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पिता से पैसे मंगवाने हेतु संस्कृत में प्रार्थना पत्र// Pita ji se paise magvane hetu Sanskrit mein prarthana ptra

पिता से पैसे मंगवाने हेतु संस्कृत में प्रार्थना पत्र// Pita ji se paise magvane hetu Sanskrit mein prarthana ptra

पिता से पैसे मंगवाने हेतु संस्कृत में प्रार्थना पत्र// Pita ji se paise magvane hetu Sanskrit mein prarthana ptra

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Pita ji paise magvane hetu Sanskrit mein prarthana ptra

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको पिताजी से पैसे मंगवाने हेतु संस्कृत में प्रार्थना पत्र कैसे लिखा जाता है इसके बारे में बताएंगे अगर आप कहीं बाहर पढते हैं
 और आपको रुपए की जरूरत होती है या फिर किसी परीक्षा में आपसे पिताजी से रुपए मंगवाने हेतु संस्कृत में प्रार्थना पत्र पूछा जाए तो आप इस प्रार्थना पत्र को लिख सकते हैं जो इस लेख में हमने बताया हुआ है बच्चों इस लेख को पूरा पढ़ें इसमें हमने दो प्रकार के लेख बताए हैं जो आपको लिखना हो वह आप लिख सकते हैं।

पत्र लेखन एक कला है। हमें अनेक अवसरों पर विभिन्न प्रकार के पत्र लिखने पड़ते हैं,


जैसे प्रार्थना-पत्र, सूचनार्थक पत्र, नियंत्रण-पत्र, बधाई पत्र, आदि। पत्र मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं- 


1. निजी या पारिवारिक पत्र

 2. व्यापारिक या व्यावसायिक पत्र, 

3. सरकारी पत्र,

 4. प्रार्थना-पत्र



पत्र के अंग : (1) पत्र भेजने वाले का पता और तारीख, (2) संबोधन शब्द, (3) अभिवादन शब्द, (4) पत्र का विषय, (5) समाप्ति एवं (6) प्राप्तकर्त्ता का पता ।


1. पिता से पैसे मँगवाने के लिए संस्कृत में प्रार्थना पत्र


नजफगढः

दिनांक: 16 जनवरी: 2022

 आदरणीयाः पितृपादाः


सादरं नमामि


अत्र कुशलं तत्रास्तु । भवन्तुः इदम् ज्ञात्वा आनन्दिताः भविष्यन्ति यत् अहम् अर्द्धवार्षिक परीक्षायाम् कक्षायाम् प्रथमस्थानम् लब्धवान् । अस्माकं विद्यालयात् सर्वे छात्राः भ्रमणाय मुम्बईनगरम् प्रति गमिष्यन्ति । अहमपि तैः सह गन्तुम् इच्छामि । तदर्थं पञ्चशतम् रुप्यकाणि अपेक्षन्ते । कृपया भवन्तः धनम् प्रेषयन्तु गृहे सर्वेभ्यः मे प्रणामाः । 


                                              भवतां पुत्रः


                                                  मधूपः




2-पिता से रुपए मंगवाने हेतु संस्कृत में प्रार्थना पत्र कैसे लिखें-



                                          छात्रावास:


           केन्द्रीय विद्यालय: देहलीछावनीत: नव- दिल्ली


वन्दनीया: पितृचरणाः


सादरं प्रणम्यते यदहम् अत्र सम्यक् निवसामि मम परीक्षाफलम् अधुना प्रकाशितम्। नवमकक्षायाम् अहम् प्रथमश्रेण्याम् उत्तीर्णः सर्वेषु छात्रेषु मम प्रथमं स्थानमस्ति। अधुना कानिचित् पुस्तकानि क्रेतव्यानि सन्ति विद्यालयस्य शुल्कमपि देयमस्ति अतः पञ्चसहस्रं रूप्यकाणि शीघ्रतया प्रेषयन्तु भवन्तः। अहं प्रत्यहं मातुः स्मरणं करोमि । अनुज: रमेशः कथम् अस्ति भगिनी श्वेता प्रत्यहं पठनाय विद्यालयं गच्छति न वा अहम् अवकाशे गृहम् आगमिष्यामि। भवदाशीर्वचसां प्रतीक्षायाम् भवत्पुत्रः


                                          भवभूतिः 

                                          कक्षा 10 

                                   केन्द्रीय विद्यालय:, दिल्ली

                                            वर्ग: 'ब'


दिनाङ्कः 12-12-2022


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