Shivraj Singh Chouhan Biography || शिवराज सिंह चौहान का जीवन परिचय
1.जीवन परिचय - शिवराज सिंह चौहान : भारतीय राजनीति का एक ऐसा चमकता चेहरा जिसने भारतीय राजनीति में तो अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया ही है इसके साथ ही विपक्ष के लोगों में भी काफी लोकप्रिय हैं. मध्य प्रदेश जैसे विशाल राज्य के मुख्यमंत्री और मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को मध्य प्रदेश के बुधनी नामक स्थान पर हुआ था. इनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान एवं माता का नाम सुंदर बाई चौहान था. इनके पैतृक गांव का नाम जैत (बुधनी), जिला - सीहोर है. इनके पिता कृषि (खेती) का कार्य करते थे. बचपन से ही इन्हें तैराकी का बहुत शौक था. यहीं कारण है कि ये अक्सर नर्मदा नदी में तैराकी के लिए जाते थे. शिवराज सिंह चौहान की प्रारंभिक शिक्षा इनके गांव में ही हुई. फिर उच्च शिक्षा के लिए इन्होने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय , भोपाल में प्रवेश लिया और वहां से मास्टर ऑफ आर्ट (M.A) फिलोसोफी विषय में किया. बचपन से ही शिवराज सिंह चौहान बेहद मेहनती, संघर्षशील और नेतृत्व क्षमता के धनी थे.
2.शिक्षा - शिवराज सिंह चौहान का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. इनके पिता खेती - किसानी का कार्य करते थे. घर में पढाई - लिखाई का उचित माहौल नहीं होने के बाद भी बालक शिवराज का मन पढाई - लिखाई में खूब लगता था. बचपन से ही ये मेधावी छात्र रहे हैं. पढ़ाई के साथ - साथ अपने पिता के साथ कृषि कार्यों में भी हाथ बंटवाते थे जो इन के मेहनती होने को दर्शाता है. इनकी आरंभिक शिक्षा गांव में ही हुई. इसके पश्चात आगे की शिक्षा के लिए इन्होनें भोपाल के प्रसिद्द बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय (Barkatullah University) से एम. ए. की डिग्री फिलोसोफी (दर्शन शास्त्र) विषय में ली. एवं अपनी बुद्धिमत्ता का लोहा मनवाते हुए स्वर्ण पदक (Gold medal) भी हासिल किया.
3.विवाह - मध्य प्रदेश में मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान की शादी 1992 में साधना सिंह के साथ हुई थी. इनके 2 बेटे हैं जिनके नाम कार्तिकेय चौहान एवं कुणाल चौहान हैं.
4.जनसेवा एवं संघर्ष - कहते हैं कि शिवराज सिंह चौहान को नेतृत्व करने का गुण ईश्वर ने उपहार के रूप में दिया है यहीं कारण है कि बचपन से ही इन्होंने आम लोगों की समस्याओं पर ध्यान देना शुरू कर दिया था तथा मात्र 9 साल की उम्र से ही ये आम लोगों की आवाज उठाने तथा उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु कार्य करने लगे थे. कई बार ऐसा मौका भी आया जब इनको अपने ही गांव के किसानों एवं मजदूरों की भलाई के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा. शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 1976-77 में आपातकाल के खिलाफ अपना बिगुल फूंक दिया जिसके कारण इन्हें जेल तक जाना पड़ गया. किन्तु जनसेवा एवं आम लोगों के हित से जुड़ें मुद्दों को लेकर इन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा.
5.राजनीतिक करियर - शिवराज सिंह चौहान बचपन से ही जनसेवा एवं लोक - कल्याण के कार्यों से जुड़ गए थे. यहीं कारण है कि उन्होंने सन 1972 में अखिल भारतीय विद्द्यार्थी परिषद् को चुना और इसके सक्रिय कार्यकर्ता बन गए. शिवराज सिंह चौहान ने अपनी राजनीति की शुरुआत विद्द्यार्थी जीवन से ही कर दी थी. यहीं कारण है कि वे कम समय में ही छात्रों के प्रिय नेता बन गए. इसके बाद वे सक्रिय छात्र राजनीति में आ गए और कॉलेज स्तर पर छात्रों की समस्याओं को उठाया एवं उनके निराकरण का प्रयास भी किया.
छात्र राजनीति के बाद वे सन 1972 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए और संघ के एक सक्रिय कार्यकर्ता बन गए. इसके बाद इन्होंने सन 1975 में मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और ये छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. तत्पश्चात आप सन 1978 में अखिल भारतीय विद्द्यार्थी परिषद् के आयोजन सचिव के पद पर नियुक्त किये गए. इसके बाद आपने अखिल भारतीय विद्द्यार्थी परिषद् में रहकर विभिन्न पदों पर कार्य किया एवं इस संगठन को बहुत बुलंदी तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया.
इसके बाद शिवराज सिंह चौहान को सन 1984 में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJUM) के संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया गया. फिर वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव और अध्यक्ष भी नियुक्त किये गए एवं वहां भी अपनी काबिलियत तथा नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया.
विभिन्न संगठनों में कार्य करने के बाद शिवराज सिंह चौहान सक्रिय राजनीति में कूद पड़ें और वर्ष 1990 में बुढ़नी विधानसभा क्षेत्र से अपना पहला चुनाव लड़ा और वह विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए . इस प्रकार उन्होंने अपने सक्रिय राजनीति करियर के पहले चुनाव में ही जीत हासिल की. सन 1991 में इन्होंने मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और सौभाग्य से यहाँ पर भी वे इस चुनाव को जीतने में कामयाब रहें और पहली बार विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद पद को सुशोभित किया. इसके बाद तो शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर दिनों दिन प्रगति की ओर अग्रसर होता चला गया. साल 1996 में उन्होंने बुधनी लोकसभा क्षेत्र से पुनः सांसद पद का चुनाव लड़ा और इस चुनाव में भी उन्होंने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. चुनावों में मिली लगातार सफलता से शिवराज सिंह चौहान का कद काफी बढ़ गया और अब इनकी गिनती मध्य प्रदेश के लोकप्रिय एवं प्रभावी राजनेता के रूप में होने लगी. सन 1998 में देश में हुए लोकसभा के आम चुनाव में उन्होंने फिर से अपने संसदीय क्षेत्र से विजयश्री हासिल की और फिर एक बार सांसद बनकर समाज सेवा के कार्यों में लग गए.
इनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सन 2004 के लोकसभा चुनाव में वह पांचवी बार सांसद बने. 5 बार सांसद बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान की काबिलियत एवं कुशल नेतृत्व क्षमता को सम्मान देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने इन्हें नवंबर,२००५ में मध्य प्रदेश जैसे विशाल राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया. इसके बाद वर्ष 2008 में मध्य प्रदेश में विधानसभा का चुनाव शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा गया और इन्होंने भारतीय जनता पार्टी को दुबारा से सत्ता में आने का गौरव दिलाया परिणामस्वरुप पार्टी ने पुनः इन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया. और आप मध्य प्रदेश के दूसरी बार चीफ मिनिस्टर बन गए. इसी के साथ वे अपनी बुधनी सीट से लगातार चुनाव जीतते रहें.
साल 2013 में मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें शिवराज सिंह चौहान ने अपनी बुधनी विधानसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की और तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के पद को सुशोभित किया. अब तो वे मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता बन गए और राज्य की जनता उन्हें 'मामा' कहकर पुकारने लगी. 23 मार्च सन 2020 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफ़ा देने के बाद एक बार फिर से राज्य की सत्ता शिवराज सिंह चौहान ने संभाली और भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें चौथी बार मध्य प्रदेश राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त किया. आपके कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में मध्य प्रदेश नित्य नयी - नयी बुलंदी एवं ऊंचाइयों को छू रहा है.
FAQs
1. शिवराज सिंह चौहान का जन्म कहां हुआ था?
उत्तर : ग्राम-जैत (बुधनी), जिला - सीहोर में।
2. शिवराज सिंह चौहान किस बिरादरी के हैं?
उत्तर- चौहान जाति (क्षत्रिय)
3.शिवराज सिंह चौहान के कितने भाई- बहन है?
उत्तर- 2 छोटे भाई हैं।
4.शिवराज सिंह चौहान के माता- पिता का क्या नाम है?
उत्तर- इनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान एवं माता का नाम सुंदर बाई चौहान था।
5.शिवराज सिंह चौहान की उम्र कितनी है?
उत्तर- 64 वर्ष (2023 के अनुसार)
6.शिवराज सिंह चौहान की पत्नी का क्या नाम है ?
उत्तर- साधना सिंह चौहान
Disclaimer: यह Blog एक सामान्य जानकारी के लिए है। इस Blog का उद्देश्य सामान्य जानकारी उपलब्ध कराना है। इसका किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग से कोई संबंध नहीं है। यदि सम्बंध पाया गया तो यह महज एक संयोग समझा जाएगा।
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