अशोक बाजपेई का जीवन परिचय // Ashok Bajpai ka jeevan parichay
अशोक बाजपेई का जीवन परिचय //Ashok Bajpai Jivani in Hindi
Ashok bajpai ka janam
Ashok Bajpai Ka janm kab hua tha?
नमस्कार दोस्तों ! स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट bandana Classes.com पर . दोस्तों आज की पोस्ट में हम चर्चा करने जा रहे हैं, हिंदी साहित्य जगत में उम्मीद का दूसरा नाम, आविन्यो एवं चींटी जैसे काव्यों की रचना करने वाली प्रमुख साहित्यकार , कवि माने जाने वाले अशोक बाजपेयी की। दोस्तों यह किसने सोचा था कि मध्य प्रदेश के सागर जिले के दुर्ग नामक गांव से निकला एक साधारण युवक अशोक बाजपेयी के नाम से प्रसिद्ध होगा और अपनी रचनाओं का ऐसा रस आम जनमानस में घोला कि जन-जन उसकी रचनाओं का दीवाना हो जाएगा। जी हां, आज हम अपने पोस्ट में हिंदी साहित्य के ऐसे ही महान कवि जबरजोत, दुख एवं युवा जंगल के रचयिता तथा हिंदी के महान कवि, साहित्यकार,अशोक बाजपेयी जी के जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय के बारे में आप लोगों को बताने जा रहे हैं।दोस्तों अशोक बाजपेयी एक ऐसा नाम जिसे हिंदी साहित्य का पर्याय माना जाता है। दोस्तों जब जब एक खिड़की, युवा जंगल एवं पहला चुम्बन का नाम लिया जाएगा तब तब अशोक बाजपेयी जी का नाम भी सदैव समाज याद करेगा। दोस्तों यह किसने सोचा था कि मध्य प्रदेश के सागर जिले के दुर्ग गांव से निकला एक साधारण युवक चीख और चिट्ठीरसा जैसे महत्वपूर्ण काव्यों की रचना करेगा ? शायद यह तो किसी ने सोचा ही नहीं होगा कि अशोक बाजपेयी एक दिन हिंदी साहित्य का एक चमकता सितारा बनेगा। साहित्य अकादमी पुरस्कार और दयावती कवि शेखर सम्मान से सम्मानित महान कवि अशोक बाजपेयी का नाम साहित्य जगत में बहुत ही आदर और सम्मान से लिया जाता है। अशोक बाजपेयी हिंदी साहित्य का एक चमकता सितारा, जिन्हें हिंदी के श्रेष्ठतम लेखकों में गिना जाता है। अशोक बाजपेयी एक ऐसा नाम जिसने अपनी कलम से हिंदी साहित्य जगत में क्रांति ला दी। अशोक बाजपेयी एक ऐसा नाम - जिसे एक खिड़की और युवा जंगल जैसी श्रेष्ठ रचना के लिए जाना जाता है. हिंदी भाषा के श्रेष्ठ साहित्यकार , श्रेष्ठतम कवि अशोक बाजपेयी जी को यदि हिंदी साहित्य का महान साहित्यकार भी कहा जाये तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. अशोक बाजपेयी - एक ऐसा नाम जिसने हिंदी साहित्य की दिशा और दशा को बदलने का कार्य किया. यदि अशोक बाजपेयी जी को हिंदी साहित्य का कोहिनूर हीरा भी कहा जाये तो इसमें कोई विवाद नहीं होगा क्योंकि उन्होनें हिंदी साहित्य के क्षेत्र में एक ऐसा नया कीर्तिमान स्थापित किया जिसे युगों - युगों तक हिंदी साहित्य में याद रखा जायेगा. अशोक बाजपेयी जी ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में कुछ ऐसे नए मानदंड और आयाम स्थापित कर दिए हैं जिन्हें हिंदी साहित्य जगत में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा. दोस्तों यद्यपि अशोक बाजपेयी जी आज हम लोगों के बीच में नहीं है लेकिन उनकी रचनाएं, काव्य- कृतियां विश्व भर के साहित्य प्रेमियों के हृदय में हमेशा जीवंत रहेंगी। हिंदी साहित्य के ऐसे सुविख्यात कवि अशोक बाजपेयी जी को हिंदी साहित्य जगत हमेशा याद रखेगा। तो दोस्तों ऐसे ही एक महान व्यक्तित्व के बारे में हम लोग आज जानेगे तो दोस्तों यदि आपको ये पोस्ट पसंद आये तो इसे अधिक से अधिक अपने दोस्तों में जरूर शेयर करिएगा.
दोस्तों यह तो सभी जानते हैं कि जब जब हिंदी साहित्य में युवा जंगल और जबर जोत के रचनाओं की बात होगी उस समय सबसे पहले जो नाम सबसे अगर पंक्ति में होगा वह नाम होगा महा कवि अशोक बाजपेयी जी। अशोक बाजपेयी जी एक ऐसा नाम जिसने अपनी सर्वश्रेष्ठ रचनाओं का ऐसा रस आम जनमानस में घोला कि आज नैतिक शिक्षा, नैतिकता की रसमयी काव्य धारा केवल हिंदुस्तान में ही नहीं अपितु समस्त विश्व में बह रही है। दोस्तों यदि यह पोस्ट आप लोगों को पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में अधिक से अधिक शेयर करिएगा।
जीवन परिचय
अशोक बाजपेयी
संक्षिप्त जीवन परिचय : एक दृष्टि में
जीवन परिचय
आधुनिक हिंदी कविता के जाने- पहचाने सशक्त हस्ताक्षर श्री अशोक बाजपेई का जन्म 16 जनवरी, 1941 को मध्य प्रदेश के दुर्ग नामक स्थान पर हुआ था। इन्होंने सागर विश्वविद्यालय से बीए तथा सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली से अंग्रेजी विषय में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। इसके बाद ये नई दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज में अंग्रेजी विषय का अध्यापन करने लगे।
वर्ष 1965 में इन्होंने अध्यापन कार्य छोड़ दिया, क्योंकि इनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हो गया था। इस सेवा में आने से पूर्व ही ये कवि रूप में चर्चित हो चुके थे, इन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्य किया। ये 'जामिया मिलिया इस्लामिया' विश्वविद्यालय तथा 'बिरला फाउंडेशन' से भी संबंध रहे।
साहित्यिक परिचय
इन्होंने भोपाल में 'भारत भवन' नामक बहुआयामी कला केंद्र की स्थापना की। ये वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति रहे। अशोक बाजपेई जी प्रसिद्ध हिंदी कवि, आलोचक और संपादक के रूप में जाने जाते हैं।
इन्हें 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' , 'दयावती कवि शेखर सम्मान' और 'कबीर सम्मान' से सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में श्री बाजपेई जी 'ललित कला अकादमी' के अध्यक्ष हैं और दिल्ली में ही रहते हुए सतत साहित्य साधना में लीन हैं। इनकी कविताओं में आधुनिक जीवन की कठोर वास्तविकताओं का जीवंत चित्रण हुआ है। इनके काव्य की मुख्य विशेषता यह है कि इन्होंने जीवन का यथार्थ चित्रण तो किया है, पर उसमें कुरूपता या भद्दापन नहीं आने दिया है।
रचनाएं
श्री अशोक बाजपेई जी की काव्य रचना निम्नलिखित हैं-
आविन्यों, उम्मीद का दूसरा नाम, कहीं नहीं वहीं, कुछ रफू कुछ थिगड़े, दुख चिट्ठीरसा है, पुरखों की परछी में धूप, शहर अब भी संभावना है, अपनी आसन्नप्रसवा मां के लिए, अधपके अमरूद की तरह पृथ्वी, एक खिड़की, एक बार जो, कितने दिन और बचे हैं?
कोई नहीं सुनता, गाढ़े अंधेरे में, चींटी, चीख, जबर जोत, पहला चुंबन, पूर्वजों की अस्थियों में, फिर घर, बच्चे एक दिन, मुझे चाहिए, मौत की ट्रेन में दिदिया, युवा जंगल, वह कैसे कहेगी, वह नहीं कहती, विदा, विश्वास करना चाहता हूं, वह सच्चे, शरण्य, शेष, सड़क पर एक आदमी, सद्यःस्नाता, समय से अनुरोध, सूर्य।
भाषा एवं शैली
अशोक बाजपेई निजता और आत्मीयता के कवि हैं, सार्वजनिकता के नहीं। वे शब्द की अदम्यता और पवित्रता में विश्वास रखते हैं। इन्होंने साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग किया है, जिसकी शैली अतुकांत व छंद मुक्त है।
इनकी कविताओं के मुख्य केंद्र बिंदु मनुष्य, मनुष्य की जिजीविषा, उसका रहस्य, उसका हर्ष-विषाद रहे हैं। इनके काव्य ने माता-पिता, प्रेमिका, बाल सखा, बेटी, बेटा, बहू के संबंधों को अपने संसार में समेटा है, जिसमें साहित्यिक खड़ी बोली व छंद मुक्त तुकांतहीन शैली अत्यंत सटीक रूप में चित्रित हुई है।
हिंदी साहित्य में स्थान
अशोक बाजपेई ने अपने समय की सच्चाई को मूर्त रूप देकर काव्य जगत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह कठिन कार्य है। ऐसा कार्य करने की प्रतिभा कम ही लोगों में होती है।
हिंदी साहित्य में अपनी रचनाओं द्वारा योगदान देने वाले बाजपेई साहित्य प्रेमियों के लिए अविस्मरणीय रहेंगे। अशोक बाजपाई को वर्ष 1994 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है।
सम्मान या 'पुरस्कार'
साहित्य अकादमी 1994 और दयावती मोदी कवि शिखर सम्मान से अलंकृत हैं।
अशोक बाजपेई समग्र जीवन की उलझन अनुगूंजो कवि हैं। उन्हें समयबद्ध कवि कहने के बजाय कालबद्ध कवि कहना ज्यादा उपयुक्त है। उनका समग्र बोध भौतिक सामाजिक और साधारण जीवन की ही कथा है। अशोक बाजपेई की काव्य अनुभूति की बनावट में सच्ची खरी और एक सजग आधुनिक भारतीय मनुष्य की संवेदना का योग है। जिसमें परंपरा का पुनरीक्षण और आधुनिकता की खोज दोनों साथ साथ हैं।
👉छायावादी युग तथा इसकी प्रमुख विशेषताएं
👉मुहावरे तथा लोकोक्ति में अंतर
👉खंडकाव्य तथा महाकाव्य में अंतर
👉राजभाषा तथा राष्ट्रभाषा में अंतर
👉निबंध क्या है ? निबंध कितने प्रकार के होते हैं ?
👉उपन्यास किसे कहते हैं ? उपन्यास के प्रकार
👉रिपोर्ताज किसे कहते हैं? रिपोतार्ज का अर्थ एवं परिभाषा
👉रेखाचित्र किसे कहते हैं ?एवं रेखाचित्र की प्रमुख विशेषताएं
👉आलोचना किसे कहते हैं? प्रमुख आलोचना लेखक
👉भारतेंदु युग की प्रमुख विशेषताएं
👉विधानसभा अध्यक्ष के कर्तव्य एवं अधिकार
👉रस किसे कहते हैं ? इसकी परिभाषा
👉महात्मा गांधी पर अंग्रेजी में 10 लाइनें
👉10 lines on Mahatma Gandhi in English
👉My vision for India in 2047 English Essay
👉मकर संक्रांति पर 10 लाइन हिंदी में
👉1 जनवरी को प्रत्येक वर्ष नया साल क्यों मनाया जाता है?
👉रामनरेश त्रिपाठी का जीवन परिचय
👉10 लाइनें गणतंत्र दिवस पर हिंदी में
👉माखनलाल चतुर्वेदी का जीवन परिचय
👉सुभद्रा कुमारी चौहान का जीवन परिचय
👉मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय
👉कोरोना वायरस पर निबंध हिंदी में
👉दिवाली पर 10 लाइन निबंध हिंदी में
👉मीटर बदलवाने हेतु बिजली विभाग को प्रार्थना पत्र
👉श्याम नारायण पांडे का जीवन परिचय
👉हिंदी साहित्य का इतिहास एवं उसका काल विभाजन
👉शिक्षक दिवस पर 10 लाइन का निबंध
👉पानी की समस्या हेतु विधायक को पत्र
Post a Comment