संचारी रोग किसे कहते हैं // sanchari rog kise kahte hai
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Sanchari rog kise kahte hai |
Communicable Diseases kise kahte hai
क्या आप संक्रामक रोग या संचारी रोग पर निबंध (Sanchari Rog Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए हैं. आज इस पोस्ट के माध्यम से मैंने आपको संचारी रोग पर हिंदी में निबंध कैसे लिखते हैं बताया है. आइए बिना समय गवाएं पढ़ते हैं।
"स्वच्छता को अपनाएं,
संचारी रोग दूर भगाएं।"
परिचय (Parichay)-
संचारी रोग वे रोग हैं, जो एक व्यक्ति या जानवर से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। वायरस, बैक्टीरिया और कवक जैसे रोगजनक ऐसे रोगों का कारण बनते हैं। संचारी रोग शारीरिक तरल पदार्थ, कीड़े के काटने, दूषित सतहों, पानी और खाद्य पदार्थों के संपर्क में आने या हवा के माध्यम से फैल सकते हैं।
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Communicable Diseases |
संचारी रोग क्या हैं (sanchari Rog kya hai)-
एक संचारी रोग कोई भी बीमारी है जो लोगों या जानवरों के बीच से गुजरती है। लोग कभी-कभी संचारी रोगों को "संक्रामक" या "संक्रामक" रोगों के रूप में संदर्भित करते हैं। बैक्टीरिया, वायरस, कवक और प्रोटोजोआ सहित रोगजनक, संचारी रोगों का कारण बनते हैं। हैजा, मलेरिया, खसरा,चेचक, प्लेग, स्वाइन फ्लू इत्यादि संचारी रोग हैं।
लक्षण (lakshan)-
एक बार जब कोई तोड़ देना किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है तो वह अफसर प्रतिकृति बनाना शुरू कर देता है। व्यक्ति जब लक्षणों का अनुभव करना शुरू कर सकता है। रोग के आधार पर लक्षण अलग-अलग होंगे। कुछ लोगों को किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होगा। हालांकि, वे अभी भी रोगजनक संचारित कर सकते हैं। कुछ संचारी रोग हल्के हो सकते हैं, और लक्षण कुछ दिनों के बाद गायब हो जाते हैं। हालांकि, कुछ गंभीर और संभावित रूप से जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं। किसी व्यक्ति के समग्र स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा कार्य के आधार पर लक्षण गंभीरता भिन्न हो सकती है।
संचारी रोग को रोकने के उपाय (sanchari Rog ko rokane ke upay) -
निम्नलिखित उपायों का पालन करके संचारी रोगों के फैलने का खतरा कम किया जा सकता है-
1. अपने हाथों को अच्छी तरह और नियमित रूप से धोना।
2. घर पर सतहों को कीटाणुरहित करना, विशेष रुप से खिड़कियों, दरवाजों के हैंडल और रसोई।
3. मोबाइल, लैपटॉप इत्यादि को कीटाणुरहित करना।
4. खाद्य पदार्थों को स्वच्छता के साथ अच्छी तरह से पकाना।
5. खराब खाना खाने से परहेज।
6. जंगली जानवरों को छूने से बचें।
7. उपलब्ध टीकाकरण प्राप्त करना।
8. अक्सर बरसात के मौसम में संचारी रोग अधिकतर फैलते हैं। संचारी रोगों को फैलने से रोकने के लिए हम सभी को चाहिए कि हम अपने घरों के बाहर पानी इकट्ठा ना होने दें जिससे घरों में संचारी या संक्रामक रोग ना फैलें।
9. हमें चाहिए कि हम घर के बाहर कूड़ा करकट भी इकट्ठा ना होने दें। इसके लिए हम साफ-सफाई करते रहे, कूड़ा करकट कूड़ेदान में ही डालें।
10. इसके अलावा संक्रामक रोगों से बचने के लिए साफ सफाई करना चाहिए। घरों में बिल्कुल भी गंदगी नहीं फैलाना चाहिए। घरों में कूड़ा करकट को भी एकत्रित नहीं करना चाहिए और उसे बाहर कूड़ेदान में फेंकना चाहिए।
उपसंहार (upsanhar)-
संचारी रोगों की रोकथाम हेतु समय-समय पर सरकार द्वारा विभिन्न तरह के अभियान चलाए जाते हैं। जनता को इस विषय में अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है, जिससे इन रोगों से बचा जा सके अथवा इनके होने पर संक्रमित व्यक्ति को उचित इलाज उपलब्ध हो सके।
"एक व्यक्ति से दूसरे में फैल ये जाते,
होते संचारी रोग जब गंदगी हम फैलाते।"
चर्चा में क्यों? 1 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभारंभ किया। इसके साथ ही विशेष संचारी अभियान की रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया।
प्रमुख बिंदु • संचारी रोग नियंत्रण अभियान 1 से 31 जुलाई तक और इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया और चिकनगुनिया को फैलने से रोकने के लिये राज्य में घर-घर दस्तक अभियान 16 से 31 जुलाई तक चलेगा। • इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत तक नियंत्रण किया गया है और शेष 5 प्रतिशत को नियंत्रित कर राज्य से इस बीमारी को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
•मुख्यमंत्री ने बताया कि अभियान के तहत आशा कार्यकर्त्ता, आँगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, स्वास्थ्य विभाग समेत कई विभागों के कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के लोग घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे और यदि कोई बीमार पाया जाता है, तो वे इलाज की व्यवस्था करेंगे और एक मेडिकल किट उपलब्ध कराएंगे।
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