निबन्ध और कहानी में अंतर // Nibandh aur Kahani mein antar
difference between essay and story |
नमस्कार दोस्तों ! आज की पोस्ट में हम आपको निबंध और कहानी में अंतर बतायेंगे जो कि MP बोर्ड में कक्षा -10वीं और 12वीं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. तो दोस्तों यदि आप भी MP बोर्ड से सम्बंधित किसी भी जानकारी के लिए Google पर सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही वेबसाइट पर आये हैं तो दोस्तों जुड़े रहिये हमारी वेबसाइट bandanaclasses.com से. हम आपके लिए ऐसी ही महत्वपूर्ण पोस्ट उपलब्ध कराते रहेंगे.
वैसे तो हम सभी जानते हैं कि निबंध क्या है? और कहानी क्या है? किन्तु जब बात आती है कि निबंध और कहानी में अंतर क्या होता है ? तो हम में से अधिकांश लोगों के पास इसका जवाब नहीं होता है आज हम ऐसे ही तथ्य परक प्रश्नों के जवाब अपनी पोस्ट में देंगे. तो दोस्तों visit करते रहिए हमारी वेबसाइट bandanaclasses.com पर
निबन्ध और कहानी में अंतर
कहानी क्या है ?
कहानी साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिस में कितने भी पाठ्य मिलकर एक दृश्य को समझाने की कोशिश करते हैं। इसमें एक और एक से अधिक पात्र हो सकते हैं जो एक वाक्या को समझाने की कोशिश करते हैं। यह साहित्य की सबसे प्रसिद्ध विधा है। किसी भी कहानी का जन्म से जुड़े व्यक्ति के जन्म से ही होता है। कहानी का उद्देश्य लोगों का मनोरंजन करना, उनकी समस्याओं और संवेदना ओं को व्यक्त करना होता है। इसकी एक सीमित सीमा है। यह बड़ी और छोटी दोनों हो सकती हैं।
कहानी :-
परिभाषा - कहानी गद्य की कथात्मक विधा है। जो कि जीवन के सुंदर एवं महत्वपूर्ण क्षणों का चित्र प्रस्तुत करती है।
कहानी गद्य साहित्य की वह सबसे अधिक रोचक एवं लोकप्रिय विधा है, जो जीवन के किसी विशेष पक्ष का मार्मिक भावनात्मक और कलात्मक वर्णन करती है। हिंदी गद्य की विधा है जिसमें लेखक किसी घटना पात्र अथवा समस्या का क्रमबद्ध ब्यौरा .देता है, जिसे पढ़कर एक समन्वित प्रभाव उत्पन्न होता है , उसे कहानी कहते हैं।
कुछ महान लेखकों द्वारा कहानी किसे कहते हैं?
मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा कहानी किसे कहते हैं -
"कहानी वह ध्रुपद की तान है जिसमें गायक महफिल शुरू होते ही अपनी संपूर्ण प्रतिभा दिखा देता है एक क्षण में चित्र को इतने माधुर्य परिपूर्ण कर देता है जितना रात भर गाना सुनने से भी नहीं हो सकता"
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एडगर एलिन पो द्वारा कहानी किसे कहते हैं -
"कहानी वह छोटी आख्यान आत्मक रचना है जिसे एक बैठक में पढ़ा जा सके जो पाठक पर एक समन्वित प्रभात बंद करने के लिए लिखी गई हो जिसमें उस प्रभाव को बंद करने में सहायक तत्व के अतिरिक्त और कुछ ना हो और जो अपने आप में पूर्ण हो"
कहानी के कुछ विशेष तत्व होते हैं जो कहानी में रस भरते हैं कहानी लेखन के 6 तत्व निम्नलिखित हैं-
- कथावस्तु
- चरित्र चित्रण
- देश काल
- उद्देश्य
- भाषा शैली
- कथोपकथन
कथावस्तु
कहानी के ढांचे को कथानक अथवा कथावस्तु कहा जाता है इसे कहानी का केंद्र माना जाता है इसके अभाव में कहानी की रचना की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके भी 4 अंग होते हैं - आरंभ, आरोह, चरम स्थिति और अवरोह
चरित्र चित्रण
कहानी का संचालन उसके पात्रों के द्वारा ही होता है तथा पात्रों के गुण दोष को उनका चरित्र चित्रण कहा जाता है।
कथोकथन किया संवाद
कहानी में संवाद का भी विशेष महत्व है। इनके द्वारा पात्रों के मानसिक अन्तर्दून्द एक अन्य मनोभावों को प्रकट किया जाता है।
देश काल या वातावरण
किसी कहानी के असरदार बनाने के लिए जरूरी है कि देश काल का पूरा ध्यान रखा जाए कहानी में वास्तविकता लाता है।
भाषा शैली
कहानी के प्रस्तुतीकरण मैं कलात्मकता लाने के लिए देश काल के अनुसार अलग-अलग भाषा शैली से सजाया जाता है।
उद्देश्य
हर कहानी का अपना एक अलग उद्देश्य होता है यह केवल मनोरंजन हेतु ही नहीं होता इससे लोगों को प्रेरणा भी मिलती है धर्म प्रचारक अपने उद्देश्य को लोगों तक पहुंचाने के लिए कहानी का ही सहारा लेते हैं।
निबंध की परिभाषा विशेषताएं और प्रकार
निबंध गद्य रचना को कहते हैं जिसमें किसी विषय का वर्णन किया गया हो निबंध के माध्यम से लेखक उस विषय के बारे में अपने विचारों और भावों को बड़े प्रभावशाली ढंग से व्यक्त करने की कोशिश करता है एक श्रेष्ठ संगठित एवं सुव्यवस्थित निबंध लेखक को विषय का अच्छा ज्ञान होना चाहिए उसकी भाषा पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अभिव्यक्ति होती है इसलिए एक ही विषय पर हमें अलग-अलग तरीकों से लिए गए निबंध मिलते हैं।
निबंध शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है - नि+बंध। इसका अर्थ है भली प्रकार से बधी हुई रचना। तारत्व रचना जो विचार पूर्ण क्रमबद्ध रूप से लिखी गई और निबंध में गद्य रचना है जो किसी विषय पर क्रमबद्ध रूप से लिखी गई हो।
निबंध के प्रकार
निबंध मुख्यता चार प्रकार के होते हैं।
- वर्णात्मक निबंध
- विचारात्मक निबंध
- भावात्मक निबंध
- विश्लेषणात्मक निबंध
वर्णनात्मक निबंध- किसी वस्तु खेल या त्योहार व्यक्ति घटना के ऊपर लिखे निबंध को वर्णात्मक निबंध निबंध कहते हैं। इस प्रकार के निबंध अधिकतर बच्चों से विद्यालय में लिखने को बोला जाता है यह घटनाएं रोचक होनी चाहिए जिससे पढ़ने वाला बोर न हो इस प्रकार के निबंध को कम से कम शब्द में लिखें ताकि पढ़ने वाला व्यक्ति दिलचस्पी ले।
विचारात्मक निबंध- किसी विशेष टॉपिक को लेकर निबंध लिखा जाता है जैसे- आतंकवाद, अहिंसा, विवाह, नस्लवाद, गरीबी, राष्ट्रीय एकता या किसी सामाजिक कार्यक्रम पर लिखा जाता है इन विषयों पर निबंध लिखना थोड़ा सा कठिन जरूर होता है लेकिन कई चीजों कई बातों से रूबरू करवाती है।
भावात्मक निबंध- किसी विचार, कथन, दोहा भाव पर लिखे गए निबंध को भावात्मक निबंध कहते हैं। इस विषय पर निबंध लिखने पर किसी के भाव को व्यक्त करना होता है लेकिन विषय की विस्तृत जानकारी होना जरूरी है तभी उस विषय पर विशेष बातों को लिखकर प्रकट किया जा सकता है।
विश्लेषणात्मक निबंध- इसमें हम लोग भारत चीन के विवाद पर पाकिस्तान के विवाद पर बढ़ते डॉलर के रेट पर अंतर्राष्ट्रीय और अर्थव्यवस्था पर निबंध लिखकर जागरूक और सुझाव दे सकते हैं। इन विषयों पर निबंध लिखने से पहले विषय की विस्तृत जानकारी होना जरूरी है।
कहानी और निबंध में अंतर
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