ad13

जल ही जीवन है पर निबंध // Jal hi Jivan hai per nibandh Hindi mein

Top Post Ad

जल ही जीवन है पर निबंध // Jal hi Jivan hai per nibandh Hindi mein


जल ही जीवन है पर निबंध // Jal hi Jivan hai per nibandh Hindi mein


जल ही जीवन है पर निबंध wikipedia,जल ही जीवन है पर निबंध हिंदी में, जल ही जीवन है पर निबंध 100 शब्द,जल ही जीवन है पर निबंध लिखिए,जल ही जीवन है पर निबंध कैसे लिखें,जल ही जीवन है पर निबंध,जल ही जीवन है पर कविता,पानी ही जीवन है पर निबंध,जल ही जीवन है इस पर निबंध,जल ही जीवन है विषय पर निबंध

जल ही जीवन है पर निबंध wikipedia,जल ही जीवन है पर निबंध हिंदी में,jal hi jeevan hai par nibandh hindi mein,jal hi jeevan hai par nibandh likhiye,जल ही जीवन है पर निबंध 100 शब्द,जल ही जीवन है पर निबंध लिखिए,जल ही जीवन है पर निबंध कैसे लिखें,jal hi jeevan hai par nibandh,jal hi jeevan hai par lekh,jal hi jeevan hai par anuched



नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट   www.Bandana classes.com  पर । आज की पोस्ट में हम आपको " जल ही जीवन है पर निबंध (Jal hi Jivan hai per nibandh Hindi mein) " के बारे में बताएंगे तो इस पोस्ट को आप लोग पूरा पढ़िए।


जल ही जीवन है।


अथवा


बिन पानी सब सून


[रूपरेखा (1) प्रस्तावना, (2) जल के विभिन्न कार्य, (3) जल के प्रमुख स्रोत, (4) उपसंहार । 


प्रस्तावना - जल मानव जीवन के लिए अनिवार्य तत्त्व है। जल के अभाव में प्राणियों की कल्पना तक नहीं की जा सकती। कविवर रहीम ने ठीक ही कहा है


रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून। 

पानी गए न ऊबरे मोती मानुष चून ॥


जल के विभिन्न कार्य- जल से धरती पर खेती लहलहाती हुई दिखाई देती है। नदी, तालाब एवं नहरें जल का ही वरदान हैं। यदि समय पर वर्षा न हो तो धरती का आँचल सूख जायेगा, वृक्ष मुरझा जायेंगे। जीव-जन्तु असमय ही अपने प्राणों का त्याग कर देंगे। कल्पना कीजिए उस समय की, जब जल का अभाव हो जाता है एवं सूखे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो न जाने कितने प्राणी असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं। आणी अन्न के अभाव में तो कुछ दिन जीवित रह सकता है, लेकिन जल के बिना उसकी वही दशा हो जाती है जैसी कि पानी के बिना मछली की।


जल के प्रमुख स्रोत- तालाब, कुएँ, नहरें एवं झरने जल के प्रमुख स्रोत हैं। आज वैज्ञानिकों ने जल प्राप्त करने के अनेक कृत्रिम स्रोतों का भी आविष्कार किया है।


उपसंहार - निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि जल ही जीवन है। हमारे प्राणों का आधार है। धरती को हरा-भरा एवं फलता-फूलता रखने का प्रमुख साधन जल ही है। भगवान इन्द्र देव प्रसन्न होकर सबको यथोचित जल प्रदान करें, तभी सृष्टि हरी भरी होगी।



दोस्तों यदि आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक शेयर करिए। अगर दोस्तों अभी तक आपने हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन नहीं किया है तो नीचे आपको लिंक दी गई है ज्वाइन और सब्सक्राइब करने की तो वहां से आप हमारे telegram group को ज्वाइन और YouTube channel (Bandana study classes) को सब्सक्राइब कर लीजिए जहां पर आप को महत्वपूर्ण वीडियो हमारे यूट्यूब चैनल पर मिल जाएंगे।


इसे भी पढ़ें 👇👇👇

































Below Post Ad

Post a Comment

Previous Post Next Post