभी रचनाएं केंद्रकीय झिल्ली के बहिर्गमन से बनती हैं।
अंतः प्रद्रवी जालिका के कार्य:
•यह कोशिकाओं को यांत्रिक सहारा देने के साथ प्रोटीन संश्लेषण में मदद करते हैं।
•इनके के द्वारा कोशिका के अंदर परिवहन होता है।
•यह कोशिका विभाजन के समय केंद्रकीय झिल्ली के निर्माण में भाग लेते हैं।
•यह एंजाइम के लिए अतिरिक्त सतह प्रदान करती हैं तथा ग्लाइकोजन उपापचय में सहायता देती हैं।
प्रश्न-8 प्रोकैरियोटिक कोशिका की क्या विशेषताएं हैं?
उत्तर- प्रोकैरियोटिक कोशिका की विशेषताएं:
यह प्राथमिक प्रकार की अविकसित कोशिकाएं हैं जिनके केंद्र के चारों तरफ केंद्रकीय झिल्ली नहीं पाई जाती। इनकी कोशिकाओं में दोहरी भित्ति वाले कोशिकांग जैसे: माइट्रोकांड्रिया ,क्लोरोप्लास्ट, गाल्जीकाय ,लाइसोसोम भी पाए जाते हैं।
उदाहरण : जीवाणुओं तथा नीले -हरे शैवालओं की कोशिकाएं।
प्रश्न-9 बहुकोशिकीय जीवो में श्रम विभाजन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- ऐसे जीव जिनका शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बनता है उन्हें बहुकोशिकीय जीव कहा जाता है। बहुकोशिकीय जीवो में अलग-अलग कार्यों को करने के लिए विशिष्ट कोशिकाएं पाई जाती हैं ।इनमें कार्यों का विभाजन होता है ।इसे ही श्रम विभाजन कहा जाता है। श्रम विभाजन निम्नलिखित तथ्यों से प्रदर्शित होता है-
•कुछ कोशिकाएं अतिरिक्त कोशिकीय पदार्थों का संश्लेषण कर कोशिकाओं को जोड़ने का कार्य करती हैं।
•कुछ कोशिकाएं संवेदनाओं पहुंचाने का कार्य करती हैं।
•जीवो में स्वसन ,उत्सर्जन ,परिसंचरण आदि क्रियाएं अलग-अलग कोशिकीय समूहों द्वारा पूर्ण की जाती हैं।
•शरीर में अनेक कोशिकाएं प्रतिदिन नष्ट हो जाती हैं। अस्थि मज्जा द्वारा निर्मित नवीन कोशिकाएं प्रतिदिन इनका स्थान ले लेती हैं। इसलिए ऊतकों की टूट-फूट अथवा कोशिकाओं की मृत्यु जीव को अधिक हानि नहीं पहुंचाती और शीघ्र नवीन कोशिकाओं के द्वारा क्षति की पूर्ति कर ली जाती है।
प्रश्न-10 कोशिका जीवन की मूल इकाई है इसे संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।
उत्तर- यदि एक कोशिकीय जीव का अध्ययन करें तो ज्ञात होता है कि यह कोशिकीय जीवो के शरीर समान सभी कार्यों को स्वतंत्र रूप से करते हैं। पोषण ,स्वसन ,प्रचलन ,प्रजनन उत्सर्जन ,उत्तेजनशीलता इत्यादि सभी कार्य इनके द्वारा सफलतापूर्वक किए जाते हैं। इसी कारण कोशिका को एक आत्मनिर्भर इकाई माना जाता है। क्योंकि इनकी कोशिकाएं जीव शरीर के समान कार्य करते हैं ,इस कारण इनकी कोशिकाओं को कोशिका न मानकर इन्हें अकोशिकीय जीव कहा जाता है।
बहुकोशिकीय जीवो की कोशिकाएं किसी कार्य को संयुक्त रूप से करती हैं अर्थात इनकी कोशिकाएं कुछ हद तक दूसरी कोशिकाओं पर निर्भर रहती है, लेकिन यदि इनकी कोशिकाओं को भी शरीर से बाहर पोषक माध्यम में स्वतंत्र रूप से बढ़ने दिया जाए तो यह भी एक कोशिकीय जीव के समान ही सारी जैविक क्रियाओं को स्वतंत्र रूप से करती हैं। इनका नियंत्रण एवं समन्वय भी कोशिकाओं के अंदर ही स्थित अवयवों ,आनुवंशिक इकाइयों एवं प्रोटीन के द्वारा होता है।
प्रत्येक कोशिका चारों तरफ से प्लाज्मा झिल्ली से घिरी रहती है, जिससे इसके अंदर का जीव द्रव्य बाहरी वातावरण से पृथक हो जाता है, इसी प्रथकता के कारण कोशिका के अंदर का संगठन अपना अलग अस्तित्व बनाए रखता है। झिल्ली के द्वारा स्वतंत्र इकाई के रूप में घिरे रहने के कारण ही कोशिका को "अपने आप में एक कोष्ठ के रूप में आत्मनिर्भर इकाई" माना जाता है।
प्रश्न-11 केंद्रक छिद्र क्या है ?इसके कार्य बताइए।
उत्तर- केंद्रक चारों तरफ के आवरण में निश्चित स्थानों पर केंद्रक छिद्र पाया जाता है। यह छिद्र केन्द्रक आवरण की दोनों झिल्लीयों के संलयन से बनता है।
कार्य- केंद्रक छिद्र के द्वारा आरएन एवं प्रोटीन के अणु केंद्रक में कोशिकाद्रव्य से होकर अभिगमन करते हैं।
प्रश्न-12 लयनकाय व रसधानी दोनों अन्त:झिल्लीमय संरचना है फिर भी कार्य की दृष्टि से अलग होते हैं, इस पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
लयनकाय (Lysosome)-लाइसोसोम का निर्माण गाल्जीकाय के द्वारा होता है। लाइसोसोम अनेक पुटिकाओं से बनी है जिनमें सभी प्रकार के जल - अपघटनी एंजाइम ( हाइड्रोलेजेस, लाइपेज,प्रोटोएजेस आदि) मिलते हैं। सभी एन्जाइम अम्लीय माध्यम में सक्रिय होकर कार्बोहाइड्रेट्स, लिपिड, न्यूक्लिक अम्लों का पाचन करते हैं।
रसधानी (Vacuoles):
कोशिकाद्रव्य में झिल्ली द्वारा घिरे रिक्त स्थान को रसधानी कहा जाता है। रसधानी के अन्दर कोशिकाद्रव्य के अनुपयोगी पदार्थ जैसे- अतिरिक्त जल, उत्सर्जी पदार्थ एवं अन्य कोशिकीय उत्पाद भरे रहते हैं। रसधानी,एकल झिल्ली (single membrane) से आवृत्त होती है। जिसे टोनोप्लास्ट कहते हैं। पौधों की कोशिकाओं में आयन एवं दूसरे पदार्थ सान्द्रता प्रवणता के विपरीत टोनोप्लास्ट से होकर रसधानी में अभिगमित होते हैं,इस कारण इनकी सांन्द्रता रसधानी में कोशिकाद्रव की अपेक्षा काफी अधिक होती है।
कोशिका: जीवन की इकाई वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
प्रश्न-1 कोशिका की खोज किस वैज्ञानिक ने की थी।
(क) रॉबर्ट हुक ने
(ख) रॉबर्ट ब्राउन ने
(ग) स्लीडेन ने
(घ) स्वान ने
उत्तर- (क) रॉबर्ट हुक ने
प्रश्न-2 केंद्रक की खोज किसने की-
(क) श्लीडेन ने
(ख) रॉबर्ट हुक ने
(ग) रॉबर्ट ब्राउन ने
(घ) मेंण्डल ने
उत्तर- (ख) रॉबर्ट ब्राउन ने
प्रश्न-3 कोशिका सिद्धांत देने वाले वैज्ञानिक हैं-
(क) श्लीडेन एवं श्वान
(ख) लैमार्क एवं ट्रेविरेनस
(ग) मुईर तथा साथी
(घ) महेश्वरी एवं गुहा
उत्तर- (क) श्लीडेन एवं श्वान
प्रश्न-4 प्रोकैरियोटिक कोशिका में अनुपस्थित होती है-
(क) कोशिका भित्ति
(ख) केंद्रकीय भित्ति
(ग) प्लाज्मा झिल्ली
(घ) रसधानी
उत्तर- (ख) केंद्रकीय भित्ति
प्रश्न-5 कोशिका गमन है-
(क) सक्रिय अभिगमन
(ख) विसरण
(ग) परासरण
(घ) निष्क्रिय अभिगमन
उत्तर- (क) सक्रिय अभिगमन
प्रश्न-6 कोशिका झिल्ली द्वारा द्रव अंतः ग्रहण को कहते हैं।
(क) एण्डोसाइटोसिस
(ख) पिनोसाइटोसिस
(ग) परासरण
(घ) विसरण
उत्तर- (ख) पिनोसाइटोसिस
प्रश्न-7 जैव- झिल्ली में प्रोटीन की मात्रा होती है-
(क) 30 से 40%
(ख) 10 से 20%
(ग) 5%
(घ) 60 से 80%
उत्तर - (घ) 60 से 80%
प्रश्न-8 जैव झिल्ली में लिपिड की प्रतिशत मात्रा होती है-
(क) 20 से 40%
(ख) 60 से 80%
(ग) 5%
(घ) 10 से 20%
उत्तर-(क) 20 से 40%
Written by- Bandana study classes
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