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Corona virus Essay || कोरोना वायरस पर निबंध

Corona virus Essay || कोरोना वायरस पर निबंध


Corona virus Essay || कोरोना वायरस पर निबंध


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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट   Bandana classes.com  पर । आज की पोस्ट में हम आपको Corona virus Essay  (कोरोना वायरस पर निबंध) ताएंगे तो आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है।


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कोरोना वायरस



प्रमुख विचार-बिन्दु (1) प्रस्तावना, (2) कोरोना कैसे फैलता है?, (3) कोरोना वायरस के लक्षण, (4) कोरोना वायरस से बचने के कुछ उपाय, (5) कोरोना वायरस का चीन पर पहला वार, (6) कोरोना वायरस से निपटने के लिए खोज, (7) लॉकडाउन की भारत ने की पहल, (8) उपसंहार।


प्रस्तावना - कोरोना वायरस कहाँ से आया, कैसे आया हमें पता ही नहीं चला। लेकिन समाचार की दृष्टि से यह कोरोना वायरस चीन के वुहान राज्य से फैला। कहा जाता है कि चीन के वुहान राज्य के समुद्री खाद्य बाजार अर्थात् पशु मार्किट से निकलकर चीन के कई राज्यों में फैला और देखते ही देखते इसने लाखों लोगों की जिंदगी से खेलना शुरू कर दिया। इस कोरोना वायरस ने 180 देशों को और अनेक राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया। दिसम्बर, 2019 में चीन में पहली कोरोना वायरस से मौत की पुष्टि हुई, इस वायरस ने लगभग दो लाख लोगों की जान ली है। 7 जनवरी, 2020 को चीन ने वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन को नए वायरस 'कोरोना वायरस (Covid 19)' के बारे में जानकारी दी।



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कोरोना कैसे फैलता है? - कोरोना वायरस संक्रमित मरीज के छींकने से इसके आस-पास के लोगों तक तेजी से फैलता है। किसी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के थूक को सतह पर छूने से और फिर अपने मुँह, चेहरे, नाक को हाथ लगाने से फैलता है। यह कोरोना वायरस यात्रा कर रहे किसी संक्रमित व्यक्ति के कारण तेजी से फैल सकता है। इतना ही नहीं हवाई जहाज की सीट पर यह कई घंटों तक जिन्दा रहकर स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। कहा जा सकता है कि एक कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति हजारों लोगों को संक्रमित कर सकता है। कोरोना वायरस मनुष्य के शरीर में बिना कोई लक्षण दिखाए 14

दिनों तक एक्टिव रह सकता है।


कोरोना वायरस के लक्षण - तेज बुखार, गले में दर्द, खत्म न होने वाली खाँसी और साँस लेने में तकलीफ होती है। अंत में यह फेफड़ों को कमजोर बना देता है, जिससे मरीज को साँस लेने में कठिनाई होती है। यह शरीर के दूसरे अंगों को भी नाकाम कर देता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है।





कोरोना वायरस से बचने के कुछ उपाय- अपने आपको कोरोना वायरस से मुक्त रखने के लिए हमें 20 सेकंड तक बार-बार अपने हाथ धोने चाहिए। हम चाहें तो हैंड सैनेटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं। हमेशा घर से बाहर निकलते समय मुँह पर मास्क पहनकर निकलें और घर आकर मास्क को साफ कर लें। छींकते समय अपने मुँह को कोहनी से अथवा टिश्यू पेपर से ढक लें और टिश्यू पेपर को कूड़ेदान में फेंक दें। अगर कोई इंसान बाहर से सफर करके आया हो, तो दो हफ्ते तक अपने आप घर पर रहें और लोगों से दूरी बनाए रखें, इससे संक्रमण का खतरा कम होगा। इस समय सामजिक दूरी बनाए रखना सबसे बेहतर उपाय माना जा रहा है। तकरीबन इस संकट की घड़ी में सभी देशों ने लॉकडाउन करने का फैसला कर दिया और उसे शीघ्र ही लागू कर दिया, जो इस समय सही उपाय है।


कोरोना वायरस का चीन पर पहला वार-11 जनवरी, 2020 को चीन ने 61 वर्षीय आदमी की मौत की जानकारी दी, जिसने वुहान के पशु बाजार से सामान

खरीदा था। दिल का दौड़ा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। 16 जनवरी को एक दूसरी मौत की खबर आई। इसी तरह देखते ही देखते नेपाल, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, ताइवान, अमेरिका, भारत, इटली आदि देशों को अपने पंजों में जकड़ लिया। चीन ने जनवरी के आखिरी दिनों में यह दावा किया कि यह एक मनुष्य से दूसरे

मनुष्य में फैलता है, जोकि काफी भयानक है, लेकिन बहुत देर हो गई थी। पूरा विश्व इसकी चपेट में आ चुका था और फिर संक्रमित लोगों तथा मृत्यु के मुख

में जाने वालों की संख्या लाखों-हजारों में आ चुकी है। 11 मार्च, 2020 को वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने कोरोना वायरस को एक भयानक महामारी घोषित कर

दिया।






कोरोना वायरस से निपटने के लिए खोज- पूरी दुनिया कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन की खोज में जुट गई है, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। दुनिया भर के वैज्ञानिक, डॉक्टर्स इसकी खोज के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। इसमें आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक आदि संस्थाएँ भी प्रयत्नशील हैं।



लॉकडाउन की भारत ने की पहली पहल-21 मार्च को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की समस्त विद्वज्जन और वरिष्ठ जनता ने एक साथ मिल-जुलकर भारत में लॉकडाउन कर दिया। जिसके चलते अब तक चार बार यही निर्णय किया गया और जनता ने इसे अपना और अपने देश का हित मानते हुए इसका पालन किया। सारे देश में धारा 144 लगा दी गई। दुकानें, दफ्तर, स्कूल, रेस्टोरेट, होटल सब बन्द कर दिए गए, ताकि इस महामारी से छुटकारा मिल जाए। परिणाम काफी हद तक सफल रहा। सामाजिक दूरी बनाए रखने के कारण संक्रमित लोगों और मृत्युदर में कमी आई। किन्तु खेद है, जैसे किसी भी जगह की स्वच्छता में जिस प्रकार कुछ लोग बाधक बन जाते हैं, जैसे सत्य की खोज में कुछ अज्ञानी अपना ज्ञान बाँटने लगते हैं, जैसे किसी संस्थान में आग लग जाने के बाद कुछ लोग हाथ तापने लगते हैं, वैसे ही कुछ साम्प्रदायिक और राजनीति का रोना रोने वाले राजनेता अपने भड़काऊ भाषणों से, अपने कुकर्मों से भोली जनता को बहकाने से बाज नहीं आते। ऐसे लोग 'हम तो डूबेंगे सनम लेकर तुमको भी डूबेंगे' वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं। ऐसे लोगों से बचना ही श्रेयष्कर है, क्योंकि कँटीली झाड़ियों को कोई अपने घर की शोभा नहीं बनाता।





उपसंहार – देखा जा रहा है, जहाँ मरीजों का इलाज चल रहा है वहाँ हर चीज में कोरोना वायरस का प्रकोप है। कोरोना वायरस बहुत समय तक हवा में और कपड़ों में कई घंटों तक जीवित रह सकता है। भारत की जनता को चाहिए कि वह कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा दी गईं हिदायतों से अपनी एवं अपने परिवार की रक्षा करे। साथ ही असमाजिक दुष्प्रभाव फैलाने वाले लोगों और उनके मोबाइल संदेशों एवं भाषण से दूर रहें। वे सभी इस कोरोना वायरस से भी अधिक खतरनाक और हानिकारक वायरस हैं।


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