बाल दिवस पर कविता
Bal diwas par Kavita- नमस्कार दोस्तों हम आपको इस पोस्ट में बाल दिवस पर कविताएं बताएंगे। हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है इस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म हुआ था। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है। चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्रेम करते थे। इस दिन बच्चों के प्रति प्रेम देखा जाता है। चाचा नेहरू बच्चों से बहुत प्रेम किया करते थे। इसलिए उनके निधन के बाद से उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यहां पर हमने बाल दिवस पर बच्चों के लिए कविताएं शेयर की है उम्मीद है आपको यह कविताएं पसंद आएंगी। बच्चों आपको यह कविताएं पसंद आए तो आप कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और अपने दोस्तों को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
Children's day poem |
बाल दिवस पर कविता- Bal Divas per Kavita
आता है हर वर्ष यह दिन
झूमे नाचे बच्चे संग संग
देते चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि हम
थे यह देश के पहले प्रधानमंत्री
करते थे बच्चों से प्यार
हर जयंती पर होता बच्चों का सत्कार
कच्ची मिट्टी है बच्चों का आकार
सच्चे सांचे में ढले यही है दरकार
ना हो अन्याय से भरा इनका जीवन
प्रतिज्ञा करो ना करोगे बाल शोषण
नन्ही सी कली है ये
भारत का खिलता कमल है ये
बाल दिवस पर है इन्हें सिखाना
जीवन अनमोल है यूं ही ना गवाना
देश के भविष्य हो तुम
शक्तिशाली युग की ताकत हो तुम।
चाचा नेहरू के जन्मदिन पर-
चाचा नेहरू के जन्मदिन पर,
बाल दिवस कब मनाया जाता
बाल दिवस लाता है खुशियों का त्योहार
इसमें बच्चे पाते हैं बहुत ढेर सारा प्यार
नेहरु चाचा करते थे हम बच्चों से प्यार
क्योंकि बच्चों का दिल होता है पूरी तरह से साफ
चाचा नेहरू का था सिर्फ एक ही सपना
पढ़ने में आगे हो अपने देश का हर एक बच्चा बच्चा
क्योंकि भारत के बच्चे हैं फ्यूचर इस देश के
एजुकेशन से होता कल्याण इनका
बाल दिवस के मौके पर सभी बच्चे को यह वादा है निभाना
चाचा नेहरू के सपनों को सच करके हैं दिखाना……
बचपन है ऐसा खजाना-
बचपन है ऐसा खजाना
आता है ना दोबारा
मुश्किल है इसको भूल पाना
वह खेलना कूदना और खाना
मौज मस्ती में सालाना
वह मां की ममता और वह पापा का दुलार
भुलाए ना भूले वह सावन की फुहार
मुश्किल है इन सभी को भूलना
वो कागज की नाव बनाना
वो बारिश में खुद को भीगना
वो झूले झूलना और खुद मुस्कुराना
वो यारों की यारी में सब भूल जाना
और डंडे से गिल्ली को मारना
वो अपने होमवर्क से जी चुराना
और टीचर के पूछने पर तरह-तरह के बहाने बनाना
मुश्किल है इनको भूलना……
वो एग्जाम में रखता मारना
उसके बाद रिजल्ट के डर से बहुत घबराना
वो दोस्तों के साथ साइकिल चलाना
वो छोटी-छोटी बातों पर रूठ जाना
बहुत मुश्किल है इनको भुलाना…
वो मां का प्यार से मनाना
वो पापा के साथ घूमने के लिए जाना
और जाकर पिज्जा और बर्गर खाना
याद आता है वह सब जमाना
बचपन है ऐसा खजाना
मुश्किल है इसको भूलना…..
बाल दिवस पर छोटी सी कविता
नेहरु चाचा तुम्हें सलाम
अमन शांति का दे पैगाम
जब को जंग से बचाया
हम बच्चों को भी मनाया
जन्मदिवस बच्चों के नाम
नेहरु चाचा तुम्हें सलाम
देश को दी है योजनाएं
लोहा और इस्पात बनाए
बांध बने बिजली निकाली
नहरो से खेतों में हरियाली
प्रगति का दिया इनाम
चाचा नेहरू तुम्हें सलाम
बाल दिवस पर कविता-
इस दिन हम सब बच्चे मिलकर गीत खुशी के गाते हैं।
चाचा नेहरू के चरणों में ,श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।
बालवीर की इस अवसर पर, एक शपथ यह खाओ।
ऊंच-नीच का भेद भुलाकर, सबको गले लगाओ।
जिस दिन जवाहरलाल ने था, जन्म जगत में पाया।
उनका जन्म दिवस भारत में, बाल दिवस कहलाया।
कविता
चाचा नेहरू ने देखे थे, नव भारत के सपने।
सपने पूरे कर सकते थे, उनके बच्चे अपने।
ऐसी शिक्षा हमें आपसे, मिली यही सौभाग्य हमारा।
मर कर भी हो गया अमर जो, चाचा नेहरू सबका प्यारा।
शालाओं में भी होते हैं, नए-नए आयोजन।
जिन्हें देख आनंदित होते, हम बच्चों के तन मन।
बाल दिवस पर भाषण
(Children's day speech)
"आओ करें चाचा नेहरू का सम्मान
बच्चों के भविष्य में इनका है विशेष योगदान"
मेरा नाम----- है। आप सभी को बाल दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आज मैं आप सभी के सामने बाल दिवस पर कुछ शब्द व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुई हूं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर वर्ष 14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रसिद्ध नेता थे। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अपने देश के लिए समर्पित कर दिया। यही कारण है कि आज भी वह हर भारतीय के दिल में बसते हैं। बच्चों के प्रति उनका अत्यधिक प्रेम था इसलिए उन्हें प्यार से चाचा नेहरू पुकारते थे। जो की देखभाल के लिए अपना कीमती वक्त समर्पित करते थे। वे हमेशा बच्चों को पूरे जीवन देशभक्त और राष्ट्र प्रेमी बनने की प्रेरणा देते थे। बाल दिवस का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिक के लिए अपने बच्चों को सभी हानियों से उनकी रक्षा कर उन्हें कुशल बचपन प्रदान करना है। बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य संपत्ति होने के साथ भविष्य की उम्मीद है।
अतः मैं अपनी वाणी को विराम देते हुए दो शब्द भारतीयों के लिए कहना चाहूंगी।
"बच्चे होते हैं भगवान का रूप
रखो छांव में उन्हें लगे ना धूप"
भाषण नंबर -2
आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को नमस्कार
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज हम सभी यहां बाल दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। और मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है कि मुझे इस अवसर पर कुछ शब्द बोलने का मौका मिला, इसके लिए मैं आप सभी का बहुत-बहुत आभारी हूं।
हमारे देश में हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर बाल दिवस मनाया जाता है। क्योंकि चाचा नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते थे। बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे।
चाचा नेहरू को श्रद्धांजलि देने के लिए व बच्चों के प्रति उनका प्यार को देखते हुए, इस दिन को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने हमारे देश के बच्चों के कल्याण के लिए कई कार्य किए हैं। वह भारत में बच्चों के शिक्षा और विकास के लिए हमेशा उत्सुक रहते थे।
इस दिन को हम बड़े ही हर्ष व उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन हम देश के महान नेताओं को श्रद्धांजलि भी देते हैं तथा साथ-साथ इस दिन को मनाने का कारण देशभर के सभी बच्चों को उनके अधिकार दिलाना भी है।
बच्चे का पहला स्कूल उनका घर होता है। अर्पिता बच्चे के प्रथम शिक्षक होते हैं वह उनके भविष्य को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी माता-पिता से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों का उचित पालन पोषण करें।
इस दिन कई स्कूलों और कालेजों में बाल मेला लगता है बाल मेले में सभी बच्चे अपने बनाए गए सामान के प्रदर्शनी लगाते हैं। इस तरह वह अपनी कला प्रतिभा का प्रदर्शन सबके सामने करते हैं। वाद विवाद, कविता ,प्रश्नोत्तरी, नृत्य गायन, नाटक आदि भी प्रस्तुत किए जाते हैं। तथा अंत में बच्चों को मिठाइयां व चॉकलेट भी बांटी जाती है। इसके अलावा कुछ शिक्षक भी इन प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं।
वैसे तो नेक नियम कानून बने हैं पर फिर भी बाल श्रमिकों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है। इन बच्चों का सही स्थान स्कूल है ना कि कारखाने।
बच्चों के कुछ सामान अधिकार आज मैं आपको बताना चाहूंगी जो उन्हें अवश्य प्राप्त होने चाहिए।
सभी बच्चों को माता पिता और परिवार द्वारा उचित देखभाल और प्यार मिलना चाहिए।
उन्हें स्वस्थ भोजन ,साफ-सुथरे कपड़े और सुरक्षा मिलनी चाहिए।
जो को हमेशा स्वस्थ रहने का माहौल मिलना चाहिए जहां वे घर, स्कूल या अन्य जगह पर सुरक्षित महसूस कर सकें।
शिक्षा का उचित और अच्छा स्तर मिलना चाहिए।
बाल दिवस पर कविता-
इस दिन हम सब बच्चे मिलकर गीत खुशी के गाते हैं।
चाचा नेहरू के चरणों में ,श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।
बालवीर की इस अवसर पर, एक शपथ यह खाओ।
ऊंच-नीच का भेद भुलाकर, सबको गले लगाओ।
जिस दिन जवाहरलाल ने था, जन्म जगत में पाया।
उनका जन्म दिवस भारत में, बाल दिवस कहलाया।
कविता नंबर- 2
चाचा नेहरू ने देखे थे, नव भारत के सपने।
सपने पूरे कर सकते थे, उनके बच्चे अपने।
ऐसी शिक्षा हमें आपसे, मिली यही सौभाग्य हमारा।
मर कर भी हो गया अमर जो, चाचा नेहरू सबका प्यारा।
शालाओं में भी होते हैं, नए-नए आयोजन।
जिन्हें देख आनंदित होते, हम बच्चों के तन मन।
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