RBSE Board Class 11th Sanskrit Varshik Paper 2023 || राजस्थान बोर्ड कक्षा 11वीं संस्कृत पेपर 2023
rbse board class 11th sanskrit varshik paper 2023 download pdf || राजस्थान बोर्ड कक्षा 11वीं संस्कृत पेपर 2023
rbse board class 11th sanskrit varshik paper 2023,राजस्थान बोर्ड कक्षा 11वीं संस्कृत पेपर 2023,11th sanskrit paper 2023 rbse board, rbse board 11th sanskrit varshik parikasha 2023,11th sanskrit solved paper 2023, 11th sanskrit model paper 2023,11th sanskrit most important questions 2023, 11th sanskrit paper 2023,11th sanskrit, 11th sanskrit paper solution 2023 rbse board,आरबीएसई बोर्ड कक्षा 11वीं संस्कृत पेपर 2023,rajasthan 11th board exam sanskrit paper 2023,class 11th sanskrit varshik paper 2023,rbse 11th sanskrit paper 2023,rajasthan 11th sanskrit paper 2023,rajsthan 11th sanskrit model paper 2023
RBSE Board Class 11th Sanskrit Varshik Paper 2023
RBSE Board varshik exam paper time table 2022-23
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट www.Bandana classes.com पर। दोस्तों, जैसा कि आप सभी विद्यार्थियों को ज्ञात होगा कि राजस्थान बोर्ड के वार्षिक पेपर अप्रैल माह में प्रारम्भ होने वाले हैं। RBSE, अजमेर बोर्ड अप्रैल महीने में कक्षा- 9वीं और कक्षा- 11वीं की वार्षिक परीक्षा 2022-23 (annual exam) आयोजित करेगा। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम आपको राजस्थान बोर्ड के वार्षिक परीक्षा 2023 के सभी कक्षाओं के प्रश्न पत्रों के संपूर्ण हल (full solution) उपलब्ध करवाएंगे। इसलिए यदि आप भी आरबीएसई बोर्ड, अजमेर की वार्षिक परीक्षा 2023 में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं तो RBSE Board class 9th & Class 11th की संपूर्ण तैयारी के लिए जुड़े रहिए हमारी वेबसाइट www.Bandana classes.com से। इसके साथ ही हमारे telegram channel पर भी जुड़ जाइए जहां पर आपको सभी पेपर की pdf download करने को मिल जाएंगी।
RBSE Board Varshik Examination Time Table 2022-23
दोस्तों जैसा कि आपको यह ज्ञात होगा कि पहले ये वार्षिक परीक्षाएं 13 अप्रैल 2023 से आरंभ होने वाली थीं लेकिन बोर्ड परीक्षा 2023 के कारण राजस्थान वार्षिक परीक्षा के कार्यक्रम में कुछ बदलाव किया गया है। अब ये वार्षिक परीक्षाएं (annual examination 2023) 15 अप्रैल 2023 से आरंभ होकर 27 अप्रैल 2023 के मध्य संपन्न होगी।
RBSE Board Class 9th & class 11th varshik priksha time table 2023 download PDF
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की वार्षिक परीक्षाएं 15 अप्रैल 2023 से आरंभ हो रही हैं। परीक्षा का आयोजन प्रत्येक दिन 2 पालियों में किया जाएगा। प्रथम पाली का समय 8:00 बजे से 11:15 बजे तक तथा द्वितीय पाली का समय दोपहर 11:30 बजे से 2:45 बजे तक होगा। याद रहे भिन्न-भिन्न जिलों के लिए भिन्न-भिन्न समय का भी निर्धारण किया गया है। इसीलिए आप सभी विद्यार्थियों से निवेदन है कि RBSE Board class 9th & class 11th yearly time table 2023 की PDF district wise (जिला स्तर) पर अवश्य देखें। एवं उसी के हिसाब से परीक्षा देने एग्जाम सेंटर पर जाएं।
Rajasthan Board examination Class 9th & Class 11th Annual time table 2023
प्रिय विद्यार्थियों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं की वार्षिक परीक्षाएं 15 अप्रैल 2023 से शुरू होंगी जो कि 27 अप्रैल 2023 को समाप्त होंगी। जो विद्यार्थी Rajasthan board, Ajmer की कक्षा 9वीं एवं कक्षा 11वीं की वार्षिक परीक्षा तिथि 2023 की प्रतीक्षा कर रहे हैं, ऐसे सभी विद्यार्थीगण अब वार्षिक परीक्षा टाइम टेबल (annual exam time table 2023) यहां से देख सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा को पास करने और उसमें बहुत अच्छे अंक हासिल करने के लिए यहां पर कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। यहां पर नीचे कुछ बातें बिंदुवार बताई गई हैं इन बातों का अनुसरण कर आप राजस्थान बोर्ड की कक्षा नौवीं एवं 11वीं की वार्षिक परीक्षा में बहुत अच्छे अंक हासिल कर सकते हैं–
प्रमुख ध्यान देने योग्य बातें-
1.सभी विद्यार्थी अपनी सेहत का पूरा खयाल रखें।
2.कक्षा में पढ़ायें गए सभी नोट्स (notes) का ध्यान पूर्वक गहन अध्ययन करें।
3.सभी परीक्षार्थीगण शिक्षक द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण प्रश्नों एवं उनके उत्तरों को अवश्य देखें।
4. आप सभी विद्यार्थियों को सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न (important questions) पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
5. सभी विद्यार्थियों को परीक्षा देते समय time का विशेष ध्यान रखना होगा जिससे कि निर्धारित समय में आपका संपूर्ण प्रश्न पत्र हल हो जाए।
RBSE बोर्ड वार्षिक परीक्षा 2022-23
कक्षा- 11वीं
विषय- संस्कृत साहित्यम्
समय : 2.45 घण्टा पूर्णांक : 80
निर्देश:
(i) सभी प्रश्न करने अनिवार्य हैं।
(ii) सभी प्रश्नों के अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।
(iii) प्रत्येक प्रश्न का उत्तर दी गई उत्तर पुस्तिका में ही लिखें।
1. जिह्वामूलीयस्य उच्चारण-स्थानं अस्ति?
(अ) जिह्यमूलम् (ब) ओष्ठौ
(स) नासिका (द) कण्ठः
उत्तर- (अ) जिह्यमूलम्
2. च वर्गस्य उच्चारणस्थानं किम् अस्ति ?
(अ) कण्ठः (ब) तालुः
(स) मूर्धा (द) दन्ताः
उत्तर- (ब) तालुः
3. 'महा+ईश:' इत्यस्य सन्धिपदं किम् ?
(अ) महीश: (ब) महेश:
(स) महैश: (द) महश
उत्तर- (ब) महेश:
Click here👇👇👇
👉RBSE Board Class 9th & 11th All Subjects Annual Exam Real Papers 2023 download pdf👈
4. 'विष्णवे ' इति पदे सन्धिः अस्ति ?
(अ) यण् (ब) गुण्
(स) वृद्धि : (द) अयादि
उत्तर- (द) अयादि
5. 'मध्वरि:' इति पदस्य सन्धिविच्छेदम् अस्ति ?
(अ) मधु+उरि (ब) मध्+वरिः
(स) मधु + अरिः (द) मध्+अरिः
उत्तर- (स) मधु + अरिः
6. 'उपकृष्णम्' इति पदे समासः अस्ति?
(अ) बहुव्रीहि: (ब) द्वन्द्वः
(स) अव्ययीभावः (द) द्विगु:
उत्तर- (स) अव्ययीभावः
7. अहं पत्रं ......?
(अ) लेखिष्यामि (ब) लेखिष्यति
(स) अलिखत् (द) लिखति
उत्तर- (अ) लेखिष्यामि
8. रामः शीतलं जलम् ..............?
(अ) अपिबाव (ब)अपिबत्
(स) अपिबम् (द) अपिय
उत्तर- (ब)अपिबत्
9. बालकाः विद्यालयं…………..?
(अ) गच्छति (ब) गच्छथ
(स) गच्छन्ति (द) गच्छामः
उत्तर- (स) गच्छन्ति
10. बालकः..............सह गच्छति ।
उत्तर- मात्रा
11…………नमः
उत्तर- गुरवे
12.….. ..... बालकाः गृहं गच्छन्ति ।
उत्तर- सर्वे
13. ……………..कुत्र निवसति ।
उत्तर- भवान्
14. सः ........... आयाति ।
उत्तर- ग्रामात्
15. गणेश: पाठं………क्रीडति ।
उत्तर- पठित्वा
16. मञ्जूषात: उचित-अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत—
(श्वः, उच्चैः, अधः)
(i) रमेश :......... जयपुरं गमिष्यति ।
उत्तर- श्वः
(ii) वृक्षस्य……….... एव साधोः उटजम् ।
उत्तर- अधः
(iii) गायकः…….... गायति ।
उत्तर- उच्चैः
17. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एक पदेन लिखत-
(i) महाभारतस्य रचयिता कः अस्ति?
उत्तर- महर्षि वेदव्यास:
(ii) 'मृच्छकटिकम्' कस्य रचना अस्ति?
उत्तर- महाराज: शूद्रक:
(iii) विद्यापति कति ग्रन्थानां प्रणयनम् अकरोत् ?
उत्तर-
(iv) भरतस्य अर्थं किम् अस्ति?
उत्तर-
(v) संस्कृत साहित्यस्य आदिकवि : क: मन्यते ?
उत्तर-महर्षि: वाल्मीकिः
(vi) 'चरक संहिता' ग्रन्थस्य लेखकः कः अस्ति?
उत्तर- महर्षि: चरक:
18. अधोलिखितेषु प्रश्नेषु केषाञ्चित् सप्त प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
(i) महासत्व: मीनानां कै: परमनुग्रहं करोत् ?
उत्तर- महासत्त्वः मीनानां दानप्रियवचनादिक्रमैः परमनुग्रहम् अकरोत् |
(ii) 'मानो हि महतां धनम्' इत्ययं पाठः कस्माद, संकलित : ?
उत्तर- 'मानो हि महतां धनम्’ इत्ययं पाठः महाभारत ग्रन्थात् संकलितः।
(iii) अजीर्ने भुञ्जानस्य क: दोष: भवति।
उत्तर- अजीर्णे भुञ्जानस्य भुक्तं आहार जातं पूर्वस्य आहारस्य अपरिणां रासेनः उक्तेन् आहार रासेन उपसृजित सर्वान दोषाः प्रकटयति ।
(iv) पुरुष परीक्षायाः लेखकः कः?
उत्तर-
(v) वसन्ते समन्ततः गिरिशिखराणि कीदृशानि भवन्ति ?
उत्तर- वसन्ते समन्ततः गिरिशिखराणि पुष्पभारसमृद्धानि पुष्पिताग्राभिः लताभिश्च उपगुदानि भवन्ति ।
(vi) रोहसेन: कीदृशीं शकटिकां याचते?
उत्तर- रोहसेनः सौवर्णशकटिकां याचते।
(vii) निष्कुटेषु का आहिता?
उत्तर- निष्कुटेषु कण्ठकीनि आहिता |
19. कस्यचित् एकस्य पद्यांशस्य हिन्दी भाषायाम् अनुवादं करोतु-
हंसो यथा राजतपञ्जरस्थः सिंहो यथा मन्दरकन्दरस्थः । वीरो यथा गर्वित कुञ्जरस्थ श्चन्द्रोऽपि बभ्राज तथाम्बरस्थ: ।।
उत्तर- जैसे चांदी के पिंजरे में हंस होता है, वैसे ही मंदिर की गुफा में शेर होता है। नायक आकाश में एक गर्वित हाथी पर चंद्रमा की तरह चमक गया।
अथवा
यस्य वृत्तं न जल्पन्ति मानवा महदद्भूतम् ।
राशि वर्धन मात्रं स नैव स्त्री न पुनः पुमान् ।।
20. कस्यचित् एकस्य नाट्यांशस्य हिन्दी भाषायाम् अनुवादं करोतु-
वसन्त सेना - हा धिक् हा धिक् ! अयमपि नाम परसम्पत्त्या सन्तप्यते ? भगवन् कृतान्त |
पुष्कर पत्र पतित जल बिन्दु सदृशैः क्रीडसि त्वं पुरुषभागधेयैः । जात! मा रुदिहि !
सौवर्ण शकटिकया क्रीडिष्यसि ।
दारकः - रदनिके! का एषा ?
रदनिका - जात! आर्या ते जननी भवति ।
उत्तर- वसंत सेना - हा धिक्कार है धिक्कार है! क्या यह नाम भी दूसरों की संपत्ति से सता है? भाग्य के स्वामी |
आप पुरुषों के शेयरों के साथ खेलते हैं, जैसे कमल के पत्ते से पानी की बूंदें गिरती हैं। बन गया! रोओ मत!
तुम सुनहरी गाड़ी से खेलोगे।
बेटी : रो रही है ! यह क्या है?
रदनिका- जाओ! आर्य तुम्हारी माँ बन जाती है।
अथवा
दारकः - रदनिके! अक त्वं भठासि । यधस्माकमार्या जननी तत् केन अलङ्कृता ?
वसन्तसेना -जात! मुग्धेन मुखेन अतिकरूणं मन्त्रयसि ।
(नाट्येन आभरणान्यवतार्य रोदिति )
एषा इदानीं ते जननी संवृता । तद् गृहाणैत मलङ् कारकम् ।
उत्तर-
21. कस्यचित् कस्य गद्यांशस्य हिन्दीभाषायाम् अनुवादं करोतु-
उष्णमश्नीयात्, ऊष्णं हि भुज्यमानं स्वदते, भुक्तं चाग्नि मौदर्यम् उदीरयति, क्षिप्र जरां गच्छति, वातमनुलोमयति, श्लेष्माणं च परिह्यासयति, तस्मादुष्णमश्नीयात् ।
उत्तर- गर्म भोजन करना चाहिए, क्योंकि गर्म खाने से स्वाद अच्छा लगता है, और खाने से अग्नि पेट को ऊपर उठाती है, यह जल्दी बूढ़ा हो जाता है, यह हवा को उलट देता है और यह बलगम को दूर कर देता है, इसलिए गर्म भोजन करना चाहिए।
अथवा
अस्ति कालिन्दीतीरे योगिनीपुरं नाम नगरम् । तत्र अलावदीनो नाम यवनराजो बभूव । स चैकदा केनापि निमित्तेन महिमासाहिनाम्ने सेनानिने अकुष्यत् । स च यवन स्वामिनं प्रकुपितं प्राण ग्राहकें च ज्ञात्वा चिन्तयामास, सामर्षो राजा विश्वसनीयो न भवति ।
उत्तर-
22. कस्यचित् एकस्य पद्यांशस्य सप्रसङ्ग व्याख्या करणीया-
सनातनान्याह्वय भारतानां, कुलानि युद्धाय, जयोऽस्तुनो भीः । भो जागृतास्मि क्व धनुः क्व खड्गः, उत्तिष्ठतोत्तिष्ठत सुप्तसिंहाः ।।
उत्तर: व्याख्या- भारत के सनातन कबीलों को युद्ध करने का आह्वान करो, और विजय हमारा भय हो। ओह, मैं जाग गया, कहाँ धनुष, कहाँ तलवार, उठो, उठो, सोए हुए शेरों
अथवा
संस्कृतो धानदूर्वा दरिद्रीकृता, निष्कुटेषु स्वयं कण्टकिन्याहिता । पुष्पितानां लतानां न रक्षा कृता, विस्तृता वाटिका योजना निर्मिता ।।
उत्तर-
23. कस्यचित् एकस्य गद्यांशस्य सप्रसङ्ग- संस्कृत व्याख्या करणीया-
प्रथमयुद्धानन्तरं यवनराजेन हम्मीरदेवं प्रति दूतः प्रहितः । दूत उवाय राजन् हम्मीर ! -
श्रीमान् यवनराजस्त्वामादिशति यन्ममापथ्यकारिणं महिमासाहिं परित्यज्य देहि । यद्येनं न दास्यसि तदा श्वने प्रभाते तव दुर्ग तुरगखुराघातै श्चूर्णावशेषं कृत्वा महिमा साहिना सह त्वामन्त कपुरं नेष्यामि ।
उत्तर : व्याख्या- प्रथम युद्ध के बाद यवनों के राजा ने हम्मीरदेव के पास एक दूत भेजा दूत आया, हे राजा हम्मीर! -
यवनों के धन्य राजा आपको आदेश दे रहे हैं कि आप मेरे स्वास्थ्य के स्रोत वाले प्रतापी सर्प को त्याग दें। यदि तू उसे मुझे न दे, तो कल सवेरे मैं तेरे घोड़ोंकी टापोंसे तेरे गढ़ को चूर चूर कर डालूंगा, और तुझे सही के प्रताप से कपूरा के सिरे तक पहुंचा दूंगा।
अथवा
मम पित्रा क्रीत्वा स्थापितस्य श्रवण पितृ भक्त्याख्यनाटक ग्रन्थ स्योपरि कथमपि में दृष्टि रपतत्। तमेनं तत्परतयाहमपठम् । तत्कालमेव ग्रामाद् ग्रामं पर्यटन्तः पुत्तलिका प्रदर्शनोपजीविनः केचिदस्मद् ग्राममुपागमन् ।
उत्तर-
24. कस्यचित् एकस्य नाट्यांशस्य सप्रसङ्ग- व्याख्या करणीया-
(ततः प्रविशति दारकं गृहित्वा रदनिका)
रदनिका - एहि वत्स! शकटिकया क्रीडाव:
दारक:- (सकरुणम्)
रदनिके! किम्मम एतया मृतका शकटिकया? तामेव सौवर्णशकटिकादेहि ।
( रदनिका सनिर्वेद निःश्वस्य)
जात! कुतोऽस्माकं सुवर्णव्यवहारः? तातस्य पुनरपि ऋद्ध्या सुवर्णशकटिकया क्रीडिष्यसि।
उत्तर: व्याख्या- (फिर बेटी को लेकर रोती हुई महिला प्रवेश करती है)
रोते हुए - अरे, बछड़ा! चलो गाड़ी से खेलते हैं:
बेटी: (दयालुता से)
राडानिके! इस मृत गाड़ी का क्या? मुझे वही सोने की गाड़ी दे दो।
(रदानिका उदास होकर आह भरती है)
बन गया! हमारा सोने का लेन-देन कहां है? तुम रिद्धि के साथ फिर से अपने पिता की सोने की गाड़ी से खेलोगे।
अथवा
वसन्त सेना - रदनिके! स्वागतं ते । कस्य पुनरयं दारकः ? अनलङ्कृतशरीरोऽपि चन्द्रमुख आनन्दयति मम हृदयम् । रदनिका एष खलु आर्यचारूस्तस्य पुत्रो रोहसेनो नाम । वसन्तसेना - ( बाहू प्रसार्य) एहि में पुत्रक ! आलिङ्ग । (इत्यङ् के उपवेश्य) अनुकृतमनेन पितुः रूपम्। रदनिका न केवलं रूपं, शीलमपि तर्कयामि । एतेन आर्यचारुदन्तस्य आत्मानं विनोदयति ।
उत्तर-
25. अधोलिखितं अपठित गद्यांश पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-
कुमार सम्भवस्य मुख्यरसः वीरः अस्ति। वीरस्य चत्वारः भेदाः भवन्ति । युद्धवीरः यथा
श्रीरामचन्द्रः। धर्मवीरः यथा युधिष्ठिरः । दानवीरः यथा कर्णः । दयावीरः यथा महात्मा बुद्धः । अत्र कुमार कार्तिकेय द्वारा तारका- सुरस्य वध प्रसंगे युद्धवीरः अस्ति । शिव द्वारा कामदहनस्य प्रसंगे धर्मवीर रसः अस्ति । धर्मविरोधी कामः पार्वत्याः सौन्दर्येण शिवोपरि प्रहर्तुम् इच्छति । शिवः तृतीय नेत्रेण ज्ञान नेत्रेण कामदहनं करोति ।
शिव प्राप्त्यर्थं पार्वती तपसः आचरणं करोति एष एव धर्म मार्ग । पञ्चम सर्गे पार्वत्याः तपसः वर्णन प्रसंगे अपि धर्मवीर रसः एव अस्ति । शिव-पार्वत्योः श्रृंगारलीला वर्णने गौणरूपेण शृंगार रसः अस्ति । रति विलापे करूणरसः अस्ति । कालिदासस्य काव्येषु वैदर्भीरीतिः प्रसादगुणश्च स्तः । कथितमपि वैदर्भीरीति सन्दर्भे कालिदासो विशिष्यते । तस्य शैली लालित्ययुक्ता परिष्कृता च अस्ति ।
i) .अस्य गद्यांशस्य समुचित शीर्षकं लिखत ।
उत्तर- कुमारसम्भव:
ii). कालिदासः कस्मिन् सन्दर्भे विशिष्यते ?
उत्तर- वैदर्भीरीतिसन्दर्भे
iii). गद्यांशात् 'मुख्य' पदस्य विलोमपदं लिखत।
उत्तर- गौठा
iv). 'रति विलापे करूणरसः अस्ति' अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं किम्?
उत्तर- करुणरस:
v). ‘तृतीय नेत्रेण' इत्यत्र विशेष्यपदं किम् ?
उत्तर- नेत्रेण
vi) . कुमार सम्भवस्य प्रधानरसः कः ?
उत्तर- वीर रस :
26. मञ्जूषायां प्रदत्त-संकेतानां प्रयुज्य अनुच्छेदं लेखनीयम्
रामायणम्
नवीन, रामचरितस्य, धार्मिक ग्रन्थः, नाटकाणाम्, साहित्यस्य उपजीव्यः, 24000, मुख्यरूपेण, गायत्री मन्त्रे, मान्यता, मत्वा रचिताः, श्लोकानाम्, उत्तरकाण्डश्च, सुन्दर काण्डः, अयोध्या काण्डः, सप्त काण्डाः, वर्णिता, रामकथा, महर्षि वाल्मीकेः
उत्तर-
अथवा
मृच्छकटिकम्
शर्विलक:, विश्वस्य, समाजे, मृच्छकटिके जीवनस्य, पात्राणि, पात्राणाम्, नागरिकाः, दरिद्रः, सदाचारिणी, गणिका, प्रमुख विशेषता, अस्य नाटकस्य, महत्त्वपूर्ण, शूद्रकस्य, तस्य नाट्य कृत्याः
उत्तर-
Click here👇👇👇
👉RBSE Board Class 9th & 11th All Subjects Annual Exam Real Papers 2023 download pdf👈
दोस्तों यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक शेयर करिए। अगर दोस्तों अभी तक आपने हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन नहीं किया है तो नीचे आपको लिंक दी गई है ज्वाइन और सब्सक्राइब करने की तो वहां से आप हमारे telegram group (Bandana classes.com) को ज्वाइन और YouTube channel (Bandana study classes) को सब्सक्राइब कर लीजिए जहां पर आप को महत्वपूर्ण वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर मिल जाएंगे।
Post a Comment