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DNA और RNA में अंतर || Difference between DNA and RNA

DNA और RNA में अंतर || Difference between DNA and RNA


DNA और RNA में अंतर / डीएनए और आरएनए में अंतर / Difference between DNA and RNA





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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Bandana classes.com  पर । आज की पोस्ट में हम आपको DNA और RNA में अंतर  (Difference between DNA and RNA) बताएंगे तो आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है।


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DNA और RNA में अंतर



DNA का मतलब होता है deoxyribonucleic acid तथा RNA का मतलब होता है ribonucleic acid। ये दोनों ही जेनेटिक जानकारी देने के काम में आती है लेकिन इनके बीच कुछ अंतर होता है-


DNA की अधिकांश मात्रा केंद्रक में होती है, RNA राइबोसोम में लगे रहते हैं। DNA आनुवांशिकी क्रियाओं का संचालन करता है, RNA केंद्रक के बाहर विभिन्न आदेशों को लेकर अमीनो अम्लों को चुनने में मदद करता है और प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करता है।


DNA का काम माता पिता के genes उनके बच्चों में ट्रांसफर करना होता है जबकि rRNA Protein synthesis, tRNA mRNA को केंद्रक से rer endoplasmic reticulum तक लाता है और mRNA प्रोटीन के type के code carry करता है।



DNA क्या है?


लगभग पादप विषाणुओं के अलावा सभी सजीवों में पाया जाने वाला अनुवांशिक पदार्थ है। इसका पूरा नाम डीऑक्सिराइबोस न्यूक्लिक अम्ल होता है। इसमें डीऑक्सिराइबोस शर्करा पाई जाती है।


DNA प्रतिकृति:- DNA में अपने समान नया DNA बनाने का गुण पाया जाता है, जिसे DNA की प्रतिकृति कहा जाता है।


डीएनए आमतौर पर क्रोमोसोम के रूप में होता है। एक कोशिका में गुणसूत्रों के सेट अपने जीनोम का निर्माण करता है; मानव जीनोम 46 गुण सूत्रों की व्यवस्था में डीएनए के लगभग 3 अरब आधार जोड़े हैं। जीन में अनुवांशिक जानकारी के प्रसारण की पूरक आधार बांधना के माध्यम से हासिल की है।


उदाहरण के लिए, एक कोशिका चीन में जानकारी का उपयोग करता है जब प्रतिलेखन में डीएनए अनुक्रम डीएनए और सही आर एन ए न्यूक्लियोटाइडों के बीच आकर्षण के माध्यम से एक पूरक शाही सेना अनुक्रम में नकल है। आमतौर पर यह RNA की नकल तो शाही सेना न्यूक्लियोटाइडों के बीच एक ही बातचीत पर निर्भर करता है जो अनुवाद नामक प्रक्रिया में एक मिलान प्रोटीन अनुक्रम बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।


वैकल्पिक भानुमति में एक कोशिका बस एक प्रक्रिया बुलाया डीएनए प्रतिकृति में अपने अनुवांशिक जानकारी कॉपी कर सकते हैं।


डीएनए की रूप चित्र की खोज अंग्रेजी वैज्ञानिक जेम्स वाटसन और फ्रॉन्सिस क्रिक के द्वारा सन 1953 में किया गया था। इस खोज के लिए उन्हें सन 1962 में नोबेल पुरस्कार सम्मानित किया गया।


RNA क्या है?


आर एन ए एक अकेली बहु न्यूक्लियोटाइड श्रंखला वाला लंबा तंतुनुमा अणु, जिसमें फास्फेट और प्राइवेट शर्करा की इकाइयां एकांतर में स्थापित होती हैं। इसका पूर्ण नाम है राइबोज न्यूक्लिक अम्ल।


डीएनए की तरह आर एन ए में भी राइबोज से जुड़े 4 क्षारक होते हैं। अंतर केवल इतना है कि इसमें थाई मीन के स्थान पर यूरासिल होता है। किसी भी जीवित प्राणी के शरीर में राइबो न्यूक्लिक अम्ल बी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जितना कि डीएनए।


आर एन ए शरीर में डीएनए के जींस को नकल करके व्यापक तौर पर प्रवाहित करने का काम करता है। इसके साथ ही यह कोशिकाओं में अन्य अनुवांशिक सामग्री पहुंचाने में भी सहायक होता है।


आर एन ए की खोज FRADRIC KMICHER ने की थी। RNA के महत्वपूर्ण कार्यों में जीन को सुचारू बनाना और उनकी प्रतियां तैयार करना होता है। यह विभिन्न प्रकार के प्रोटीनों को जोड़ने का भी कार्य करता है। इसकी कई किस्में होती हैं जिनमें रिबोसोमल आर एन ए, ट्रांसफर आरएनए और मैसेंजर आर एन ए प्रमुख हैं।


आर एन ए की श्रंखला फास्फेट्स और राइबोस के समूहों से मिलकर बनती है, जिससे इसके चार मूल तत्व, एडिनाइन, फाइटो साइन, गुआनाइन और यूरासिल जुड़े होते हैं। डीएनए से विपरीत RNA एकल श्रंखला होती है जिसकी मदद से यह खुद को कोशिका के सकरे आकार में समाहित कर लेता है।


आर एन ए का स्वरूप एक सहशताब्दी यानी 1000 वर्षों में बहुत कम बदलता है। अतएव इसका प्रयोग विभिन्न प्राणियों के संयुक्त पूर्वजों की खोज करने में किया जाता है। डीएनए ही आर एन ए के संधि पात्र की भूमिका अदा करता है। मूलतः डीएनए में ही आर एन ए का रूप निहित होता है। इसलिए आवश्यकतानुसार डीएनए, जिसके पास आर एन ए बनाने का अधिकार होता है, आवश्यक सूचना लेकर काम में लग जाता है।





























डीएनए और आरएनए में अंतर-



    DNA (डीएनए)

    RNA (आर एन ए)

डीएनए का मतलब होता है डी ऑक्सी राइबोज न्यूक्लिक एसिड।

आर एन ए का मतलब होता है राइबो न्यूक्लिक एसिड

डीएनए मुख्य केंद्रक में पाया जाता है।

आरएनए मुख्य केंद्र तथा कोशिका द्रव्य में भी पाया जाता है।

यह न्यूक्लियोटाइड की एक लंबी श्रंखला से मिलकर दो फंसे हुए अणु हैं। जिससे मिलकर डीएनए बनता है।

यह न्यूक्लियोटाइड की छोटी श्रंखलाओं वाले एकल-भूग्रस्त हेलिक्स हैं। जिससे मिलकर आरएनए बनता है

डीएनए अल्ट्रावायलेट किरणों से क्षतिग्रस्त हो सकता है।

आरएनए पर अल्ट्रावायलेट किरणों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

डीएनए नई कोशिकाओं और जीवो को उत्पन्न करने तथा उनकी अनुवांशिक जानकारी को एकत्रित करता है और इसको स्थानांतरित भी करता है।

आरएनए इसका प्रयोग अनुवांशिक सूचकांक को न्यूक्लियस से राइबोसोम में प्रोटीन बनाने के लिए और डीएनए की प्रतिलिपि के दिशानिर्देशों को ले जाने में किया जाता है।

डीएनए में फास्फेट समूह, पांच कार्बन शुगर (स्थिर डीऑक्सिराइबोस 2) और चार नाइट्रोजन बेस वाले दो न्यूक्लियोटाइड किस्म होता है।

आरएनए में फास्फेट समूह, 5 कार्बन शुगर (कम स्थिर राइबोस) और चार नाइट्रोजन बेस से युक्त एक अकेला होता है।

डीएनए स्वयं से प्रतिकृति है या स्वयं से ही बनता रहता है।

आरएनए स्वयं से प्रतिकृति या स्वयं से नहीं बनता है इसको आवश्यकता होने पर डीएनए से संश्लेषित किया जाता है।

इसमें एडेनिन, ग्वानिन, साइटोंसिन और थाइमिन नामक चार नाइट्रोजनी क्षार होते हैं।

आरएनए मैं थायमिन नामक क्षार नहीं होता है। उसकी जगह पर यूरेसिल नामक क्षार होता है।

किसी भी सेल के लिए डीएनए की मात्रा तय होती है।

किसी भी सेल के लिए आरएनए की मात्रा बदल सकती है।

डीएनए की बेस पेरिंग एटी (AT) और जीसी (GC) है।

आरएनए की बेस पेरिंग ए.यू. (AU) और जी.सी (GC) है।

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